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कश्मीर पहले से ही खास, किसी विशेष कानूनी दर्जे की जरूरत नहीं है: आरिफ मोहम्मद खान - सूफी सम्मेलन

श्रीनगर में शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में शनिवार को सूफी सम्मेलन (Sufi conference) का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान थे.

Sufi conference organized in Srinagar
आरिफ मोहम्मद खान
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Published : Dec 31, 2022, 8:19 PM IST

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श्रीनगर : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को यहां कहा कि कश्मीर में इतनी खास चीजें और विशेषताएं हैं कि उसे कानून के तहत किसी विशेष दर्जे की जरूरत नहीं है. खान यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित सूफी सम्मेलन (Sufi conference) में मुख्य अतिथि थे. खान ने संवाददाताओं से कहा, 'एक प्राकृतिक नियम है, जो कहता है कि यदि आपका चरित्र अच्छा है, आप लोगों की सेवा करते हैं, तो आपको एक विशेष दर्जा मिलता है, जिसे कोई भी कानून आपसे नहीं छीन सकता. यही धर्म, सूफीवाद हमें सिखाता है, और यही चीज मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा कहती है.'

उन्होंने कहा कि किसी के लिए इस आधार पर कोई विशेष प्रावधान नहीं है कि वह कहां पैदा हुआ या किस धर्म में पैदा हुआ. खान ने कहा, 'कश्मीर में बहुत सारी खास चीजें हैं और कश्मीर को कानून के तहत किसी विशेष प्रावधान की जरूरत नहीं है. कश्मीर में अपने आप में एक शक्ति है, उसमें इतनी विद्या है, ऐसे शिल्प हैं, ऐसे शिल्पकार हैं, और इतनी विशेषताएं हैं कि आपका पहले से ही एक विशेष स्थान है.'

इससे पहले अपने संबोधन में खान ने कहा कि यह गलतफहमी है कि कोई कानून या संवैधानिक प्रावधान लोगों को खास बनाता है. उन्होंने कहा, 'एक कानून के कारण कोई भी व्यक्ति विशेष नहीं बन सकता है, इसलिए इसे अपने दिमाग से निकाल दें. कानून किसी को विशेष दर्जा नहीं देता है. विशेष हैसियत केवल उन्हीं की होती है, जिनके पास एक विशेष चरित्र और विशेष नैतिकता होती है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आपका ऐसा सौभाग्य है कि आपकी विशेषता को कोई समाप्त नहीं कर सकता.' केरल के राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा, 'इसलिए आने वाले साल में हमें खुद को साबित करना होगा कि शक्तिशाली भारत विश्व शांति की गारंटी है, किसी के लिए खतरा नहीं.'

खान ने कहा, 'आज दुनिया में ऐसा कौन सा देश है, जो केवल अपने ही लोगों के साथ काम कर सकता है? अगर आप सऊदी अरब या अमेरिका जाएं तो वहां सभी राष्ट्रीयताओं के लोग मौजूद हैं. दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है.' उन्होंने कहा, 'दुनिया आज एकजुट हो रही है, विभाजित नहीं हो रही. अगर हम खुद को बांटते हैं, तो इसमें केवल हमारा नुकसान है.'

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कुछ गलत लंबे समय तक चलता है, तो उसके परिणाम होंगे. लेकिन मैं जानता हूं कि केंद्रीय नेता और लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा कश्मीर में लोकतंत्र और विकास चाहते हैं. कश्मीर ज्ञान और ज्ञान का केंद्र है.'

इस अवसर पर कश्मीर के संभागीय आयुक्त पीके पोले और ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन पुणे (जीएसपीएफपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत भागवत भी मौजूद थे. पोले ने कश्मीरियत पर जोर दिया और कहा कि '2019 के बाद पर्यटन में तीन गुना वृद्धि देखी गई है. पड़ोसी देश ने कश्मीर के कारीगरों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. जादू हमारे कारीगरों के हाथ में है.'

