मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के मॉनसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि वे उम्मीद खो चुके हैं और भ्रमित हैं. शिंदे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में विपक्षी दल शायद ही कहीं दिखते हैं और लोगों को उनकी तलाश करनी पड़ेगी. विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होगा. विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) ने रविवार को सरकार की ओर से आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया.
शिंदे ने कहा कि किसी के लिए राज्य में विपक्ष की तलाश करने की जरूरत पड़ेगी. ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षी दल उम्मीद छोड़ चुके हैं...वे भ्रमित और हतप्रभ हैं. हालांकि, हम विपक्ष को उसकी ताकत से परे कमतर करके नहीं आंकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को विभिन्न क्षेत्रों में 2.38 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है और विपक्ष को भी सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना करने की जरूरत है.
संवाददाता सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार भी मौजूद थे. बता दें कि विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. विधानमंडल के मानसून अधिवेशन की पूर्व संध्या पर सरकार ने रविवार को चाय कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
सरकार के पास 210 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. विपक्षी दल को आम लोगों से सवाल करने का अधिकार है. उम्मीद है कि विपक्ष काम करेगा. लेकिन विरोधी इसे इस तरह नहीं देखते. हालांकि, एक सरकार के रूप में हम सदन में उठाए गए मुद्दों के साथ न्याय करने का प्रयास करेंगे. राज्य में बारिश नहीं हुई है. हम इसे लेकर चिंतित हैं. कुछ जगहों पर बारिश हुई तो कुछ जगहों पर बारिश नहीं हुई.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों को यूं ही नहीं छोड़ेगी. सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी. हमारी सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों पर आधारित सरकार है. इसलिए हम हर महिला का सम्मान करते हैं.. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जो पहले कहा गया है उसे दोबारा न दोहराया जाए. हम राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
जहां एक ओर महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र 17 जुलाई 2023 से शुरू होने वाला है और इसे लेकर ही विधानसभा सत्र से पहले सत्ता पक्ष ने विपक्षी नेता के लिए चाय पार्टी बुलाई थी. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने सत्तारूढ़ पार्टी की चाय का बहिष्कार कर दिया. विधान परिषद में विपक्षी दल के नेता अंबादास दानवे ने किसान आत्महत्या और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित सरकार राज्य में सत्ता में है.
(अतिरिक्त इनपुट- एजेंसी)