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जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट, त्रिपुरा के सीएम प्रो. माणिक साहा बोले- लखनऊ में गुजरा जीवन का सबसे सुनहरा वक्त - जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट प्रो माणिक साहा

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट-2023 ( International Georgian Alumni Meet 2023) का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को इसकी शुरुआत हुई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 22, 2023, 2:06 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 10:21 PM IST

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 119वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट-2023 का आयोजन किया जा रहा है. इसका समापन शनिवार को होना है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. माणिक साहा ने बतौर मुख्य अतिथि इसमें हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जॉर्जियन बोलने में बहुत अलग सा अहसास होता है. जॉर्जियन से त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बहुत संघर्ष भरा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं, जिसके पास नॉलेज है, वहीं देश चलाएगा. केजीएमयू में रेजिडेंट चिकित्सक रह चुके प्रो.साहा ने विश्वविद्यालय से जुड़ी अपनी कई यादें साझा कीं.

सीएम ने अपने सफर की कई जानकारियां दीं : सीएम प्रो. माणिक साहा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास को लेकर आगे बढ़ा जाए. दुनिया को दिखाना है कि हम किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है. त्रिपुरा में जी प्लस डेंटल मेडिकल कॉलेज स्थापित किया है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि मैं जॉर्जियन हूं. मैं 71 साल का हूं. मेरी इतनी जिंदगी में सबसे बेहतर समय लखनऊ में गुजरा है. सीएम ने कहा कि मेरा सफर कोलकाता से 1971 में बीएससी से शुरू हुआ. डेंटल कॉलेज से पास आउट होने के बाद डॉक्टर बन गया. केजीएमयू में रेजिडेंट से एसोसिएट और फिर प्रो. डॉ. माणिक साहा हो गया. आठ से नौ साल प्रैक्टिस किया. त्रिपुरा सरकार में 10 साल तक सेक्रेटरी रहा.

दो दिन तक चलेगा कार्यक्रम.
दो दिन तक चलेगा कार्यक्रम.

मुख्यमंत्री योगी से प्रभाविक रहे हैं साहा : प्रो. साहा ने कहा कि मेरी आदत की वजह से मेरा स्थानांतरण होता रहा. त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज खुला, वहां सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेरा नहीं हुआ. मैं ऑरल मेडिकल कॉलेज में गया. वहां पर टीचर्स ने टीचर एसोसिएशन का अध्यक्ष बना दिया. त्रिपुरा में मैंने ऑरल कैंसर सर्जरी में बहुत काम किया. कुछ समय बाद कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ने की कोशिश हुई. लेकिन, उन्होंने नहीं ज्वाइन कराया क्योंकि मैं उनके पोल का नहीं था. फिर मैंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया. त्रिपुरा में लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद प्रो. माणिक में उनका असर आ गया.

जॉर्जियन होने की खुशी अलग : उप्र सरकार वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, जलवायु परिवर्तन के स्वतंत्र प्रभार मंत्री अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि केजीएमयू के पहले छात्र त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा रहे हैं. यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट के जरिए सभी जॉर्जियन आज एकजुट हुए हैं. आज मैं जो हूं वह इस कॉलेज की वजह से हूं. मैं यहां का छात्र रह चुका हूं, यह मेरे लिए गर्व की बात है. इस कॉलेज के प्रोफेसर की वजह से हूं. 1905 में केजीएमयू की स्थापना हुई. इसको बनाने में ब्रिटिश सरकार और नवाबों ने सहयोग किया. पहला बैच 1911 में शुरू हुआ. क्वीन मैरी विभाग सन 1934 में और डेंटल विभाग सन 1948 में बना. धीरे-धीरे सभी विभाग बनें. अगर किसी एक जॉर्जियन को सम्मान मिलता है जो वह सभी जॉर्जियन को समर्पित होता है.

देश-विदेश से जुटे हैं अतिथि.
देश-विदेश से जुटे हैं अतिथि.

900 से अधिक जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट में पहुंचे : उप्र सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि आज के इस जॉर्जियन एल्युमिनाई समारोह में मौजूद सभी देश-विदेश से आए छात्र, फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स का स्वागत है. यह अंतराष्ट्रीय मीट है. यह आपकी ताकत को दर्शाता है. 42 देशों से 900 से अधिक जॉर्जियन एल्युमिनाई आए हैं. ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे विभिन्न देशों से केजीएमयू के एल्युमिनाई आए हैं. इस समारोह में 1950 और 1952 बेंच के एल्युमिनाई आए हैं. यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चकनाचूर हो रहीं थीं, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुकम्मल रहीं. भारत की स्वास्थ्य सेवाएं उस समय भी बहुत बढ़िया थी. हमारे देश में वैक्सीन विकसित हुई. करोड़ों लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगवाई गई और दूसरे देशों में भी भारत में विकसित वैक्सीन भेजवाया गया. परिवर्तन के लहर में हमारे एल्युमिनाई की और जरूरत है. अपना अनुभव सभी एल्युमिनाई नए स्टूडेंट्स को साझा करें, ताकि वह भविष्य में बेहतर चिकित्सक बन सकें. भविष्य में जॉर्जियन जरूरत नोबेल पुरस्कार जीत सकता है.

