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अलीगढ़ में कुत्तों के हमले से मौत मामले में मुख्य सचिव, वीसी व नगर आयुक्त को एनएचआरसी का नोटिस

अलीगढ़ में कुत्तों के हमले से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव, वीसी व नगर आयुक्त को नोटिस थमाया है. नोटिस का जवाब छह हफ्ते में तलब किया गया है.

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Published : Apr 20, 2023, 8:37 PM IST

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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैंपस में कुत्ते के हमले में रिटायर डॉक्टर सफदर अली की मौत के मामले को एनएचआरसी ने संज्ञान में लिया है. एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, एएमयू कुलपति और नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है. बता दें कि 16 अप्रैल को एएमयू कैंपस में 65 वर्षीय यूनिसेफ के रिटायर डॉक्टर पर कुत्तों ने हमला कर दिया था. डॉक्टर सफदर अली एएमयू कैंपस में टहलने के लिए गए थे. इस दौरान कुत्तों के हमले में उनकी मौत हो गई. उनकी दर्दनाक मौत का वीडियो सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुआ जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

एनएचआरसी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति और अलीगढ़ नगर निगम के नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है. 6 सप्ताह में घटना की पूरी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है. इसे एक भयावह घटना माना है. साथ ही राज्य सरकार से यह सूचित करने की अपेक्षा की है कि क्या मृतक के निकटतम संबंधी को कोई राहत दी गई है.

एनएचआरसी ने सचिव, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार से बिना किसी उकसावे के मनुष्यों पर आवारा पशुओं द्वारा हमले की बढ़ती घटनाओं पर टिप्पणी मांगी है. इस पर 6 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

आयोग ने पाया है कि इस दर्दनाक घटना से ज्ञात होता है कि मौजूदा सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की आवश्यकता है क्योंकि यह किसी एक राज्य, केंद्र शासित प्रदेश की समस्या नहीं है. स्थिति गंभीर और खतरनाक है. पूर्व में भी आयोग ने ऐसी घटनाओं का संज्ञान लिया था और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी.

हालांकि आयोग की तरफ से कहा गया कि जानवरों को उत्पीड़न , अमानवीय व्यवहार से बचाना और उनकी रक्षा करना जरूरी है, ताकि उन्हें मनुष्य द्वारा पीड़ित होने से बचाया जा सके. वहीं, इंसानों और बेजुबान जानवरों के बीच लगातार टकराव पैदा हो रहे हैं . यह निश्चित रूप से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. इसको देखते हुए अधिकारियों को बिना किसी देरी के प्रभावी कार्रवाई करने की जरुरत है. आयोग ने कहा है कि मुद्दे की गंभीरता और गहनता को समझना आवश्यक है. आयोग ने कहा कि मनुष्य के जीवन के अधिकार की रक्षा करने की आवश्यकता है.


ये भी पढ़ेंः दो दिन से लापता भाजपा नेत्री के पालतू कुत्ते का पैर काटा, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैंपस में कुत्ते के हमले में रिटायर डॉक्टर सफदर अली की मौत के मामले को एनएचआरसी ने संज्ञान में लिया है. एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, एएमयू कुलपति और नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है. बता दें कि 16 अप्रैल को एएमयू कैंपस में 65 वर्षीय यूनिसेफ के रिटायर डॉक्टर पर कुत्तों ने हमला कर दिया था. डॉक्टर सफदर अली एएमयू कैंपस में टहलने के लिए गए थे. इस दौरान कुत्तों के हमले में उनकी मौत हो गई. उनकी दर्दनाक मौत का वीडियो सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुआ जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

एनएचआरसी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति और अलीगढ़ नगर निगम के नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है. 6 सप्ताह में घटना की पूरी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है. इसे एक भयावह घटना माना है. साथ ही राज्य सरकार से यह सूचित करने की अपेक्षा की है कि क्या मृतक के निकटतम संबंधी को कोई राहत दी गई है.

एनएचआरसी ने सचिव, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार से बिना किसी उकसावे के मनुष्यों पर आवारा पशुओं द्वारा हमले की बढ़ती घटनाओं पर टिप्पणी मांगी है. इस पर 6 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

आयोग ने पाया है कि इस दर्दनाक घटना से ज्ञात होता है कि मौजूदा सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की आवश्यकता है क्योंकि यह किसी एक राज्य, केंद्र शासित प्रदेश की समस्या नहीं है. स्थिति गंभीर और खतरनाक है. पूर्व में भी आयोग ने ऐसी घटनाओं का संज्ञान लिया था और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी.

हालांकि आयोग की तरफ से कहा गया कि जानवरों को उत्पीड़न , अमानवीय व्यवहार से बचाना और उनकी रक्षा करना जरूरी है, ताकि उन्हें मनुष्य द्वारा पीड़ित होने से बचाया जा सके. वहीं, इंसानों और बेजुबान जानवरों के बीच लगातार टकराव पैदा हो रहे हैं . यह निश्चित रूप से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. इसको देखते हुए अधिकारियों को बिना किसी देरी के प्रभावी कार्रवाई करने की जरुरत है. आयोग ने कहा है कि मुद्दे की गंभीरता और गहनता को समझना आवश्यक है. आयोग ने कहा कि मनुष्य के जीवन के अधिकार की रक्षा करने की आवश्यकता है.


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