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प्रशांत महासागर के कुछ द्वीप और एकांतप्रिय देश ही अब तक कोविड-19 से बचे

पूरी दुनिया कोरोना की मार झेल रही है. दुनिया के कोने कोने से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, ऐसी कुछ जगहें अब भी हैं जहां कोरोना संक्रमण नहीं पहुंचा है. इनमें से कुछ द्विप हैं और कुछ देश.

islands of the Pacific Ocean
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 12, 2020, 11:03 PM IST

वेलिंगटन : अर्जेंटिना से लेकर जिम्बाब्वे तक और वेटिकन से लेकर ह्वइट हाउस तक कोरोना वायरस ने सभी जगह लोगों को शिकार बनाया है. यह पुष्टि हो चुकी है कि कोरोना वायरस की महामारी प्रत्येक महाद्वीप और लगभग हर देश में दस्तक दे चुकी है, लेकिन अब भी दुनिया के कुछ हिस्से हैं जहां संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.

इनमें से कुछ वास्तव में संक्रमण से बचे हुए हैं, जबकि आशंका है कि कई सच्चाई छिपा रहे हैं. ऐसे ही स्थानों में दक्षिण प्रशांत महासागर के कुछ द्वीप हैं. टोंगा, किराबाती, सामोआ, माइक्रोनेशिया और तुवालु छोटे द्वीपीय देश हैं, जहां पर अब तक कोविड-19 का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है.

टोंगा के चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री के अध्यक्ष पाउला टाउमोइपियाउ ने कहा कि देश मार्च महीने में ही क्रूज जहाजों को तट से दूर रोक रहा है और हवाई अड्डे को बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि कोई मामला नहीं आने के बावजूद सरकार ने लॉकडॉउन लगा दिया था, इन दिनों कोविड-19 जांच रिर्पोट नेगेटिव आने के बाद ही लोगों को वापस आने दिया जा रहा है.

बता दें कि टोंगा की कुल आबादी करीब एक लाख है. इसके अलावा निर्जन अंटार्कटिक महाद्वीप भी एक मात्र कोरोना वायरस से मुक्त महाद्वीप है. यहां केवल विभिन्न देशों के अनुसंधानकर्ता ही आते हैं लेकिन कोविड-19 की वजह से देशों ने इनकी संख्या कम कर दी है.

पढ़ें-कोविशिल्ड के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल, 1600 प्रतिभागियों का पंजीकरण

एकांतप्रिय और दुनिया से अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया में भी अब तक आधिकारिक रूप से कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है. यहां की कुल आबादी ढाई करोड़ है और यह आशंका है कि तानाशाह किम जोंग उन अपना बेहतर रिकॉर्ड दिखाने के लिए आंकड़ों को छिपा रहे हैं.

उत्तर कोरिया का कहना है कि वायरस को फैलने से रोकने का अभियान राष्ट्रीय अस्तित्व का मु्द्दा है. उसने सीमा पर यातायात को कड़ाई से रोका, पर्यटकों के आने पर रोक लगाई और नागरिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया है.

उल्लेखनीय है कि सितंबर में उत्तर कोरिया ने उसकी समुद्री सीमा में आ रहे एक दक्षिण कोरियाई अधिकारी को गोली मार दी थी और वायरस रोधी मानकों के तहत उसका शव तैरते अस्थायी मंच पर रखकर जला दिया था.

उत्तर कोरिया की तरह तुर्कमेनिस्तान के भी इस दावे पर आशंका जताई जा रही है कि वहां पर अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण का मामला नहीं आया है. करीब 60 लाख आबादी वाले मध्य एशियाई देश तुर्कमेनिस्तान का प्रशासन गोपनीयता बरतने वाला अधिनायकवादी है. हालांकि, उसने आंकड़ों को छिपाने के आरोपों का खंडन किया है.

वेलिंगटन : अर्जेंटिना से लेकर जिम्बाब्वे तक और वेटिकन से लेकर ह्वइट हाउस तक कोरोना वायरस ने सभी जगह लोगों को शिकार बनाया है. यह पुष्टि हो चुकी है कि कोरोना वायरस की महामारी प्रत्येक महाद्वीप और लगभग हर देश में दस्तक दे चुकी है, लेकिन अब भी दुनिया के कुछ हिस्से हैं जहां संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.

इनमें से कुछ वास्तव में संक्रमण से बचे हुए हैं, जबकि आशंका है कि कई सच्चाई छिपा रहे हैं. ऐसे ही स्थानों में दक्षिण प्रशांत महासागर के कुछ द्वीप हैं. टोंगा, किराबाती, सामोआ, माइक्रोनेशिया और तुवालु छोटे द्वीपीय देश हैं, जहां पर अब तक कोविड-19 का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है.

टोंगा के चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री के अध्यक्ष पाउला टाउमोइपियाउ ने कहा कि देश मार्च महीने में ही क्रूज जहाजों को तट से दूर रोक रहा है और हवाई अड्डे को बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि कोई मामला नहीं आने के बावजूद सरकार ने लॉकडॉउन लगा दिया था, इन दिनों कोविड-19 जांच रिर्पोट नेगेटिव आने के बाद ही लोगों को वापस आने दिया जा रहा है.

बता दें कि टोंगा की कुल आबादी करीब एक लाख है. इसके अलावा निर्जन अंटार्कटिक महाद्वीप भी एक मात्र कोरोना वायरस से मुक्त महाद्वीप है. यहां केवल विभिन्न देशों के अनुसंधानकर्ता ही आते हैं लेकिन कोविड-19 की वजह से देशों ने इनकी संख्या कम कर दी है.

पढ़ें-कोविशिल्ड के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल, 1600 प्रतिभागियों का पंजीकरण

एकांतप्रिय और दुनिया से अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया में भी अब तक आधिकारिक रूप से कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है. यहां की कुल आबादी ढाई करोड़ है और यह आशंका है कि तानाशाह किम जोंग उन अपना बेहतर रिकॉर्ड दिखाने के लिए आंकड़ों को छिपा रहे हैं.

उत्तर कोरिया का कहना है कि वायरस को फैलने से रोकने का अभियान राष्ट्रीय अस्तित्व का मु्द्दा है. उसने सीमा पर यातायात को कड़ाई से रोका, पर्यटकों के आने पर रोक लगाई और नागरिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया है.

उल्लेखनीय है कि सितंबर में उत्तर कोरिया ने उसकी समुद्री सीमा में आ रहे एक दक्षिण कोरियाई अधिकारी को गोली मार दी थी और वायरस रोधी मानकों के तहत उसका शव तैरते अस्थायी मंच पर रखकर जला दिया था.

उत्तर कोरिया की तरह तुर्कमेनिस्तान के भी इस दावे पर आशंका जताई जा रही है कि वहां पर अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण का मामला नहीं आया है. करीब 60 लाख आबादी वाले मध्य एशियाई देश तुर्कमेनिस्तान का प्रशासन गोपनीयता बरतने वाला अधिनायकवादी है. हालांकि, उसने आंकड़ों को छिपाने के आरोपों का खंडन किया है.

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