भोपाल : मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव फिलहाल निरस्त हो गए हैं. सरकार ने कैबिनेट में पंचायत चुनावों को लेकर लाया अध्यादेश वापस ले लिया है और राज्यपाल को प्रस्ताव भेज दिया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि हमारी शुरू से मंशा थी की 27% ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव हों, लेकिन कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने 27% आरक्षण पर रोक लगाते हुए बाकी सीटों पर चुनाव कराने का आदेश दिया.
जो ओबीसी सीटें थी वो सामान्य सीटें मानी जाए. इसे लेकर विधानसभा में संकल्प पारित हुआ कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होगा. इसी को देखते हुए सरकार पंचायत चुनाव को लेकर जो अध्यादेश लाई थी. वह वापस ले लिया है. चुनाव निरस्त को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल से मुलाकात भी की है.
सरकार नहीं चाहती चुनाव- मंत्री सिसोदिया
ईटीवी भारत के संवाददाता सरस्वतीचंद्र ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया से बातचीत की. उनका कहना है कि सरकार ने अध्यादेश वापस ले लिया है. यानी सरकार चुनाव नहीं चाहती. सरकार चाहती है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव हो. लिहाजा अध्यादेश वापस लेकर राज्यपाल को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
हमें इस बारे में जानकारी नहीं- चुनाव आयोग
हालांकि सरकार ने अध्यादेश वापस तो ले लिया, लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों का कहना है कि फिलहाल हमें अध्यादेश वापसी का पता नहीं है. यदि ऐसा है तो राज्य निर्वाचन आयोग विधि विशेषज्ञों से फैसला लेगी. फिलहाल अभी निर्वाचन प्रक्रिया चलती रहेगी. लेकिन पंचायत चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक हो रहे हैं. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देगा उसके अनुसार काम किया जाएगा.