लखीमपुर खीरी: लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक चार्जशीट में गृह राज्यमंत्री अज्य मिश्रा टेनी के सुपुत्र आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया है. एसआईटी के मुताबिक आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था.
आज घटना के तीन महीने पूरे हो रहे हैं. इस मामले में पहली गिरफ्तारी सात अक्तूबर 2021 को हुई थी. पहली गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे होने से पहले ही किसी कीमत पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करना जरूरी होता है. ऐसे में छह जनवरी तक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होना कानूनी बाध्यता है.
बता दें कि तीन अक्तूबर को तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी. तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटा आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है. आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी भले ही 10 अक्तूबर को हुई थी, मगर उससे पहले सात अक्तूबर को आशीष मिश्रा के करीबी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था.
दोनों को आठ अक्तूबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था. कानून के जानकारों के मुताबिक हत्या जैसे जघन्य मामले में विवेचक को न्यायिक अभिरक्षा के पहले दिन से 90 दिनों के भीतर जांच मुकम्मल कर चार्जशीट दाखिल करने की बाध्यता होती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अभियुक्त को इसी आधार पर जमानत पर छोड़ना पड़ेगा.
90 दिन का समय छह अक्तूबर को पूरा हो रहा है. लिहाजा शीतकालीन अवकाश के दौरान ही चार्जशीट दाखिल करने से पहले कानूनी कसौटी और तकनीकी बिंदुओं पर निर्णायक संस्तुति देने के लिए में ही जांच टीम ने लीगल टीम को प्रस्तावित चार्जशीट भेज दी है. इस पर लगभग सहमति बन चुकी है.
10 अक्तूबर को हुई थी आशीष मिश्रा मोनू की गिरफ्तारी
तिकुनिया हिंसा कांड मामले में 10 अक्टूबर को प्रमुख आरोपी आशीष मिश्रा मोनू की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद से गिरफ्तारियों का दौर शुरू हुआ था. इस लिहाज से 7 जनवरी को 90 दिन पूरे हो रहे हैं. चूंकि कानूनी बाध्यता है इसलिए जांच टीम की टीम कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है.
आरोपपत्र में धारा 34 भी शामिल
इस मामले में अहम मोड़ उस समय आया, जब जांच टीम ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के दौरान यह पाया कि यह हिंसक कांड सड़क दुर्घटना से जुड़ा हादसा नहीं, बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्या और हत्या के प्रयास अंग भंग कर देने जैसी जघन्य वारदात की संयुक्त साजिश का हिस्सा है. यही वजह है कि जांच टीम ने सड़क दुर्घटना की धारा 279 279, 337,304 ए की धाराएं हटाते हुए, इनके स्थान पर 307, 326 और धारा 34 बढ़ाई थी. साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 3, 25, 30 साथ ही 35 धाराएं सभी आरोपियों पर लगाई थी.
सीजेएम ने हटाई थी धारा 34
तिकुनिया हिंसा कांड मामले में जब एक्सीडेंट की धाराएं हटाते हुए हत्या और हत्या के प्रयास जैसी संगीन धाराएं बढ़ाई गई तो बचाव पक्ष की टीम सीजेएम कोर्ट के अंदर इसी बात को लेकर विवेचना की टीम पर अग्रेसिव हुई थी कि धारा 149 के साथ-साथ धारा 34 की बढ़ोतरी गलत तरीके से की जा रही है. क्योंकि धारा 149 या धारा 34 दोनों ही धाराएं एक साथ नहीं लगाई जा सकती है. इसे लेकर सीजेएम अदालत ने भी धारा 34 में रिमाड को मंजूरी नहीं दी थी. शेष अन्य सभी धाराओं में विवेचक के मांगने पर धाराओं की बढ़ोतरी की गई थी.
क्रॉस केस मामले में अब तक छह आरोपी गिरफ्तार
तिकुनिया हिंसा कांड के दौरान कानून अपने हाथ में लेकर युवकों की हत्या करने के मामले में प्रदर्शनकारी किसानों पर भी क्रॉस केस दर्ज कराया गया था. सुमित जायसवाल की ओर से दर्ज कराए गए क्रॉस केस में अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी मुकम्मल की जा चुकी है. युवकों की हत्या में प्रयोग होने वाला खून से सना डंडा भी बरामद किया जा चुका है. हालांकि इस मामले में अभी पहले अभियुक्त की गिरफ्तारी से 90 दिन पूरे नहीं हुए हैं. लेकिन जांच टीम पूरी मुस्तैदी के साथ क्रास केस मामले में भी अपनी तेजी और सक्रियता बनाए हुए है.
भाजपा नेता की FIR में एक और गिरफ्तार
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में भाजपा नेता सुमित जायसवाल की एफआईआर मामले में जांच टीम ने एक और गिरफ्तारी की है. जांच टीम ने गुरप्रीत सिंह पुत्र कुलविन्दर सिंह निवासी पलिया थाना को गिरफ्तार किया है. क्रॉस केस में अब तक कुल सात गिरफ्तारियां हुई हैं.