दिलचस्प बात यह है कि सूफीवाद एक धार्मिक प्रथा है, जो मुख्य रूप से इस्लाम में पाई जाती है, जो इस्लामी आध्यात्मिकता, कर्मकांड, तपस्या और गूढ़वाद पर ध्यान केंद्रित करती है. ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन पुणे ने मानवता का संदेश फैलाने के उद्देश्य से श्रीनगर में सूफी सम्मेलन का आयोजन किया था.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग चिंता का विषय : सीआरपीएफ डीजी

(भाषा इनपुट के साथ)

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श्रीनगर : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को यहां कहा कि कश्मीर में इतनी खास चीजें और विशेषताएं हैं कि उसे कानून के तहत किसी विशेष दर्जे की जरूरत नहीं है. खान यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित सूफी सम्मेलन (Sufi conference) में मुख्य अतिथि थे. खान ने संवाददाताओं से कहा, 'एक प्राकृतिक नियम है, जो कहता है कि यदि आपका चरित्र अच्छा है, आप लोगों की सेवा करते हैं, तो आपको एक विशेष दर्जा मिलता है, जिसे कोई भी कानून आपसे नहीं छीन सकता. यही धर्म, सूफीवाद हमें सिखाता है, और यही चीज मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा कहती है.'

उन्होंने कहा कि किसी के लिए इस आधार पर कोई विशेष प्रावधान नहीं है कि वह कहां पैदा हुआ या किस धर्म में पैदा हुआ. खान ने कहा, 'कश्मीर में बहुत सारी खास चीजें हैं और कश्मीर को कानून के तहत किसी विशेष प्रावधान की जरूरत नहीं है. कश्मीर में अपने आप में एक शक्ति है, उसमें इतनी विद्या है, ऐसे शिल्प हैं, ऐसे शिल्पकार हैं, और इतनी विशेषताएं हैं कि आपका पहले से ही एक विशेष स्थान है.'

इससे पहले अपने संबोधन में खान ने कहा कि यह गलतफहमी है कि कोई कानून या संवैधानिक प्रावधान लोगों को खास बनाता है. उन्होंने कहा, 'एक कानून के कारण कोई भी व्यक्ति विशेष नहीं बन सकता है, इसलिए इसे अपने दिमाग से निकाल दें. कानून किसी को विशेष दर्जा नहीं देता है. विशेष हैसियत केवल उन्हीं की होती है, जिनके पास एक विशेष चरित्र और विशेष नैतिकता होती है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आपका ऐसा सौभाग्य है कि आपकी विशेषता को कोई समाप्त नहीं कर सकता.' केरल के राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा, 'इसलिए आने वाले साल में हमें खुद को साबित करना होगा कि शक्तिशाली भारत विश्व शांति की गारंटी है, किसी के लिए खतरा नहीं.'

खान ने कहा, 'आज दुनिया में ऐसा कौन सा देश है, जो केवल अपने ही लोगों के साथ काम कर सकता है? अगर आप सऊदी अरब या अमेरिका जाएं तो वहां सभी राष्ट्रीयताओं के लोग मौजूद हैं. दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है.' उन्होंने कहा, 'दुनिया आज एकजुट हो रही है, विभाजित नहीं हो रही. अगर हम खुद को बांटते हैं, तो इसमें केवल हमारा नुकसान है.'

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कुछ गलत लंबे समय तक चलता है, तो उसके परिणाम होंगे. लेकिन मैं जानता हूं कि केंद्रीय नेता और लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा कश्मीर में लोकतंत्र और विकास चाहते हैं. कश्मीर ज्ञान और ज्ञान का केंद्र है.'

इस अवसर पर कश्मीर के संभागीय आयुक्त पीके पोले और ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन पुणे (जीएसपीएफपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत भागवत भी मौजूद थे. पोले ने कश्मीरियत पर जोर दिया और कहा कि '2019 के बाद पर्यटन में तीन गुना वृद्धि देखी गई है. पड़ोसी देश ने कश्मीर के कारीगरों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. जादू हमारे कारीगरों के हाथ में है.'

दिलचस्प बात यह है कि सूफीवाद एक धार्मिक प्रथा है, जो मुख्य रूप से इस्लाम में पाई जाती है, जो इस्लामी आध्यात्मिकता, कर्मकांड, तपस्या और गूढ़वाद पर ध्यान केंद्रित करती है. ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन पुणे ने मानवता का संदेश फैलाने के उद्देश्य से श्रीनगर में सूफी सम्मेलन का आयोजन किया था.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग चिंता का विषय : सीआरपीएफ डीजी

(भाषा इनपुट के साथ)

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