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land in the name of monkeys : बंदरों के नाम है 32 एकड़ जमीन - बंदरों के नाम पर जमीन

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में एक जगह है, जहां की 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पर रजिस्टर्ड है. गांववालों ने ही बंदरों के नाम पर जमीन दर्ज की है. बंदर गांव में किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों का हिस्सा भी होते हैं. land in the name of monkeys

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Published : Oct 16, 2022, 12:49 PM IST

औरंगाबाद : आज के दौर में जब भूमि को लेकर विवाद आम बात हो गई है ऐसे में महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के एक गांव में 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पंजीकृत होने का एक दुर्लभ मामला सामने आया है. उस्मानाबाद के उपला गांव में लोग बंदरों को खास सम्मान देते हैं. वे उनके दरवाजे पर आने पर उन्हें खाना देते हैं और कभी-कभी शादी समारोह शुरू करने से पहले भी उनका सम्मान किया जाता है. land in the name of monkeys

उपला ग्राम पंचायत के भूमि अभिलेखों के अनुसार, 32 एकड़ भूमि गांव में रहने वाले सभी बंदरों के नाम है. गांव के सरपंच बप्पा पड़वाल ने कहा, 'दस्तावेज में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भूमि बंदरों की है, हालांकि जानवरों के लिए यह प्रावधान किसने और कब किया, इसका कुछ पता नहीं है,' उन्होंने बताया कि पहले बंदर गांव में किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों का हिस्सा होते थे.

पड़वाल ने बताया कि गांव में अब करीब 100 बंदर हैं और पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या कम हो रही है क्योंकि जानवर एक स्थान पर लंबे समय तक नहीं रहते. उन्होंने बताया कि वन विभाग ने जमीन पर वृक्षारोपण का किया और भूखंड पर एक मकान भी था, जो अब ढह गया है.'

सरपंच ने कहा, 'पहले, जब भी गांव में शादियां होती थीं तो बंदरों को पहले भेंट दी जाती थी और उसके बाद ही समारोह शुरू होता था। हालांकि अब हर कोई इस प्रथा का पालन नहीं करता है.' उन्होंने बताया कि जब भी बंदर दरवाजे पर आते हैं तो ग्रामीण उन्हें खाना खिलाते हैं. कोई भी उन्हें खाने के लिए मना नहीं करता.

ये भी पढ़ें : हिमाचल में हर साल 500 करोड़ की फसल उजाड़ने वाले बंदर इस बार क्यों नहीं हैं चुनावी मुद्दा?

(PTI)

औरंगाबाद : आज के दौर में जब भूमि को लेकर विवाद आम बात हो गई है ऐसे में महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के एक गांव में 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पंजीकृत होने का एक दुर्लभ मामला सामने आया है. उस्मानाबाद के उपला गांव में लोग बंदरों को खास सम्मान देते हैं. वे उनके दरवाजे पर आने पर उन्हें खाना देते हैं और कभी-कभी शादी समारोह शुरू करने से पहले भी उनका सम्मान किया जाता है. land in the name of monkeys

उपला ग्राम पंचायत के भूमि अभिलेखों के अनुसार, 32 एकड़ भूमि गांव में रहने वाले सभी बंदरों के नाम है. गांव के सरपंच बप्पा पड़वाल ने कहा, 'दस्तावेज में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भूमि बंदरों की है, हालांकि जानवरों के लिए यह प्रावधान किसने और कब किया, इसका कुछ पता नहीं है,' उन्होंने बताया कि पहले बंदर गांव में किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों का हिस्सा होते थे.

पड़वाल ने बताया कि गांव में अब करीब 100 बंदर हैं और पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या कम हो रही है क्योंकि जानवर एक स्थान पर लंबे समय तक नहीं रहते. उन्होंने बताया कि वन विभाग ने जमीन पर वृक्षारोपण का किया और भूखंड पर एक मकान भी था, जो अब ढह गया है.'

सरपंच ने कहा, 'पहले, जब भी गांव में शादियां होती थीं तो बंदरों को पहले भेंट दी जाती थी और उसके बाद ही समारोह शुरू होता था। हालांकि अब हर कोई इस प्रथा का पालन नहीं करता है.' उन्होंने बताया कि जब भी बंदर दरवाजे पर आते हैं तो ग्रामीण उन्हें खाना खिलाते हैं. कोई भी उन्हें खाने के लिए मना नहीं करता.

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(PTI)

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