पटना : नीतीश कुमार ने आज सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
7वीं बार सीएम बनने का रिकॉर्ड नीतीश के नाम
नीतीश कुमार एक मंझे हुए नेता हैं, जिन्हें बिहार की राजनीति में चाणक्य नाम दिया गया है. सोशल इंजीनियरिंग की जादूगरी से नीतीश कुमार जनता का मन जीतने में कामयाब रहे हैं. पिछली बार उन्होंने इसी जादूगरी से सत्ता हासिल की. अबकी नीतीश कुमार ने चुनावी मैदान में जो इमोशनल पत्ता फेंका, राजनीतिक पंडितों की मानें, तो वो काम कर गया.
नीतीश कुमार 3 मार्च 200 को 29वें, नवंबर 2005 31वें, नवंबर 2010 32वें, फरवरी 2015 में 34वें, नवंबर 2015 में 35वें और जुलाई 2017 में 36वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं. विचारों से समाजवादी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी सुलझे हुए नेता माने जाते हैं.
इस बार के चुनाव के लिए प्रचार प्रसार के दौरान उन्होंने 2020 के चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बता दिया. नीतीश कुमार ने कहा, 'ये मेरा आखिरी चुनाव है, अंतिम बार मुझे मौका जरूर दीजिए. अंत भला तो सब भला.' अब उन्हें जनता ने मौका दे दिया है. ऐसे में नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर के बारे में जान लेते हैं.
नीतीश कुमार का संक्षिप्त परिचय
- बिहार के पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार का जन्म साल 1951 में बिहार के एक कुर्मी परिवार में हुआ था.
- नीतीश का उपनाम मुन्ना है.
- नीतीश ने राजनीति के गुरु जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नांडिस थे.
- 22 फरवरी, 1973 को पेशे से इंजीनियर मंजू कुमारी सिन्हा से नीतीश कुमार का विवाह हुआ.
- नीतीश कुमार का एक पुत्र है, जो बीआईटी से ग्रेजुएट है.
राजनीति में रखे कदम
- साल 1977 में नीतीश कुमार ने राजनीति में कदम रखा. इस साल नीतीश ने जनता पार्टी के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा.
- साल 1985 में नीतीश बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए.
- नीतीश का राजनीतिक कद धीरे-धीरे बढ़ता गया. इसी बीच साल 1987 में नीतीश कुमार बिहार के युवा लोकदल के अध्यक्ष बन गए.
- नीतीश राजनीति में पारंगत हो ही रहे थे कि साल 1989 में नीतीश कुमार को जनता दल (बिहार) का महासचिव बना दिया गया.
- साल 1989 नीतीश के राजनीतिक करियर के लिए काफी रहा. इस साल नीतीश 9वीं लोक सभा के लिए चुने गए.
- लोक सभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था.
- इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे.
- साल 1991 में 10वीं लोक सभा का चुनाव हुए नीतीश एक बार फिर से संसद में पहुंचे.
- 1991 में ही नीतीश कुमार जनता दल के महासचिव बने और संसद में जनता दल के उपनेता भी बने.
- करीब दो साल बाद 1993 में नीतीश को कृषि समिति का चेयरमैन बनाया गया.
- साल 1996 में नीतीश कुमार 11वीं लोक सभा के लिए चुने गए.
- नीतीश साल 1996 से 1998 तक रक्षा समिति के सदस्य भी रहे.
- साल 1998 ने नीतीश फिर से 12वीं लोक सभा के लिए चुने गए.
- 1998 से 1999 तक नीतीश कुमार केंद्रीय रेलवे मंत्री भी रहे.
- 1999 में नीतीश कुमार 13वीं लोक सभा के लिए चुने गए.
- इसके बाद उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया गया.
बिहार की सत्ता की कमान
साल 2000 नीतीश के राजनीतिक करियर का सबसे अहम मोड़ था. इस साल नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. उनका कार्यकाल महज 8 दिन का रहा. उन्होंने 3 मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000 तक सीएम पद संभाला.
- इसके बाद साल 2000 में ही नीतीश एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री बनाए गए.
- साल 2001 में नीतीश को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया.
- साल 2001 से 2004 तक नीतीश केंद्रीय रेलमंत्री रहे.
- साल 2004 में नीतीश 14वीं लोक सभा के लिए चुने गए.
पहली बार 5 साल के लिए मिली सत्ता
वर्ष 2005 में नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने. उन्होंने बतौर 31वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नीतीश का ये कार्यकाल 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक चला.
- 26 नवंबर, 2010 को नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने.
- तीसरी बार उनका कार्यकाल 25 नवंबर, 2010 से 19 मई, 2014 तक रहा.
- चौथी बार नीतीश कुमार ने 22 फरवरी, 2015 को सीएम पद की शपथ ली. नीतीश का ये कार्यकाल 19 नवंबर, 2015 को खत्म हो गया.
- 35वें मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश ने महागठबंधन का दामन थामते हुए 20 नवंबर, 2015 को शपथ ली. उनका ये कार्यकाल 26 जुलाई, 2017 तक चला.
- इसके बाद नीतीश कुमार को एनडीए का साथ पसंद आया और उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर 27 जुलाई, 2017 को अपनी सरकार बनाई और सीएम पद की शपथ ली.
- अब नीतीश कुमार 16 नवंबर को एक बार फिर शपथ लेकर 7वीं बार बिहार के सीएम बनेंगे. इसके साथ ही बिहार को 37वां सीएम मिलेगा.
राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने के बाद रविवार को नीतीश कुमार मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा, 'महामहिम राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा गया है. उन्होंने इसे स्वीकार कर मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नामित कर दिया है.'