नई दिल्ली : कोयम्बत्तूर में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की महिला ऑफिसर से कथित रूप से दुष्कर्म मामले में पीड़िता ने आरोप लगाया कि सेना के चिकित्सा अधिकारियों ने उसका अवैध टू-फिंगर टेस्ट किया. इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women-NCW) ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.
NCW ने भारतीय वायु सेना के चीफ मार्सल को लिखा कि इस मामले पर आवश्यक कदम उठाने और वायु सेना के चिकित्सकों को टू-फिंगर टेस्ट को अवैज्ञानिक बताते हुए सरकार व आईसीएमआर द्वारा निर्धारित मौजूदा दिशा-निर्देशों के बारे में आवश्यक जानकारी दें.
NCW ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग पूरी तरह से निराश है और पीड़ित पर प्रतिबंधित टू-फिंगर टेस्ट करने वाले वायु सेना के चिकित्सकों की कार्रवाई की कड़ी निन्दा करता है. इससे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन हुआ है तथा पीड़ित की निजता और गरिमा के अधिकार का भी हनन हुआ है.
NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस संबंध में एयर चीफ मार्शल को पत्र लिखा है.
बता दें कि वायु सेना की 29 वर्षीया महिला ऑफिसर ने एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.