मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर्जत-जमशेद विधानसभा सीट से राकांपा विधायक रोहित पवार की जांच कर रहा है. रोहित राकांपा प्रमुख शरद पवार के पोते भी हैं. पवार 2006 से 2012 तक ग्रीन एकर रिजॉर्ट एंड रियल टच में निदेशक के रूप में अपनी भूमिका के लिए जांच के दायरे में हैं. ग्रीन एकर रिजॉर्ट एंड रियल टच के बोर्ड में एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश वधावन भी थे. सूत्रों ने कहा कि कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि पात्रा चाल घोटाले, डीएचएफएल घोटाले और पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक धोखाधड़ी मामले में रोहित की भूमिका की जांच हो.
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कार्यकर्ताओं की मांग थी कि यह जांच ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ही करे. इसी मामले में एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश वधावन अभी जेल में हैं. सूत्रों ने कहा कि ईडी ने कंपनी की ओर से अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण की शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच शुरू की है. ईडी रोहित पवार और वधावन के बीच व्यापारिक संबंधों की भी जांच करेगा. एजेंसी कंपनी के शेयरधारकों और निदेशकों के लेन-देन की भी जांच करेगी. ईडी अपनी जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर सकती है.
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राज्य राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि उनका (रोहित का) नाम बदले की राजनीति के कारण सामने आया है. ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ किया जा रहा है. वह ग्रीन एकर के निदेशक नहीं हैं. महंगाई और बेरोजगारी पर बीजेपी के खिलाफ बोलने वाले महा विकास अघाड़ी के नेताओं को इस तरह की जांच में फंसाया जा रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एनसीपी के पूर्व मंत्री नवाब मलिक और अनिल देशमुख पहले से ही जेल में हैं.
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रोहित पवार ने पहले दावा किया था कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्र द्वारा ईडी का दुरुपयोग किया गया है और संकेत दिया है कि उन्हें केंद्रीय एजेंसी से नोटिस मिल सकता है. उन्होंने पहले कहा था कि ईडी ने एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के खिलाफ जांच शुरू की है, लेकिन भाजपा नहीं उनकी लिस्ट में नहीं है. यह एक संस्थान के बजाय एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है. अब आम आदमी भी ईडी की चर्चा कर रहा है और इसे राजनीतिक हथियार बता रहा है. कल हो सकता है कि ईडी मुझे समन भेजे, इसलिए हम सभी इसके लिए तैयार हैं.