नई दिल्ली : ओबीसी सूची से जुड़े विधेयक (OBC List Bill) पर चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीयत साफ हो तभी तो भरोसा होगा की आरक्षण बचा रहेगा. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेता जातियों के बीच नफरत फैलाने का काम करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय भाजपा का चेहरा सभी ने देखा है.
ओबीसी सूची को लेकर 127वें संविधान संशोधन विधेयक पर अखिलेश ने कहा कि सरकार जब ओबीसी सूची को लेकर इतना बड़ा फैसला लेने जा रही है, तो कास्ट सेंसस के आंकड़े जारी किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
उन्होंने कहा कि जातियों के दायरे में रह कर काम करना हमारे समाज की सच्चाई है. अखिलेश ने कहा कि पिछड़ों का भला गिनती के लोगों को मंत्री बनाने से नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'सोशलिस्ट लोगों ने नारा दिया था, ...पिछड़े पावें 100 में 60'
भाजपा को चुनौती देते हुए अखिलेश ने कहा कि इन लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर पिछड़े समुदाय के लोगों का समर्थन नहीं दिया तो इनकी सरकार का कुछ पता नहीं चलेगा.
आरक्षण की ऊपरी सीमा 50 फीसद से ज्यादा करें
अखिलेश ने कहा, 'आपको पिछड़ों ने ही मौका दिया है, यहां बैठने का. जिस दिन पिछड़े हट जाएंगे और दलित हट जाएंगे, आपका पता नहीं लगेगा कि आप कहां पर हो.' उन्होंने कहा कि सरकार को जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने चाहिए. इसके अलावा आरक्षण की ऊपरी सीमा 50 फीसद से ज्यादा की जानी चाहिए.
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संसद में घटते जनाधार से इनकार करते हुए अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी. भाजपा सरकार को मिले वोटों पर अखिलेश ने कहा कि इनकी सरकार ही पिछड़ी जाति के मतों से बनी है. उन्होंने कहा कि सपा मांग करती है कि आरक्षण की सीमा 50 फीसद से ऊपर की जानी चाहिए.