नेल्लोर : आंध्र प्रदेश में आज सबसे छोटा स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle-SSLV) रॉकेट का परीक्षण किया गया. इस दौरान सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए और परीक्षण सफल (mini rocket launcher SSLV test conducted successful) रहा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष सोमनाथ की देखरेख में रॉकेट का भूस्थैतिक परीक्षण (geostationary testing of rocket) किया गया. यह परीक्षण नेल्लोर जिले के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में किया गया.
ISRO भारतीय अंतरिक्ष व्यापार में सस्ते विदेशी उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करने जा रहा है. इसके मद्देनजर ISRO ने SSLV को छोटे रॉकेटों के साथ छोटे उपग्रहों के उपयोग की लागत को कम करने के लिए डिजाइन किया है. ISRO ने बताया कि मिनी रॉकेट लॉन्चर में कई नई तकनीकों और नवीन प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है. इसमें कक्षा में 500 किलोग्राम तक वजन वाले उपग्रहों को लॉन्च करने की क्षमता है. SSLV में तीन ठोस ईंधन मोटर्स लगे हैं.
बता दें कि ISRO ने इस साल के अपने पहले सैटेलाइट पीएसएलवी-सी52 को पहले ही लॉन्च कर दिया है. पीएसएलवी यान (PSLV-C52) से इस उपग्रह को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था. 1,710 किलोग्राम वजन वाला ईओएस-04 उपग्रह को पीएसएलवी-सी52 के जरिए सूर्य की ध्रुवीय कक्षा में पृथ्वी से 529 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.
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अंतरिक्ष एजेंसी के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने अंतरिक्ष के लिए सुबह 5.59 बजे पर उड़ान भरी और तीनों उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया. इसरो ने ट्वीट किया कि करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया, जिस पर इस साल के पहले अभियान पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने खुशी जतायी. उसने बताया कि ईओएस-04 को सुबह छह बजकर 17 मिनट पर सूर्य की तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया.