नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि 6 जून को हुई एयरलाइंस की सलाहकार समूह की बैठक के बाद दिल्ली से कुछ मार्गों पर हवाई किराए में 14 से 61 प्रतिशत तक की कमी आई है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और मंत्रालय के निगरानी प्रयासों पर जोर देते हुए, सिंधिया ने दिल्ली से श्रीनगर, लेह, पुणे और मुंबई जैसे गंतव्यों के लिए अधिकतम किराए में कमी पर संतोष व्यक्त किया.
सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 6 जून को दिल्ली से श्रीनगर, लेह, पुणे और मुंबई को जोड़ने वाली उड़ानों पर अधिकतम किराया 14-61 प्रतिशत कम हो गया है. डीजीसीए और मंत्रालय दैनिक किराए की निगरानी कर रहे हैं. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तहत पिछले नौ वर्षों में विमानन क्षेत्र द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला,
सिंधिया ने स्पष्ट किया कि एयरलाइंस के पास हवाई किराए का निर्धारण करने का अधिकार है. और बाजार की गतिशीलता और मौसम सहित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा जाता है. विमानन उद्योग मूल्य निर्धारण निर्णयों के लिए एक एल्गोरिद्म का उपयोग करता है. एयरलाइंस को हवाई किराए तय करने का अधिकार दिया गया है जो बाजार नियंत्रित हैं. उन्होंने आगे कहा कि निजी एयरलाइन कंपनियों की भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी होती है और सभी क्षेत्रों में किराया बढ़ाने की एक सीमा होनी चाहिए. उन्होंने आगे उड्डयन मंत्रालय की भूमिका को और स्पष्ट करते हुए कहा कि मंत्रालय की भूमिका एक सुविधाप्रदाता की है न कि नियामक की.
आपको बता दें बीते सोमवार को सिंधिया ने उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसे एयरलाइंस सलाहकार समूह द्वारा बुलाया गया था. इस बैठक में उन्होंने एयरलाइंस से हवाई किराए को स्व-विनियमित करने और उचित मूल्य स्तर बनाए रखने का आग्रह किया. मंत्री ने बैठक में कहा था कि मणिपुर में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हुई हैं और अब ओडिशा में. ऐसे में किराया दरों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. इनके अलावा, किराया दर दिल्ली से श्रीनगर, लेह, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में अधिकतम बनी हुई है. घरेलू हवाई टिकटों की आसमान छूती कीमतें यात्रियों की परेशानी को और बढ़ा रही हैं.
(एएनआई)