देहरादून : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बीते दिन अपने पैतृक गांव नामती चेटाबगड़ पहुंचे. इस दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने नामती चेटाबगड़ प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया और स्कूल के बरामदे में बैठकर उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद किया. साथ ही कोश्यारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस दौरे की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जिसके बाद वो लगातार ट्रोल हो रहे हैं. यूजर लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
एक यूजर ने कोश्यारी की इस पोस्ट पर ट्वीट कर लिखा कि वैसे आपके मन, दिल और दिमाग ने आपको कचोटा नहीं कि मैं तो कहां से कहां पहुंच गया, लेकिन मेरा स्कूल, गांव और क्षेत्र वहीं का वहीं बदहाल और लाचार रह गया, मुख्यमंत्री रहे, राज्य सभा में भी सिर्फ सोते रहे अब तो वैसे भी महामहिम हैं. इस चुनावी नौटंकी से बाहर निकल क्षेत्र के लिए करिए.
वहीं, अन्य एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा कि 9 नवंबर 2000 के बाद के उत्तराखंड की दुर्दशा में आपकी भागीदारी प्रथम स्थान पर है! यदि आप जैसे महानुभावों में दूरदर्शिता होती, उत्तराखंड से रत्तीभर भी प्रेम होता तो आज उत्तराखंड एक थकाहारा प्रदेश न होता, जैसे आप थकेहारे विद्यालय प्रांगण में आपकी बाट जोहते पेड़ के पास बैठे हैं!
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वहीं, कोश्यारी की इस पोस्ट पर कुछ सकारात्मक टिप्पणियां भी आई है. एक यूजर ने लिखा है कि भगत दा प्रणाम. यह विद्यालय निश्चित रूप से दर्शनीय और आमजन को प्रेरणा योग्य बन हम सभी को गौरवांन्वित करे. ऐसी मंशा से इसमें सरकार या स्वयंसेवी संस्थान कार्य करें तो अच्छा लगेगा.
बता दें कि बीते दिन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने पैतृक गांव नामती चेटाबगड़ पहुंचे. इस दौरान स्कूल में पहुंचे कोश्यारी ने अपने बचपन के दिनों को याद किया. हां कुछ देर सुस्ताने के बाद स्कूल परिसर को निहारा और यादें ताजा की. वहीं, कोश्यारी के सम्मान में ग्रामीणों ने इंटर कॉलेज शामा में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया था. इस मौके पर भगतदा ने कहा कि पढ़ाई करो और आगे बढ़ो. इसी स्कूल में मैंने भी पढ़ा था. उन्होंने ग्रामीणों को खेती के लिए प्रेरित किया और प्रधानमंत्री को देश का सच्चा प्रधान सेवक बताया.