कोरबा: बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के सुमेधा नागिनभांठा मोहल्ले में सोमवार को सो रहे एक ढाई साल के बच्चे के मुंह में छिपकली के घुस जाने के बाद उसकी मौत हो गई. घटना सुबह 8:30 बजे की बताई जा रही है. जंतु विज्ञानी का मानना है कि घरेलू छिपकली इतनी जहरीली नहीं होती कि फौरन जान चली जाए. हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भी भेजा गया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा होगा.
बच्चे के मुंह में छिपकली देख उड़े मां के होश: नागिनभांठा मोहल्ले में राजकुमार सांडे परिवार सहित रहते हैं. उनके 3 बच्चों में से सबसे छोटा ढाई वर्षीय बेटा जगदीश सोमवार को सुबह 8:30 बजे बिस्तर पर सोया हुआ था. अचानक मां की नजर बच्चे पर पड़ी. बच्चे के मुंह में छिपकली देख वह सहम गई और चीखने लगी. जब पड़ोसियों और बच्चे के पास जाकर देखा तो उसकी सांसे थम चुकी थी. छिपकली बच्चे के मुंह में घुसी हुई थी. छिपकली और बच्चे दोनों की मौत हो चुकी थी. ढाई साल का जगदीश कमरे में बिल्कुल अकेला था. छिपकली उसके मुंह में कैसे घुसी, यह किसी को नहीं पता.
मोहल्ले में शोक की लहर: नागिन भाटा और आसपास के क्षेत्र में ढाई साल के मासूम जगदीश की मौत से शोक की लहर दौड़ गई है. बच्चे की मौत छिपकली के जहर से हुई या कोई और वजह है, इसका पता पीएम होने के बाद चल पाएगा. मां बाप की गैरमौजूदगी में बच्चे के साथ क्या हुआ और छिपकली उसके मुंह में कैसे घुसी, यह भी जांच का विषय है.
बच्चे की मां किसी काम से पास की दुकान गई थी. जबकि मैं तालाब की ओर गया हुआ था. इसी दौरान यह घटना घटी है. बच्चा अकेला सो रहा था. छिपकली उसके मुंह में कैसे घुस गई है, यह पता नहीं. लेकिन जब हमने जाकर देखा तो बच्चे की धड़कन थम चुकी थी. -राजकुमार सांडे, बच्चे का पिता
मौत के हो सकते हैं कई कारण: शासकीय ईवीपीजी कॉलेज के जूलॉजी के सहायक प्राध्यापक बलराम कुर्रे छिपकली के जहर से बच्चे की मौत से इत्तेफाक नहीं रखते. उनके मुताबिक किसी की जान लेने जितना जहर छिपकली में नहीं होता है. जूलाॅजिस्ट के इस दावे के बाद अब बच्चे की मौत को लेकर सस्पेंस बन गया है, क्योंकि घटना के वक्त बच्चा घर में बिल्कुल अकेला था.
घर में पाई जाने वाली छिपकली में इतना जहर नहीं होता कि वह किसी की जान ले सके. यदि छिपकली मुंह में घुस गई है, तो श्वास नली से सांस रुक जाना भी बच्चे के मौत का कारण हो सकता है. हालांकि घरेलू छिपकली में कुछ मात्रा में जहर जरूर होता है, जिससे फूड प्वाइजनिंग या हैजा की बीमारी हो सकती है. इसलिए बच्चे की मौत का वास्तविक कारण क्या है, यह जांच का विषय है. -बलराम कुर्रे, सहायक प्रोफेसर, जूलाॅजी
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पुलिस कर रही है मामले की जांच : घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पंहुची है. मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है. प्रथम दृष्टया छिपकली के बच्चे के मुंह में आने और काट लेने से बच्चे की मृत्यु होने का कयास लगाया जा रहा है. थाना बाकीमोंगरा के प्रधान आरक्षक योगेश रात्रे व महिला प्रधान आरक्षक ने पहुंचकर पंचनामा कार्रवाई पूरी की है. बच्चे के शव को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा जा रहा है, जहां से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के असली कारण का पता चल सकेगा.