एल्युमिनाई स्टूडेंट से साझा करने अनुभव : केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि इंटरनेशनल स्तर पर हम जॉर्जियनंस को मरीजों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है. यह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें सभी जॉर्जियन एल्युमिनाई समारोह में मौजूद हैं. यह समारोह भविष्य के लिए बहुत बेहतर है इस समारोह में सभी भविष्य में बेहतर चिकित्सा सुविधा को लेकर अपने विचार एक दूसरे से साझा करेंगे. यह एक ऐसा मंच है जहां सभी जॉर्जियन एल्युमिनाई अपने अनुभव यहां मौजूद फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स से साझा करेंगे. जो भविष्य में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए है. एल्युमिनाई एसोसिएशन से प्रो. पीके शर्मा ने कहा कि एक ऐसा संगठन है जिसके जरिए हम सभी जुडे हुए हैं. जॉर्जियन का यह स्वप्न है कि मरीजों की सेवा करना.

यूपी व त्रिपुरा साथ मिलकर काम करें : शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में केजीएमयू के 119वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू में प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीज ओपीडी में आते हैं. मरीजों को डॉक्टर अच्छी सलाह दे रहे हैं. सरकार केजीएमयू को आगे बढ़ाने में लगातार प्रयास कर रही है. डॉक्टरों की कमी दूर की जा रही है. पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल लगातार सभी शिक्षण संस्थानों की अलग से समीक्षा बैठक कर रही हैं. गुणवत्ता में सुधार के बावत काम कर रही हें. सरकार राज्यपाल के प्रयासों के साथ है. उन्होंने कहा कि यूपी व त्रिपुरा साथ मिलकर काम करें. इसके लिए दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि ज्ञान का आदान-प्रदान करें. ताकि इलाज की तकनीक को और बेहतर किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोविड में यूपी में बेहतर काम किया है. केजीएमयू ने इसमें अहम भूमिका निभाई है.

यह भी पढ़ें : यूपी के डीएम की अनोखी पहल, आंगनबाड़ी केंद्र में कराया बेटे का दाखिला, आम बच्चों के साथ खेलता है और मिड-डे मील भी खाता है

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 119वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट-2023 का आयोजन किया जा रहा है. इसका समापन शनिवार को होना है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. माणिक साहा ने बतौर मुख्य अतिथि इसमें हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जॉर्जियन बोलने में बहुत अलग सा अहसास होता है. जॉर्जियन से त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बहुत संघर्ष भरा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं, जिसके पास नॉलेज है, वहीं देश चलाएगा. केजीएमयू में रेजिडेंट चिकित्सक रह चुके प्रो.साहा ने विश्वविद्यालय से जुड़ी अपनी कई यादें साझा कीं.

सीएम ने अपने सफर की कई जानकारियां दीं : सीएम प्रो. माणिक साहा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास को लेकर आगे बढ़ा जाए. दुनिया को दिखाना है कि हम किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है. त्रिपुरा में जी प्लस डेंटल मेडिकल कॉलेज स्थापित किया है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि मैं जॉर्जियन हूं. मैं 71 साल का हूं. मेरी इतनी जिंदगी में सबसे बेहतर समय लखनऊ में गुजरा है. सीएम ने कहा कि मेरा सफर कोलकाता से 1971 में बीएससी से शुरू हुआ. डेंटल कॉलेज से पास आउट होने के बाद डॉक्टर बन गया. केजीएमयू में रेजिडेंट से एसोसिएट और फिर प्रो. डॉ. माणिक साहा हो गया. आठ से नौ साल प्रैक्टिस किया. त्रिपुरा सरकार में 10 साल तक सेक्रेटरी रहा.

दो दिन तक चलेगा कार्यक्रम.
दो दिन तक चलेगा कार्यक्रम.

मुख्यमंत्री योगी से प्रभाविक रहे हैं साहा : प्रो. साहा ने कहा कि मेरी आदत की वजह से मेरा स्थानांतरण होता रहा. त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज खुला, वहां सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेरा नहीं हुआ. मैं ऑरल मेडिकल कॉलेज में गया. वहां पर टीचर्स ने टीचर एसोसिएशन का अध्यक्ष बना दिया. त्रिपुरा में मैंने ऑरल कैंसर सर्जरी में बहुत काम किया. कुछ समय बाद कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ने की कोशिश हुई. लेकिन, उन्होंने नहीं ज्वाइन कराया क्योंकि मैं उनके पोल का नहीं था. फिर मैंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया. त्रिपुरा में लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद प्रो. माणिक में उनका असर आ गया.

