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कृष्ण जन्मभूमि मामला : SC ने HC के फैसले पर लगाई रोक, नहीं होगा शाही ईदगाह का सर्वे

Krishna Janmabhoomi Case : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के लिए इलाहाबाद HC के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी.

Krishna Janmabhoomi Case
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 12:17 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 1:30 PM IST

कृष्ण जन्मभूमि मामला में एसी के फैसले के बारे में वकील ने दी जानकारी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले पर विचार किया.

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि उन्हें आपत्ति है. उन्होंने कहा कि प्रार्थना बहुत अस्पष्ट है. न्यायमूर्ति खन्ना ने हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा कि इसे विशिष्ट होना चाहिए, आप इसे निर्धारित करने के लिए अदालत पर नहीं छोड़ सकते. आप अपने आवेदन में यह सर्वव्यापी (प्रार्थना) नहीं कर सकते कि आप क्या चाहते हैं.

शीर्ष अदालत ने 23 जनवरी, 2024 को वापस करने योग्य नोटिस जारी किया. उन्होंने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे विचार के लिए उठते हैं, जिनमें अस्मा लतीफ केस के फैसले के आलोक में प्रश्न भी शामिल है. शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही जारी रह सकती है लेकिन आयोग को तब तक निष्पादित नहीं किया जाएगा.

मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया. वकील ने कहा कि तब ट्रायल कोर्ट को अंतरिम राहत देने का निर्णय लेने से पहले कम से कम मुकदमे की स्थिरता के संबंध में प्रथम दृष्टया संतुष्टि करनी चाहिए.

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे उठते हैं और स्थानीय आयुक्त के लिए आवेदन भी बहुत अस्पष्ट है. उन्होंने कहा कि क्या इस तरह से भी आवेदन किया जा सकता है. तीसरा पहलू स्थानांतरण है... पीठ ने कहा कि हम आयोग के क्रियान्वयन की सीमा तक विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा रहे हैं.

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कृष्ण जन्मभूमि मामला में एसी के फैसले के बारे में वकील ने दी जानकारी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले पर विचार किया.

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि उन्हें आपत्ति है. उन्होंने कहा कि प्रार्थना बहुत अस्पष्ट है. न्यायमूर्ति खन्ना ने हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा कि इसे विशिष्ट होना चाहिए, आप इसे निर्धारित करने के लिए अदालत पर नहीं छोड़ सकते. आप अपने आवेदन में यह सर्वव्यापी (प्रार्थना) नहीं कर सकते कि आप क्या चाहते हैं.

शीर्ष अदालत ने 23 जनवरी, 2024 को वापस करने योग्य नोटिस जारी किया. उन्होंने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे विचार के लिए उठते हैं, जिनमें अस्मा लतीफ केस के फैसले के आलोक में प्रश्न भी शामिल है. शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही जारी रह सकती है लेकिन आयोग को तब तक निष्पादित नहीं किया जाएगा.

मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया. वकील ने कहा कि तब ट्रायल कोर्ट को अंतरिम राहत देने का निर्णय लेने से पहले कम से कम मुकदमे की स्थिरता के संबंध में प्रथम दृष्टया संतुष्टि करनी चाहिए.

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे उठते हैं और स्थानीय आयुक्त के लिए आवेदन भी बहुत अस्पष्ट है. उन्होंने कहा कि क्या इस तरह से भी आवेदन किया जा सकता है. तीसरा पहलू स्थानांतरण है... पीठ ने कहा कि हम आयोग के क्रियान्वयन की सीमा तक विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा रहे हैं.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 1:30 PM IST
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