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लखीमपुर खीरी हिंसा : आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने वाली याचिका पर आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होने पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. लखीमपुर मामले में पीड़ितों के परिवारों ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग की है. यूपी सरकार ने जमानत रद्द करने का समर्थन नहीं किया है. बता दें कि आशीष केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं.

Lakhimpur Kheri violence SC
लखीमपुर हिंसा सुप्रीम कोर्ट का आदेश
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Published : Apr 17, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 8:42 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे फैसला सुनाने की संभावना है. न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने की किसानों की याचिका पर चार अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इससे पहले, न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका मंजूर करने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब मामले की सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चोटों की प्रकृति जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं किया जाना चाहिए. विशेष पीठ ने इस तथ्य का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझाव के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर नहीं की.

किसानों की ओर से पेश हए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने व्यापक आरोप पत्र पर विचार नहीं किया, बल्कि प्राथमिकी पर भरोसा किया. राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोपी के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है.

शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा से जवाब मांगा था। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था। इससे पहले, किसानों की ओर से पेश वकील ने 10 मार्च को एक प्रमुख गवाह पर हुए हमले का जिक्र किया था.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.

लखीमपुर मामले से जुड़ी अन्य खबरें-

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

बता दें कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को गत शनिवार की रात गिरफ्तार किया था. आशीष पर आरोप है कि उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गयी थी. अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आशीष पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी की घटना पर किस दल ने क्या दी प्रतिक्रिया, एक नजर

तिकुनिया थाने में आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे फैसला सुनाने की संभावना है. न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने की किसानों की याचिका पर चार अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इससे पहले, न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका मंजूर करने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब मामले की सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चोटों की प्रकृति जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं किया जाना चाहिए. विशेष पीठ ने इस तथ्य का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझाव के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर नहीं की.

किसानों की ओर से पेश हए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने व्यापक आरोप पत्र पर विचार नहीं किया, बल्कि प्राथमिकी पर भरोसा किया. राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोपी के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है.

शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा से जवाब मांगा था। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था। इससे पहले, किसानों की ओर से पेश वकील ने 10 मार्च को एक प्रमुख गवाह पर हुए हमले का जिक्र किया था.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.

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गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

बता दें कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को गत शनिवार की रात गिरफ्तार किया था. आशीष पर आरोप है कि उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गयी थी. अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आशीष पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.

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तिकुनिया थाने में आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 18, 2022, 8:42 AM IST
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