नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह का आज पहला दिन है. लोकसभा में महंगाई और नई जीएसटी दरों के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी की. एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्ष के हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा, मैं सदस्यों से सदन में तख्तियां लाना बंद करने का आग्रह करता हूं. सरकार चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन जब विपक्ष शांत नहीं हुआ, तो अध्यक्ष ने दोपहर तीन बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
उल्लेखनीय है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह के चलते संसद की कार्यवाही दोपहर दो बजे से शुरू हुई. वहीं, दोनों सदनों में सप्ताह के पहले दिन ही महंगाई और नई जीएसटी दरों को लेकर विपक्ष हंगामा करने के आसार हैं. इस मुद्दे पर गतिरोध अभी भी बरकरार है.
इसके अलावा, कांग्रेस स्मृति ईरानी से जुड़ा मामला संसद में उठा सकती है. कांग्रेस ने शनिवार को एक पत्रकार सम्मेलन में कहा था कि वह ये मामला संसद में उठाएंगे. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा को कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि वे उन पर और उनकी बेटी पर लगाए गए निराधार और झूठे आरोपों के लिए माफी मांगें. ईरानी ने यह कदम कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद उठाया है.
लोकसभा में किरेन रिजीजू कुटुम्ब न्यायालय अधिनियम, 1984 का और संशोधन करने वाले विधेयक पर विचार करने का प्रस्ताव पेश करेंगे. यह प्रस्ताव भी करेंगे कि विधेयक पारित किया जाए. वहीं, राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय संसद की राजभाषा समिति के चुनाव के लिए एक प्रस्ताव पेश करेंगे.
संसद सदस्यों ने सोमनाथ चटर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश, राज्य सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और पीसी मोदी, संसद सदस्य, पूर्व संसद सदस्य तथा लोक सभा और राज्य सभा सचिवालयों के अधिकारियों ने आज संसद भवन में सोमनाथ चटर्जी की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की.
चटर्जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था और शिक्षा तथा खेलकूद से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी रुचि थी. वह हर अर्थ में आम जनता से जुड़े हुए व्यक्ति थे. उन्होंने राजनीति से ऊपर उठकर भारत के लोकतंत्र के सिद्धांतों एवं मूल्यों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता दर्शाई. वर्ष 1971 में लोकसभा के सदस्य बने सोमनाथ चटर्जी सभी सांसदों के लिए अनुकरणीय थे. एक कुशल अधिवक्ता, ट्रेड यूनियन के नेता, मुखर और प्रभावी सांसद, एक कद्दावर नेता और बाद में विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र के संसद के लोकसभा अध्यक्ष चटर्जी ने लोकतंत्र में विश्वास करने वाले विश्व के समर्थकों को प्रोत्साहित किया. अपने सार्वजनिक जीवन के दौरान उनका सतत प्रयास रहा कि वे जनता के मन में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति सम्मान की भावना जागृत करें और इन संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखें. चटर्जी 4 जून 2004 से 31 मई 2009 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे.
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