नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ने के लिए जिला स्तरीय समन्वय बढ़ाने के लिए कहा है. गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से उन लोगों से कहा है जो ड्रग्स के खतरे से लड़ने के लिए जिला स्तर के समन्वय को बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं. मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा एजेंसियों को विशेष रूप से सीमावर्ती राज्यों मणिपुर, असम, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम में सीमा पर गश्त तेज करने के लिए कहा है. मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, असम पर विशेष जोर दिया है क्योंकि ये दोनों राज्य मादक पदार्थों के तस्करों के लिए पारगमन मार्ग बन गए हैं.
बता दें कि हाल ही में संपन्न चिंतन बैठक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई थी. नशीले पदार्थों की तस्करी के मुद्दे को एक बड़ा खतरा बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्य सरकारों से मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने आगाह किया कि नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए पूर्वोत्तर को गलियारे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हथियार और गोला-बारूद ड्रग्स के साथ आ सकते हैं.
वहीं कई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई जांच में पता चला है कि मादक पदार्थों की तस्करी के माध्यम से भारत की सुरक्षा के विरोधी संगठन आतंकवाद का समर्थन करते हैं. हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की गई छापेमारी में यह खुलासा हुआ था कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर आतंकवादी संगठनों के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होते हैं. गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हाल ही में पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 40,000 किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट किया गया था.
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