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90वीं इंटरपोल महासभा : बाल यौन शोषण से लड़ने के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का संकल्प - interpol resolution child sexual abuse

इंटरपोल की 90वीं महासभा (90th General Aseembly of INTERPOL ) में बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान किया गया. सभी देशों से इस संबंध में डाटाबेस मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

90th General Aseembly of INTERPOL
90वीं इंटरपोल महासभा
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Published : Oct 21, 2022, 6:56 PM IST

नई दिल्ली: इंटरपोल की 90वीं आमसभा (General Assembly of INTERPOL) ने शुक्रवार को बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का संकल्प लिया. इंटरपोल ने सदस्य देशों से भी संगठित अपराध, वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए सक्रिय और सामूहिक रूप से समर्थन करने को कहा है.

राष्ट्रीय राजधानी में संपन्न इंटरपोल की चार दिवसीय महासभा ने स्वीकार किया है कि ऑनलाइन बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार के मामले सभी देशों में बढ़े हैं. विश्व स्तर पर बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित कानून प्रवर्तन इकाइयां महत्वपूर्ण हैं. इंटरपोल महासभा ने सभी सदस्य देशों से ऐसी आपराधिक गतिविधि से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने और राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो से अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण डेटाबेस (ICSE) से कनेक्ट करने की अपील की है.

महासभा ने आईसीएसई से जुड़े सदस्य देशों से डेटाबेस में सामग्री अपलोड और विश्लेषण करने का आग्रह किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय जांच और रोकथाम के प्रयासों में मदद मिले.

इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा, 'प्रत्येक बच्चे को यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाया जाना चाहिए.' वर्तमान में 4.3 मिलियन से अधिक वीडियो और तस्वीरे ऐसी हैं जिनके ICSE डेटाबेस जांचकर्ताओं को पीड़ितों, दुर्व्यवहार करने वालों और स्थानों की पहचान करने मे सक्षम बनाते हैं.

आईसीएसई के माध्यम से अब तक दुनिया भर में 30,000 से अधिक पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है. हालांकि, ऑनलाइन बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार के मामलों की महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के अलावा, कई देशों में इस प्रकार के अपराध के लिए समर्पित विशेष इकाइयां नहीं हैं, अन्य में जांच का समर्थन करने के लिए आवश्यक कानून की कमी है. वर्तमान में भारत सहित 68 सदस्य देश आईसीएसई डेटाबेस से जुड़े हुए हैं. इंटरपोल में 195 सदस्य देश हैं.

इंटरपोल महासभा का मानना है कि अवैध आय का संचलन और प्रवाह सभी देशों में नागरिकों के लिए एक गंभीर जोखिम है. ऐसे मामलों को रोकने पर भी जोर दिया गया. एक अन्य संकल्प के तहत इंटरपोल के आई-फ़मिलिया डेटाबेस के इस्तेमाल के माध्यम से लापता व्यक्तियों की पहचान करने पर जोर दिया गया. सभी सदस्य देशों ने डीएनए मिलान परिणामों की व्याख्या करने में आई-फ़मिलिया और इंटरपोल की डीएनए विशेषज्ञता पर जोर दिया.

अज्ञात मानव अवशेषों के डीएनए प्रोफाइल के वैध प्रावधान के माध्यम से ऐसे डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करने का सुझाव दिया गया. ई-फ़मिलिया (I-Familia) डीएनए मिलान के आधार पर लापता व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक वैश्विक डेटाबेस है.

पढ़ें- वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग एशिया के लिए दो सबसे बड़े खतरे: इंटरपोल रिपोर्ट

नई दिल्ली: इंटरपोल की 90वीं आमसभा (General Assembly of INTERPOL) ने शुक्रवार को बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का संकल्प लिया. इंटरपोल ने सदस्य देशों से भी संगठित अपराध, वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए सक्रिय और सामूहिक रूप से समर्थन करने को कहा है.

राष्ट्रीय राजधानी में संपन्न इंटरपोल की चार दिवसीय महासभा ने स्वीकार किया है कि ऑनलाइन बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार के मामले सभी देशों में बढ़े हैं. विश्व स्तर पर बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित कानून प्रवर्तन इकाइयां महत्वपूर्ण हैं. इंटरपोल महासभा ने सभी सदस्य देशों से ऐसी आपराधिक गतिविधि से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने और राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो से अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण डेटाबेस (ICSE) से कनेक्ट करने की अपील की है.

महासभा ने आईसीएसई से जुड़े सदस्य देशों से डेटाबेस में सामग्री अपलोड और विश्लेषण करने का आग्रह किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय जांच और रोकथाम के प्रयासों में मदद मिले.

इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा, 'प्रत्येक बच्चे को यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाया जाना चाहिए.' वर्तमान में 4.3 मिलियन से अधिक वीडियो और तस्वीरे ऐसी हैं जिनके ICSE डेटाबेस जांचकर्ताओं को पीड़ितों, दुर्व्यवहार करने वालों और स्थानों की पहचान करने मे सक्षम बनाते हैं.

आईसीएसई के माध्यम से अब तक दुनिया भर में 30,000 से अधिक पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है. हालांकि, ऑनलाइन बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार के मामलों की महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के अलावा, कई देशों में इस प्रकार के अपराध के लिए समर्पित विशेष इकाइयां नहीं हैं, अन्य में जांच का समर्थन करने के लिए आवश्यक कानून की कमी है. वर्तमान में भारत सहित 68 सदस्य देश आईसीएसई डेटाबेस से जुड़े हुए हैं. इंटरपोल में 195 सदस्य देश हैं.

इंटरपोल महासभा का मानना है कि अवैध आय का संचलन और प्रवाह सभी देशों में नागरिकों के लिए एक गंभीर जोखिम है. ऐसे मामलों को रोकने पर भी जोर दिया गया. एक अन्य संकल्प के तहत इंटरपोल के आई-फ़मिलिया डेटाबेस के इस्तेमाल के माध्यम से लापता व्यक्तियों की पहचान करने पर जोर दिया गया. सभी सदस्य देशों ने डीएनए मिलान परिणामों की व्याख्या करने में आई-फ़मिलिया और इंटरपोल की डीएनए विशेषज्ञता पर जोर दिया.

अज्ञात मानव अवशेषों के डीएनए प्रोफाइल के वैध प्रावधान के माध्यम से ऐसे डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करने का सुझाव दिया गया. ई-फ़मिलिया (I-Familia) डीएनए मिलान के आधार पर लापता व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक वैश्विक डेटाबेस है.

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