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NIA court : ग्रामीणों पर फायरिंग के मामले में बोडो उग्रवादी को NIA कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

एनआईए के विशेष कोर्ट (NIA Special Court) ने असम में ग्रामीणों पर गोलीबारी करने वाले बोडो उग्रवादी रबी बासुमतारी उर्फ रोंगजबजा को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा उसे 10 साल के सश्रम कारावास की सजा दी गई है. पढ़िए पूरी खबर...

NIA Special Court
एनआईए के विशेष कोर्ट
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Published : Mar 22, 2023, 3:50 PM IST

नई दिल्ली : गुवाहाटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत (NIA Special Court) ने असम में ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी के 2014 के एक मामले में एक बोडो उग्रवादी रबी बासुमतारी उर्फ रोंगजबजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रोंगजबजा और रबी जैसे अन्य उपनामों से पहचाने जाने वाले बोडो उग्रवादी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न मामलों में आजीवन कारावास के साथ 10 साल के सश्रम कारावास की भी सजा दी गई थी.

अदालत द्वारा 13 मार्च को दोषी ठहराए गए रबी को आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 और धारा 16 (1) (ए) और 20 के तहत दो मामलों में आजीवन कारावास और दो अन्य में सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. एनआईए ने कहा कि सभी मामलों में बोडो उग्रवादी पर जुर्माना भी लगाया गया है और उसे चुकाने में विफल रहने पर उसे अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. बता दें कि मामले में सात ग्रामीणों की मौत हो गई थी और दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसमें रबी को सितंबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था और एनआईए ने मार्च 2017 में पहली पूरक चार्जशीट के माध्यम से चार्जशीट दाखिल की थी.

मामले में मूल चार्जशीट असम के गोसाईगांव (बालापारा) में आरोपी प्रदीप ब्रह्मा उर्फ ​​पावलर के खिलाफ अगस्त 2015 में दायर की गई थी. दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट अक्टूबर 2019 में आरोपी उपेन बासुमतारी उर्फ ​​उसाओबादाओ के खिलाफ दायर की गई थी, जबकि तीसरा सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2015 में दायर की गई थी.वहीं पांच फरार आरोपितों के खिलाफ जनवरी 2021 चार्जशीट दाखिल की गई थी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2016 में आरोपी प्रदीप ब्रह्मा को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं फरार आरोपी की तलाश जारी है.

मामले की जांच से पता चला कि रबी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोरोलैंड (NDFB) का सदस्य था, जो एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है जो बोडो लोगों के लिए एक संप्रभु बोरोलैंड प्राप्त करने के लिए लड़ रहा है. असम के कोकराझार जिले के गोसाईगांव पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बालापरा गांव में 1 मई, 2014 को रबी, एनडीएफबी के छह अन्य कैडरों के साथ घुस गया था. यहां पर उग्रवादियों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थीं. इस संबंध में विशेष एनआईए अदालत ने बाद में 2015 में मामले को विशेष मामले के रूप में इसे दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें- NIA files chargesheet : आतंकी-गैंगस्टर कनेक्शन में 12 के खिलाफ चार्जशीट, खालिस्तानी कट्टरपंथियों का भी नाम

नई दिल्ली : गुवाहाटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत (NIA Special Court) ने असम में ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी के 2014 के एक मामले में एक बोडो उग्रवादी रबी बासुमतारी उर्फ रोंगजबजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रोंगजबजा और रबी जैसे अन्य उपनामों से पहचाने जाने वाले बोडो उग्रवादी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न मामलों में आजीवन कारावास के साथ 10 साल के सश्रम कारावास की भी सजा दी गई थी.

अदालत द्वारा 13 मार्च को दोषी ठहराए गए रबी को आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 और धारा 16 (1) (ए) और 20 के तहत दो मामलों में आजीवन कारावास और दो अन्य में सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. एनआईए ने कहा कि सभी मामलों में बोडो उग्रवादी पर जुर्माना भी लगाया गया है और उसे चुकाने में विफल रहने पर उसे अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. बता दें कि मामले में सात ग्रामीणों की मौत हो गई थी और दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसमें रबी को सितंबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था और एनआईए ने मार्च 2017 में पहली पूरक चार्जशीट के माध्यम से चार्जशीट दाखिल की थी.

मामले में मूल चार्जशीट असम के गोसाईगांव (बालापारा) में आरोपी प्रदीप ब्रह्मा उर्फ ​​पावलर के खिलाफ अगस्त 2015 में दायर की गई थी. दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट अक्टूबर 2019 में आरोपी उपेन बासुमतारी उर्फ ​​उसाओबादाओ के खिलाफ दायर की गई थी, जबकि तीसरा सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2015 में दायर की गई थी.वहीं पांच फरार आरोपितों के खिलाफ जनवरी 2021 चार्जशीट दाखिल की गई थी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2016 में आरोपी प्रदीप ब्रह्मा को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं फरार आरोपी की तलाश जारी है.

मामले की जांच से पता चला कि रबी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोरोलैंड (NDFB) का सदस्य था, जो एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है जो बोडो लोगों के लिए एक संप्रभु बोरोलैंड प्राप्त करने के लिए लड़ रहा है. असम के कोकराझार जिले के गोसाईगांव पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बालापरा गांव में 1 मई, 2014 को रबी, एनडीएफबी के छह अन्य कैडरों के साथ घुस गया था. यहां पर उग्रवादियों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थीं. इस संबंध में विशेष एनआईए अदालत ने बाद में 2015 में मामले को विशेष मामले के रूप में इसे दर्ज किया था.

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