मुरैना: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (union minister jyotiraditya scindia) के चाहनेवालों की कमी नहीं है. मुरैना के उत्तमपुरा इलाके में रहने वाले सतपाल सिंह रोहतक ने अपने घर में सिंधिया के जयविलास पैलेस (महल) का निर्माण(Satpal Singh built Jaivilas Palace) कर डाला. इस जूनियर महल में पेड़-पौधे, बगीचा और लाइटिंग जैसी हर चीज मौजूद है. 9 फीट लंबे व 9 फीट चौड़े जयविलास पैलेस को बनाने में सतपाल को एक साल का समय लगा. इसके लिए उन्होंने 80 हजार रुपये से ज्यादा खर्च किये हैं. इस पैलेस को वह केंद्रीय मंत्री को तोहफे में देना चाहते हैं.
ताजमहल का बना चुके हैं नक्शा: 28 वर्षीय सतपाल सिंह रोहतक के पिता रमेशचंद रोहतक पेशे से दर्जी हैं. उन्हें लकड़ी के साइन बोर्ड से ऐतिहासिक इमारतें बनाने का बचपन से शौक है. इससे पहले वह ताजमहल का नक्शा बना चुके हैं. सतपाल जयविलास पैलेस को प्रदेश का सबसे भव्य व आधुनिक महल मानते हैं. किसी कारीगर या डिजाइनर ने आज तक जयविलास पैलेस का कोई ऐसा डिजाइन नहीं बनाया. इसलिए उसने सिंधिया के इस महल को बनाने की ठानी.
12 महीने हर दिन 5 से 7 घंटे मेहनत की: सतपाल ने एक साल पहले कोरोना काल में इसे बनाने का काम शुरू किया. 9 फीट लंबे व 9 फीट चौड़े आकार में जयविलास पैलेस को बनाने के लिए इन 12 माह में हर रोज 5 से 7 घंटे तक मेहनत की. जिस तरह जयविलास पैलेस के अंदर व बाहर परिसर में बगीचे, पेड़, पौधें और रंग-बिरंगी लाइटिंग है, वह सब इस डिजाइन में हैं. इसे देखने पर लगता है मानों शीशे में जयविलास पैलेस का अक्स देख रहे हैं.
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इंजीनियर बनना था सतपाल का सपना: सतपाल ने बताया कि उसका सपना इंजीनियर बनने का था और वह देश के लिए ऐसी भव्य इमारतें डिजाइन करना चाहता था. लेकिन पूरी मेहनत करने के बाद भी उसका एडमिशन किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं हुआ. घर की माली हालत भी अच्छी नहीं होने से वह एडमिशन नहीं ले सका और 7 साल पहले उसकी पढ़ाई छूट गई. अब वह अपने पिता के काम में हाथ बंटाता है और उससे होने वाली आमदनी को ऐतिहासिक इमारताें के डिजाइन बनाने पर खर्च कर रहा है.