आगराः देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की मार को लेकर आगरा में भी खलबली मच गई है. ताजनगरी में भी बढ़ते प्रदूषण (Pollution in Agra) के चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं. हवा जहरीली हो रही है. इससे अस्थमा के मरीज और बुजुर्गों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. एयर क्वाॅलिटी इंडेक्स (AQI in Agra) 300 तक पहुंचने से शहर के गैस चैंबर में तब्दील होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाते हुए सोमवार देर शाम जिले में ग्रेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP System) लागू कर दिया. जिले में प्रदूषण कम करने को एडवाइजरी जारी की गई है. इसकेे तहत प्रदूषण फैलने वाली इकाइयों पर कार्रवाई और जुर्माना भी लगाया जाएगा.
आगरा डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि जिले में प्रदूषण से गंभीर होते हालातों को देखकर ग्रेप लागू किया है. जिले में यूपीपीसीबी से शहर के ऑटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स की जानकारी तलब की है जो 200 पार हो गई है. नगर निगम को सीएंडडी वेस्ट का डिस्पोजल कराने के निर्देश दिए हैं. एडीएम सिटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि जिले में निर्माण सामग्री ढककर न रखने, पानी का छिड़काव न करने, बालू, मौरंग समेत अन्य निर्माण सामग्री सड़क या खुले में रखने वाले लोग या संस्थानों पर जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई करें. पेड़ पौधों पर धूल न जमने देने को नगर निगम व फायर ब्रिगेड को पानी का छिड़काव करने के भी निर्देश दिए गए हैं. मेट्रो रेल प्रबंधन को निर्माण स्थलों पर एयर क्वालिटी मशीन लगाने और रोजाना रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए हैं.
गाइडलाइन के उल्लंघन पर जुर्माना और कार्रवाई
डीएम के निर्देश से जिले में ग्रेड रेस्पांस एक्शन प्लान फरवरी 2024 तक लागू रहेगा. इसके तहत ही सरकारी मशीनरी के साथ निर्माणदायी संस्थाएं और आम नागरिक भी प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास करेंगे जो भी गाइडलाइन का उल्लंघन करेगा. उसे जुर्माना देना होगा. प्रशासन और संबंधित विभागों ने इसको लेकर 13 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी की है. यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि, सर्दियों में हवा की शुद्धता की बढ़ोतरी के लिए अक्तूबर से फरवरी 2024 तक ग्रैप लागू किया गया है. इस समय प्रमुख छह इलाकों में एक्यूआई 200 के आसपास चल रहा है. जिससे ही पूरा शहर प्रभावित हो रहा है.
प्रदूषण रोकने के लिए ये निर्देश दिए गए
- कूड़ा-करकट जलाने से रोका जाएगा.
- डीजल जेनरेटर का प्रयोग कम किया जाए.
- वाहनों का पीयूसी सर्टीफिकेट अपडेट करें.
- सार्वजनिक परिवहन का ही उपयोग करें.
- हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रयोग करें.
- ईंधन, कोयला, लकड़ी का प्रयोग न किया जाए.
- सड़क की धूल पानी छिड़ककर साफ करें.
- 15 साल पुराने वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए.
- निर्माणाधीन परियोजनाओं पर जल छिड़काव किया जाए.
- निर्माण स्थल पर एंटी स्मोग गन, विंडो ब्रेकिंग वाल, ग्रीन नेट लगाएं.
- क्षतिग्रस्त सड़कों की ब्लैक टापिंग की जाए.
- भवन सामग्री ढोने वाले वाहन कवर्ड किए जाएं.
- वाहनों के धुएं की आकस्मिक जांच की जाए.
- निर्माण सामग्री को ढंककर रखें, पानी छिड़कें.
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