नई दिल्ली : कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) 26 अक्टूबर को एआईसीसी मुख्यालय में अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे. इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों, सांसदों, पीसीसी अध्यक्षों, सीएलपी नेताओं, पूर्व सीएम, पूर्व राज्य अध्यक्षों और एआईसीसी के अन्य पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है.
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे ने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 6,825 मतों के अंतर से पराजित किया था. खड़गे को 7,897 वोट मिले तथा थरूर को 1,072 वोट हासिल हुए थे. वहीं कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने खड़गे को निर्वाचित घोषित किया था. मिस्त्री ने बताया कि चुनाव में 9,385 वोट पड़े थे और इनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए. उन्होंने खड़गे को जीत का प्रमाणपत्र सौंपा था. जीत के बाद खड़गे ने कहा था कि पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है तथा वह संगठन को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस के एक सच्चे सैनिक के तौर पर काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता समान है एवं लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डालने वाली फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. वहीं थरूर ने चुनाव नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली और खरगे को बधाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि वह विरोध के नहीं, बदलाव के उम्मीदवार थे.
खड़गे की जीत की आधिकारिक घोषणा के कुछ देर बाद पार्टी की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा उनके आवास पहुंचीं और उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने भी खड़गे को बधाई दी थी. वहीं पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा था कांग्रेस अध्यक्ष की नयी भूमिका के लिए मल्लिकार्जुन खरगे जी को मेरी शुभकामनाएं. आगे उनका कार्यकाल सार्थक रहे. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई. कांग्रेस अध्यक्ष भारत के लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है.
उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को संभालने जा रहे खड़गे का व्यापक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी के बहुत काम आएगी. इस चुनाव के परिणाम से पहले ही खड़गे की जीत की प्रबल संभावना जताई जा रही थी, हालांकि थरूर को 1000 से अधिक वोट मिलने को उनके समर्थक सम्मानजक प्रदर्शन मान रहे हैं. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खड़गे मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं. वह पिछले पांच दशकों से सक्रिय राजनीति में हैं और उन्हें गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता है.
अपनी शुरुआती जिंदगी में बहुत ही गरीबी और संघर्ष का सामना करने वाले खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष पद के रूप में सबसे चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. उनके सामने पहली बड़ी चुनौती गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं. हिमाचल प्रदेश में अगले महीने चुनाव है तो गुजरात में भी नवंबर के आखिर या फिर दिसंबर की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है. करीब 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बना है. खड़गे से पहले सीताराम केसरी 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और लगभग एक वर्ष तक तक पद पर रहे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9385 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए सोमवार को हुए चुनाव में मतदान किया था.
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