ETV Bharat / bharat

अध्यक्ष पद संभालते ही एक्शन मोड में खड़गे, 29 को गुजरात में करेंगे जनजातीय रैली

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालने के बाद से काफी सक्रिय हैं. वह गुजरात में 29 अक्टूबर को जनजातीय रैली कर सकते हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Mallikarjun Kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे
author img

By

Published : Oct 27, 2022, 4:34 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) 26 अक्टूबर को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद से एक्शन मोड में आ गए हैं. उनके 29 अक्टूबर को गुजरात में एक बड़ी जनजातीय रैली को संबोधित करने की संभावना है. एआईसीसी गुजरात के प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौर (AICC secretary in charge of Gujarat Virender Rathore) ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'हमारे नए अध्यक्ष खड़गे की यात्रा से मतदाताओं के बीच मजबूत संदेश जाएगा. बड़ी रैली होनी है, जिस पर काम किया जा रहा है.'

रैली जनजातीय बाहुल जिले नवसारी (Navsari)में होने की संभावना है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नए पार्टी प्रमुख राहुल गांधी द्वारा अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो समुदाय के लिए पहले की गई प्रतिबद्धताओं की पुष्टि करेंगे. लगभग 50 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव है. इसे ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी ने 10 मई को एक अन्य आदिवासी केंद्र दाहोद से आदिवासी सत्याग्रह शुरू किया था. उस दौरान उन्होंने वहां एक बड़ी रैली को संबोधित किया था.

राहुल ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना (Par-Tapi-Narmada River link project) को रद्द कर देगी. इस प्रोजेक्ट के तहत भूमि का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा और लगभग 50,000 आदिवासी परिवारों को विस्थापित कर दिया जाएगा. बाद में, उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार ने कांग्रेस के दबाव में परियोजना को निलंबित कर दिया था.

राहुल राज्य सरकार पर गुजरात में आदिवासियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते रहे हैं. इसके साथ ही उऩ्होंने वादा किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर आदिवासियों के कल्याण के लिए काम किया जाएगा. खड़गे की 29 अक्टूबर की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि नवसारी से पार्टी के विधायक अनंत पटेल, पिछले कई महीनों से आदिवासी सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे हैं. पटेल ने एक विशाल जुलूस के रूप में शक्ति प्रदर्शन किया और हमले के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को दोषी ठहराया.

पटेल ने कहा कि 'राज्य सरकार बिना किसी नियम का पालन किए बस आदिवासियों से जमीन लेती है. भाजपा हमारे आंदोलन से डरी हुई है और मुझ पर हमले के पीछे उसका हाथ है. हमला हमें रोकने के लिए था. मैं सात साल से आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा.'

जल्द जारी हो सकती है उम्मीदवारों की सूची : बुधवार को सोनिया गांधी से नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, खड़गे ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी. उम्मीदवारों की पहली सूची इस महीने के अंत तक जारी होने की संभावना है.

पार्टी के नेताओं ने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष का गुजरात दौरा आदिवासियों के बीच कड़ा संदेश होगा. वह ऐसे दलित नेता हैं जिन्होंने पार्टी के लिए हर स्तर पर काम किया है. उनका दौरा राहुल गांधी की अनुपस्थिति की भी भरपाई करेगा, जो राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ी यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं. खड़गे के अलावा, गुजरात चुनावों के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी प्रचार मोड में आने की उम्मीद है. वह अगले सप्ताह पश्चिमी राज्य में चार जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक गहलोत 28 अक्टूबर को गरबाडा और फतेहपुरा में रैलियों को संबोधित कर सकते हैं. 29 अक्टूबर को वह खड़गे के साथ नवसारी आदिवासी रैली में मौजूद रहेंगे. गहलोत 30 अक्टूबर को बनासकांठा और खेड़ब्रह्मा में एक रैली को संबोधित करेंगे और 31 अक्टूबर को बड़गांव में एक स्थानीय यात्रा में हिस्सा लेंगे.

राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख अमित चावड़ा (Amit Chavda) ने कहा, 'गहलोत एक अनुभवी और पार्टी के शीर्ष नेता हैं. उनकी रैलियां हमारे पक्ष में मूड बनाती हैं.' कांग्रेस जन समर्थन जुटाने के लिए 31 अक्टूबर को राज्य में छह परिवर्तन (बदलाव) यात्राएं शुरू करने की भी योजना बना रही है. 31 अक्टूबर जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का शहादत दिवस है, वहीं यह भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती भी है, जो गुजरात के थे.

गुजरात के AICC प्रभारी रघु शर्मा के अनुसार, भाजपा ने भी गुजरात में विकास गौरव यात्रा निकालने की कोशिश की, लेकिन कुछ सार्वजनिक विरोधों के कारण अचानक उसे रोकना पड़ा. शर्मा ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कुछ नहीं किया है यही कारण है कि पीएम मोदी अपने गृह राज्य गुजरात में काफी समय बिता रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के गैर-प्रदर्शन के कारण पीएम को पिछले साल एक नया प्रमुख भूपेंद्र पटेल और एक नया मंत्रिमंडल लाना पड़ा ताकि विकास की कमी को कवर किया जा सके. शर्मा ने कहा, इसकी तुलना में कांग्रेस ने पिछले महीनों में अपनी बूथ स्तर की टीमों को मजबूत किया है और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी की 8 गारंटी मतदाताओं को बताने के लिए एक विशेष डोर टू डोर अभियान में घर-घर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हमारा बूथ प्रबंधन इस बार कमाल करेगा हम जमीनी स्तर पर चुपचाप काम कर रहे हैं.'

