नई दिल्ली : इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) की ताजा बेलुटिन में कहा गया है कि भारत में ओमीक्रोन स्वरूप सामुदायिक संक्रमण के स्तर पर है और जिन महानगरों में कोविड-19 मामलों में तेज वृद्धि देखी जा रही है, वहां यह हावी हो गया है. खासतौर से दिल्ली और मुंबई में, जहां नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोविड-19 के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के लिए सरकार द्वारा गठित समूह INSACOG ने यह भी कहा कि ओमीक्रोन के संक्रामक उप-स्वरूप बीए.2 की देश के कुछ हिस्सों में मौजूदगी मिली है.
INSACOG ने कहा कि भारत में ओमीक्रोन का प्रसार अब विदेशी यात्रियों के माध्यम से नहीं बल्कि देश के भीतर ही होने की आशंका है. संक्रमण के प्रसार के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर आईएनएसएसीओजी में नमूना एकत्र करने और अनुक्रमण रणनीति में संशोधन पर काम किया जा रहा है. ओमीक्रोन वेरिएंट के संक्रमण के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर INSACOG एक संशोधित सैपंलिंग रणनीति पर काम कर रहा है.
INSACOG ने कहा कि अब तक के अधिकांश ओमीक्रोन मामले स्पर्शोन्मुख या हल्के रहे हैं. हालांकि अब भी खतरे का स्तर ऊंचा बना हुआ है और निरंतर निगरानी की आवश्यकता है. इसमें कहा गया है कि ओमीक्रोन के संक्रमण की दर डेल्टा की तुलना में अधिक बताई गई है, खासकर गैर-पारिवारिक संपर्कों में.
खतरे का स्तर अपरिवर्तित बना हुआ है
संस्था ने कहा कि टीके की दो खुराक संक्रमण को रोकने में प्रभावी नहीं लगती है, लेकिन गंभीरता को कम करने में प्रभावी है. अब तक अधिकांश ओमिक्रोन मामले स्पर्शोन्मुख या हल्के रहे हैं. लेकिन वर्तमान लहर में अस्पताल में भर्ती और आईसीयू के मामले बढ़ रहे हैं. खतरे का स्तर अपरिवर्तित बना हुआ है.
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INSACOG ने कहा कि वायरस के जेनेटिक बदलाव से बना 'एस-जीन' ओमीक्रोन स्वरूप के जैसा ही है. बयान में कहा गया है, 'हाल में सामने आए बी.1.640.2 वंश की निगरानी की जा रही है. इसके तेजी से फैलने का कोई सबूत नहीं है. प्रतिरक्षा को इसके भेदने की आशंका है लेकिन फिलहाल यह चिंताजनक स्वरूप नहीं है. अब तक, भारत में ऐसे किसी भी मामले का पता नहीं चला है.