तिरुवनंतपुरमः माकपा के वरिष्ठ नेता और केरल के मत्स्य पालन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन ( Kerala Fisheries and Culture Minister, Saji Cheriyan) के संविधान पर दिए विवादित बयान के बाद विवाद होने पर बुधवार इस्तीफा दे दिया है. साजी ने साजी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारतीय संविधान आम लोगों के शोषण और लूट का समर्थन करता है. साजी के इस बयान पर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीटी बलराम ने इस्तीफे की मांग की थी.
वहीं साजी के बयान पर भाजपा नेता केजे अल्फोंस ने निशाना साधते हुए कहा था कि एक मंत्री के लिए संविधान के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के खिलाफ टिप्पणी करना गलत था. चेरियन ने संविधान की रक्षा की शपथ ली है और अब वह इसका मजाक उड़ा रहे हैं. हालांकि साजी चेरियन के विवादित बयान का सीपीआई ने बचाव किया था. सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य एम ए बेबी ने कहा था, 'उन्होंने संविधान की आलोचना नहीं की बल्कि उन्होंने केवल सत्ता के केंद्रों के खिलाफ बात की। यदि मंत्री की ओर से कोई चूक हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा.'
क्या कहा था चेरियन ने - चेरियन ने पठानमथिट्टा में एक पार्टी समारोह में संविधान का जिक्र करते हुए कहा था कि, 'देश में एक सुंदर संविधान लिखा गया है। मैं कहूंगा कि संविधान इस तरह से लिखा गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक लोगों को लूटा जाए. चेरियन यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि मौजूदा जो संविधान है उसे अंग्रेजों ने तैयार किया और भारतीयों ने लिख दिया. बकौल चेरियन, पिछले 75 वर्षों में इसे लागू किया गया है, मैं कहूंगा कि यह एक ऐसा संविधान है जो देश में अधिकतम लोगों का शोषण सुनिश्चित करता है.'
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