पढ़ें- कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत, सीडब्ल्यूसी, एआईसीसी और राज्य टीमों में सुधार करेंगे खड़गे

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) 26 अक्टूबर को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद से एक्शन मोड में आ गए हैं. उनके 29 अक्टूबर को गुजरात में एक बड़ी जनजातीय रैली को संबोधित करने की संभावना है. एआईसीसी गुजरात के प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौर (AICC secretary in charge of Gujarat Virender Rathore) ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'हमारे नए अध्यक्ष खड़गे की यात्रा से मतदाताओं के बीच मजबूत संदेश जाएगा. बड़ी रैली होनी है, जिस पर काम किया जा रहा है.'

रैली जनजातीय बाहुल जिले नवसारी (Navsari)में होने की संभावना है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नए पार्टी प्रमुख राहुल गांधी द्वारा अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो समुदाय के लिए पहले की गई प्रतिबद्धताओं की पुष्टि करेंगे. लगभग 50 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव है. इसे ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी ने 10 मई को एक अन्य आदिवासी केंद्र दाहोद से आदिवासी सत्याग्रह शुरू किया था. उस दौरान उन्होंने वहां एक बड़ी रैली को संबोधित किया था.

राहुल ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना (Par-Tapi-Narmada River link project) को रद्द कर देगी. इस प्रोजेक्ट के तहत भूमि का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा और लगभग 50,000 आदिवासी परिवारों को विस्थापित कर दिया जाएगा. बाद में, उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार ने कांग्रेस के दबाव में परियोजना को निलंबित कर दिया था.

राहुल राज्य सरकार पर गुजरात में आदिवासियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते रहे हैं. इसके साथ ही उऩ्होंने वादा किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर आदिवासियों के कल्याण के लिए काम किया जाएगा. खड़गे की 29 अक्टूबर की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि नवसारी से पार्टी के विधायक अनंत पटेल, पिछले कई महीनों से आदिवासी सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे हैं. पटेल ने एक विशाल जुलूस के रूप में शक्ति प्रदर्शन किया और हमले के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को दोषी ठहराया.

पटेल ने कहा कि 'राज्य सरकार बिना किसी नियम का पालन किए बस आदिवासियों से जमीन लेती है. भाजपा हमारे आंदोलन से डरी हुई है और मुझ पर हमले के पीछे उसका हाथ है. हमला हमें रोकने के लिए था. मैं सात साल से आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा.'

जल्द जारी हो सकती है उम्मीदवारों की सूची : बुधवार को सोनिया गांधी से नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, खड़गे ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी. उम्मीदवारों की पहली सूची इस महीने के अंत तक जारी होने की संभावना है.

पार्टी के नेताओं ने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष का गुजरात दौरा आदिवासियों के बीच कड़ा संदेश होगा. वह ऐसे दलित नेता हैं जिन्होंने पार्टी के लिए हर स्तर पर काम किया है. उनका दौरा राहुल गांधी की अनुपस्थिति की भी भरपाई करेगा, जो राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ी यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं. खड़गे के अलावा, गुजरात चुनावों के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी प्रचार मोड में आने की उम्मीद है. वह अगले सप्ताह पश्चिमी राज्य में चार जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक गहलोत 28 अक्टूबर को गरबाडा और फतेहपुरा में रैलियों को संबोधित कर सकते हैं. 29 अक्टूबर को वह खड़गे के साथ नवसारी आदिवासी रैली में मौजूद रहेंगे. गहलोत 30 अक्टूबर को बनासकांठा और खेड़ब्रह्मा में एक रैली को संबोधित करेंगे और 31 अक्टूबर को बड़गांव में एक स्थानीय यात्रा में हिस्सा लेंगे.

राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख अमित चावड़ा (Amit Chavda) ने कहा, 'गहलोत एक अनुभवी और पार्टी के शीर्ष नेता हैं. उनकी रैलियां हमारे पक्ष में मूड बनाती हैं.' कांग्रेस जन समर्थन जुटाने के लिए 31 अक्टूबर को राज्य में छह परिवर्तन (बदलाव) यात्राएं शुरू करने की भी योजना बना रही है. 31 अक्टूबर जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का शहादत दिवस है, वहीं यह भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती भी है, जो गुजरात के थे.

गुजरात के AICC प्रभारी रघु शर्मा के अनुसार, भाजपा ने भी गुजरात में विकास गौरव यात्रा निकालने की कोशिश की, लेकिन कुछ सार्वजनिक विरोधों के कारण अचानक उसे रोकना पड़ा. शर्मा ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कुछ नहीं किया है यही कारण है कि पीएम मोदी अपने गृह राज्य गुजरात में काफी समय बिता रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के गैर-प्रदर्शन के कारण पीएम को पिछले साल एक नया प्रमुख भूपेंद्र पटेल और एक नया मंत्रिमंडल लाना पड़ा ताकि विकास की कमी को कवर किया जा सके. शर्मा ने कहा, इसकी तुलना में कांग्रेस ने पिछले महीनों में अपनी बूथ स्तर की टीमों को मजबूत किया है और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी की 8 गारंटी मतदाताओं को बताने के लिए एक विशेष डोर टू डोर अभियान में घर-घर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हमारा बूथ प्रबंधन इस बार कमाल करेगा हम जमीनी स्तर पर चुपचाप काम कर रहे हैं.'

पढ़ें- कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत, सीडब्ल्यूसी, एआईसीसी और राज्य टीमों में सुधार करेंगे खड़गे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.