जॉर्जियन होने की खुशी अलग : उप्र सरकार वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, जलवायु परिवर्तन के स्वतंत्र प्रभार मंत्री अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि केजीएमयू के पहले छात्र त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा रहे हैं. यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट के जरिए सभी जॉर्जियन आज एकजुट हुए हैं. आज मैं जो हूं वह इस कॉलेज की वजह से हूं. मैं यहां का छात्र रह चुका हूं, यह मेरे लिए गर्व की बात है. इस कॉलेज के प्रोफेसर की वजह से हूं. 1905 में केजीएमयू की स्थापना हुई. इसको बनाने में ब्रिटिश सरकार और नवाबों ने सहयोग किया. पहला बैच 1911 में शुरू हुआ. क्वीन मैरी विभाग सन 1934 में और डेंटल विभाग सन 1948 में बना. धीरे-धीरे सभी विभाग बनें. अगर किसी एक जॉर्जियन को सम्मान मिलता है जो वह सभी जॉर्जियन को समर्पित होता है.

देश-विदेश से जुटे हैं अतिथि.
देश-विदेश से जुटे हैं अतिथि.

900 से अधिक जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट में पहुंचे : उप्र सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि आज के इस जॉर्जियन एल्युमिनाई समारोह में मौजूद सभी देश-विदेश से आए छात्र, फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स का स्वागत है. यह अंतराष्ट्रीय मीट है. यह आपकी ताकत को दर्शाता है. 42 देशों से 900 से अधिक जॉर्जियन एल्युमिनाई आए हैं. ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे विभिन्न देशों से केजीएमयू के एल्युमिनाई आए हैं. इस समारोह में 1950 और 1952 बेंच के एल्युमिनाई आए हैं. यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चकनाचूर हो रहीं थीं, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुकम्मल रहीं. भारत की स्वास्थ्य सेवाएं उस समय भी बहुत बढ़िया थी. हमारे देश में वैक्सीन विकसित हुई. करोड़ों लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगवाई गई और दूसरे देशों में भी भारत में विकसित वैक्सीन भेजवाया गया. परिवर्तन के लहर में हमारे एल्युमिनाई की और जरूरत है. अपना अनुभव सभी एल्युमिनाई नए स्टूडेंट्स को साझा करें, ताकि वह भविष्य में बेहतर चिकित्सक बन सकें. भविष्य में जॉर्जियन जरूरत नोबेल पुरस्कार जीत सकता है.

एल्युमिनाई स्टूडेंट से साझा करने अनुभव : केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि इंटरनेशनल स्तर पर हम जॉर्जियनंस को मरीजों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है. यह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें सभी जॉर्जियन एल्युमिनाई समारोह में मौजूद हैं. यह समारोह भविष्य के लिए बहुत बेहतर है इस समारोह में सभी भविष्य में बेहतर चिकित्सा सुविधा को लेकर अपने विचार एक दूसरे से साझा करेंगे. यह एक ऐसा मंच है जहां सभी जॉर्जियन एल्युमिनाई अपने अनुभव यहां मौजूद फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स से साझा करेंगे. जो भविष्य में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए है. एल्युमिनाई एसोसिएशन से प्रो. पीके शर्मा ने कहा कि एक ऐसा संगठन है जिसके जरिए हम सभी जुडे हुए हैं. जॉर्जियन का यह स्वप्न है कि मरीजों की सेवा करना.

यूपी व त्रिपुरा साथ मिलकर काम करें : शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में केजीएमयू के 119वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू में प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीज ओपीडी में आते हैं. मरीजों को डॉक्टर अच्छी सलाह दे रहे हैं. सरकार केजीएमयू को आगे बढ़ाने में लगातार प्रयास कर रही है. डॉक्टरों की कमी दूर की जा रही है. पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल लगातार सभी शिक्षण संस्थानों की अलग से समीक्षा बैठक कर रही हैं. गुणवत्ता में सुधार के बावत काम कर रही हें. सरकार राज्यपाल के प्रयासों के साथ है. उन्होंने कहा कि यूपी व त्रिपुरा साथ मिलकर काम करें. इसके लिए दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि ज्ञान का आदान-प्रदान करें. ताकि इलाज की तकनीक को और बेहतर किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोविड में यूपी में बेहतर काम किया है. केजीएमयू ने इसमें अहम भूमिका निभाई है.

यह भी पढ़ें : यूपी के डीएम की अनोखी पहल, आंगनबाड़ी केंद्र में कराया बेटे का दाखिला, आम बच्चों के साथ खेलता है और मिड-डे मील भी खाता है

Last Updated : Dec 22, 2023, 10:21 PM IST
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