नई दिल्ली: एनडीए में वापसी करने वाले एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान अभी भी अपने चाचा और आरएलजेपी अध्यक्ष पशुपति पारस के साथ एक ही गठबंधन में रहने को लेकर कंफर्ट नहीं दिख रहे हैं. इसलिए मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक से पहले वह अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए. दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई.
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अमित शाह से मिले चिराग पासवान: आज चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात की है. चिराग केंद्रीय गृहमंत्री के आवास पर जाकर उनसे भेंट की. 15 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, अभी तक इसको लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है लेकिन माना जा रहा है कि चिराग ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सीट शेयरिंग पर पक्का आश्वासन चाहते हैं.
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आज नई दिल्ली में देश के गृह मंत्री आदरणीय श्री @AmitShah जी से गठबंधन के मुद्दों को लेकर सकारात्मक चर्चाएं हुई। pic.twitter.com/zwrV91J92B
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चिराग ने बीजेपी के सामने रखी शर्त: खबर है कि 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए भले ही चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को न्योता मिला है, मगर इस बैठक में शामिल होने के लिए चिराग ने कुछ शर्ते बीजेपी के सामने रख दी हैं. चिराग ने बीजेपी के सामने मांग रख दी है कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 6 सीटें और एक राज्यसभा की सीट मिलनी चाहिए, जिसके बाद ही वो एनडीए में शामिल होंगे.
हाजीपुर सीट पर अड़े चाचा-भतीजे: दरअसल चाचा-भतीजे के बीच सबसे बड़ी लड़ाई हाजीपुर सीट को लेकर है. चिराग का कहना है कि हाजीपुर उनके पिता और एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट रही है. उनके बेटे होने के नाते इस सीट पर उनका स्वभाविक दावा बनता है. फिलहाल चिराग बिहार के जमुई से सांसद हैं. वहीं पारस का कहना है कि रामविलास पासवान ने जीवित रहते उनको 2019 में यहां लड़वाया था, लिहाजा उनका दावा बनता है. किसी भी हाल में वह हाजीपुर नहीं छोड़ेंगे.