वाराणसी: वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (shringar gauri gyanvapi mosque case) में वाराणसी जिला अदालत में मई से शुरू हुए मामले में आज फैसला आ गया है. कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य माना है.
ये हैं वादी: राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक.
प्रतिवादी: चीफ सेक्रट्ररी के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस कमिश्नर, ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट
तारीखों के जरिए जानिए कब क्या हुआ
- 18 अगस्त, 2021 को राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिविजन रविकुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल किया गया था.
- 8 अप्रैल 2022 को अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर बनाकर ज्ञानवापी परिसर की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का आदेश दिया.
- 19 अप्रैल को यह कार्यवाही होनी थी लेकिन ठीक एक दिन पहले जिला प्रशासन और कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा कारणों और मस्जिद में सिर्फ सुरक्षाकर्मी और मुसलमानों के ही जाने की अनुमति देने की बात बताकर कार्रवाई को रोकने की मांग की.
- 19 अप्रैल को विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कमीशन कार्यवाही रोकने की गुहार लगाई. हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा.
- 26 अप्रैल को निचली अदालत ने ईद के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया. आदेश के तहत कोर्ट कमिश्नर ने छह मई को सर्वे करने से कोर्ट को अवगत कराया था.
- 6 मई को एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा की मौजूदगी में कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई.
- 7 मई को मस्जिद परिसर में सैकड़ों लोग जमा हो गए और विरोध की वजह से कार्यवाही नहीं हो सकी.
- 12 मई को अदालत ने तहखाने और बंद कमरों सहित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वेक्षण को फिर से शुरू करने का आदेश दिया. एडवोकेट कमिश्नर के तौर पर विशाल सिंह व अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया गया.
- 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई को तुरंत रोकने से इनकार किया.
- 14 मई से एक बार फिर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही शुरू हुई.
- 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजुखाने में शिवलिंग मिलने की बात कही.
- 17 मई को सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करना करना था.
- 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया.
- 18 मई को एडवोकेट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल की.
- 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायाधीश वाराणसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है.
- 12 सितंबर को जिला जज ने फैसला सुनाया कि मुकदमा सुनने योग्य है.
वाराणसी में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस के फैसले के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट है. एसपी सोमेन वर्मा के साथ उच्च अधिकारी शहर में गश्त कर रहे हैं. सभी थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गये हैं. मंदिर और मस्जिदों के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के मामले में आज जिला अदालत का फैसला आएगा. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की पोषणीयता यानी मुकदमा चलने योग्य है या नहीं, इस बात पर फैसला सुनाएगी. इस मामले में सुनवाई दोपहर दो बजे शुरू होगी. मई और जून में पूरे देश में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ था.
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम: एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण में आपेक्षित निर्णय को लेकर सभी जगह एलर्ट जारी किया था. माननीय न्यायालय के आदेश का पालन कराया जाएगा. उपद्रवी और अराजक तत्वों के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. जगह-जगह पर हमने जवानों को तैनात किया है. सेक्टर स्कीम के तहत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भ्रमण कर रहे हैं. हमने डिजिटल वॉलंटियर्स लगाए हैं. हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं.
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लखनऊ में अलर्ट के बाद कमिश्नर ने किया पैदल मार्च, ड्रोन से रखी जा रही नजर: लखनऊ में भी ज्ञानव्यापी केस का फैसले आने से पहले जारी हुए अलर्ट को लेकर पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने पुराने लखनऊ में सोमवार को पैदल मार्च किया. कमिश्नर के साथ पुलिस बल के अलावा पीएसी व आरपीएफ के जवान भी मौजूद थे. साथ ही शहर में ड्रोन ने नजर रखी जा रही है. पुलिस ने खासकर पुराने लखनऊ के चौक, नक्खास, सहादतगंज और खदरा इलाके में नजर रखी है. यहां जावनों को तैनात किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न धर्मगुरुओं से भी बात की.