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वाराणसी में दशाश्वमेध घाट की जगह छत पर हो रही गंगा आरती, जानिए वजह - वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ा

वाराणसी में गंगा आरती का स्थान फिर बदला है. अब गंगा आरती गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर हो रहा है. इसका कारण गंगा का जलस्तर बढ़ना है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों तक पानी आ गया है.

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Published : Jul 27, 2023, 9:17 AM IST

वाराणसी में दशाश्वमेध घाट की जगह छत पर हो रही गंगा आरती

वाराणसी: पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में साफतौर पर दिखने लगा है. हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी बारिश नहीं हो रही है और भीषण गर्मी से जनजीवन बेहाल है. लेकिन, पहाड़ों पर हो रही बरसात का असर यहां की नदियों पर देखने को जरूर मिल रहा है. एक तरफ जहां यमुना कहर बरपा रही है तो गंगा भी अब तेजी से बढ़ रही है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर 65.30 मीटर पहुंच गया है, जिसकी वजह से गंगा घाटों के फर्श पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं. गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी की वजह से आज मां गंगा की दैनिक आरती भी गंगा घाट की जगह छत पर पूरी की गई.

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा आरती अब घाटों की सीढ़ियों के बजाय गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर की जा रही है. बता दें कि बीते कुछ दिनों से मां गंगा के जलस्तर में उफान के कारण पांच बार मां गंगा की आरती का स्थान बदला था. अब मां गंगा की आरती छत पर की गई.

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि मां गंगा के जलस्तर बढ़ने और इस वर्ष सावन दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं व दर्शनार्थी की संख्या बढ़ने के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यालय की छत पर गंगा आरती की गई. सुशांत का कहना है कि यह हर वर्ष होने वाली प्रक्रिया है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद जब घाटों की सीढ़ियां पानी में डूब जाती हैं और गंगा का पानी फर्श तक पहुंच जाता है तो सुरक्षा की दृष्टि से गंगा आरती गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर संपन्न की जाती है. बुधवार को इसी तर्ज पर आरती यहीं पर पूरी की गई. जब तक पानी ऊपर रहेगा, तब तक आरती का स्थान इसी तरह परिवर्तित भी होता रहेगा.

हालांकि, गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी बुधवार शाम से रुकी है और गंगा के जलस्तर में घटाव भी शुरू हुआ है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा का जलस्तर वाराणसी में पहले ही घटना शुरू हुआ था. लेकिन, पीछे गंगा अभी बढ़ने के ट्रेंड में है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले 24 से 48 घंटे के अंदर जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी होगी.

यह भी पढ़ें: Watch Video: यमुना ने फिर खतरे का निशान किया पार, आगरा और मथुरा में बाढ़, पानी में बह गया ई-रिक्शा

वाराणसी में दशाश्वमेध घाट की जगह छत पर हो रही गंगा आरती

वाराणसी: पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में साफतौर पर दिखने लगा है. हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी बारिश नहीं हो रही है और भीषण गर्मी से जनजीवन बेहाल है. लेकिन, पहाड़ों पर हो रही बरसात का असर यहां की नदियों पर देखने को जरूर मिल रहा है. एक तरफ जहां यमुना कहर बरपा रही है तो गंगा भी अब तेजी से बढ़ रही है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर 65.30 मीटर पहुंच गया है, जिसकी वजह से गंगा घाटों के फर्श पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं. गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी की वजह से आज मां गंगा की दैनिक आरती भी गंगा घाट की जगह छत पर पूरी की गई.

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा आरती अब घाटों की सीढ़ियों के बजाय गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर की जा रही है. बता दें कि बीते कुछ दिनों से मां गंगा के जलस्तर में उफान के कारण पांच बार मां गंगा की आरती का स्थान बदला था. अब मां गंगा की आरती छत पर की गई.

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि मां गंगा के जलस्तर बढ़ने और इस वर्ष सावन दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं व दर्शनार्थी की संख्या बढ़ने के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यालय की छत पर गंगा आरती की गई. सुशांत का कहना है कि यह हर वर्ष होने वाली प्रक्रिया है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद जब घाटों की सीढ़ियां पानी में डूब जाती हैं और गंगा का पानी फर्श तक पहुंच जाता है तो सुरक्षा की दृष्टि से गंगा आरती गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर संपन्न की जाती है. बुधवार को इसी तर्ज पर आरती यहीं पर पूरी की गई. जब तक पानी ऊपर रहेगा, तब तक आरती का स्थान इसी तरह परिवर्तित भी होता रहेगा.

हालांकि, गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी बुधवार शाम से रुकी है और गंगा के जलस्तर में घटाव भी शुरू हुआ है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा का जलस्तर वाराणसी में पहले ही घटना शुरू हुआ था. लेकिन, पीछे गंगा अभी बढ़ने के ट्रेंड में है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले 24 से 48 घंटे के अंदर जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी होगी.

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