मैसूर: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में स्थापना के लिए मैसूर के रहने वाले अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति का चयन किया गया है. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को इसकी पुष्टि की. रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज का पूरा परिवार बेहद खुश है. यह खुशखबरी सुनने के बाद मैसूर के योगीराज परिवार ने तिल और गुड़ बांटकर मकर संक्रांति मनाई.
इस मौके पर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मां सरस्वती और पत्नी विजेता योगीराज ने ईटीवी भारत से अपनी खुशी साझा की. अरुण योगीराज की माता सरस्वती का कहना है कि 'आज संक्रांति उत्सव के दिन यह खबर सुनकर हमें बहुत खुशी हुई. 500 साल का इतिहास अब पूरा हो गया है. मुझे खुशी है कि मेरे बेटे द्वारा बनाई गई मूर्ति को चुना गया है. छोटे-छोटे पत्थर लिये गये और मूर्तियां बनायी गयीं.'
उन्होंने आगे कहा कि 'श्री राम लल्ला की मूर्ति को तराशने के लिए मैसूर के हेग्गादेवनकोटे के कृष्ण शिला पत्थर को चुना था. उस नक़्क़ाशी को करने से पहले मैंने उस कृष्ण शिला की पूजा की थी. उस पत्थर में उकेरी गई रामलला की मूर्ति का चयन सार्थक था.'
अरुण योगीराज की पत्नी विजेता ने कहा कि 'मैं अरुण योगीराज द्वारा गढ़ी गई मूर्ति के चयन को लेकर बहुत खुश हूं. इस कार्य को करने का पुण्य प्राप्त होने से हमारा जीवन सार्थक हो गया है. जब अरुण 6 महीने के लिए अयोध्या गए, तो मेरे लिए छोटे बच्चों की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो गया था. अब मूर्ति को चुना गया है और उन्हें निर्वासन से मुक्त कर दिया गया है. ये खुशखबरी संक्रांति के दिन आई है.'