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भारत के पहले निजी रॉकेट 'विक्रम-एस' को 12 से 16 नवंबर के बीच किया जा सकता है प्रक्षेपित - Hyderabad based Skyroot Aerospace

ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत की कोई निजी एयरोस्पेस कंपनी अपना रॉकेट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने जा रही है. हैदराबाद की अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी अपने रॉकेट 'विक्रम-एस' का प्रक्षेपण 12 से 16 नवंबर के बीच प्रक्षेपित करेगी.

रॉकेट विक्रम-एस
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Published : Nov 9, 2022, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: भारत के निजी क्षेत्र द्वारा विकसित पहले रॉकेट 'विक्रम-एस' का प्रक्षेपण 12 से 16 नवंबर के बीच किया जा सकता है. हैदराबाद के अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Space Startup Skyroute Aerospace) ने मंगलवार को यह घोषणा की. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे और इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लांचपैड से प्रक्षेपित किया जा सकता है.

अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस
अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस

स्काईरूट एयरोस्पेस के सीईओ और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने कहा कि 'अधिकारियों ने प्रक्षेपण के लिए 12 नवंबर से 16 नवंबर की संभावित अवधि बताई है, अंतिम तारीख मौसम के हालात के हिसाब से तय की जाएगी.' चांदना ने अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि 'हमारे पास दो भारतीय और एक विदेशी पेलोड हैं.'

चेन्नई स्थित एक एयरोस्पेस स्टार्टअप 'स्पेसकिड्ज' विक्रम-एस के जरिये भारत, अमेरिका, सिंगापुर और इंडोनेशिया के छात्रों द्वारा विकसित 2.5 किलोग्राम के पेलोड 'फन-सेट' को अंतरिक्ष में भेजेगा. 'स्पेसकिड्ज' की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीमती केसन ने बताया कि 'हम चाहते हैं कि बच्चे अंतरिक्ष में प्रयोग करने के बारे में सीखें. यह साधारण पेलोड है, जिन्हें दादा-दादियों ने अपने पोते-पोतियों के साथ मिलकर बनाया है.'

सोमवार को इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने स्काईरूट एयरोस्पेस लॉन्च के लिए 'मिशन पैच' (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया. इस मिशन के साथ स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाली, भारत की पहली निजी अंतरिक्ष कंपनी बन सकती है. इस तरह 2020 में निजी क्षेत्र के लोगों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद एक नयी शुरुआत होगी.

पढ़ें: गुजरात: 'आप' प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया कतारगाम से लड़ेंगे चुनाव

स्काईरूट एयरोस्पेस के मुख्य परिचालन अधिकारी एन भरत डाका ने एक बयान में कहा कि 'विक्रम-एस रॉकेट एकल चरण वाला उपकक्षीय प्रक्षेपण यान है, जो तीन उपभोक्ता पेलोड लेकर जाएगा और अंतरिक्ष यानों की विक्रम श्रृंखला में अनेक प्रौद्योगिकियों के परीक्षण तथा उन्हें मान्यता देने में मदद करेगा.' स्काईरूट के रॉकेट का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत के निजी क्षेत्र द्वारा विकसित पहले रॉकेट 'विक्रम-एस' का प्रक्षेपण 12 से 16 नवंबर के बीच किया जा सकता है. हैदराबाद के अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Space Startup Skyroute Aerospace) ने मंगलवार को यह घोषणा की. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे और इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लांचपैड से प्रक्षेपित किया जा सकता है.

अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस
अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस

स्काईरूट एयरोस्पेस के सीईओ और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने कहा कि 'अधिकारियों ने प्रक्षेपण के लिए 12 नवंबर से 16 नवंबर की संभावित अवधि बताई है, अंतिम तारीख मौसम के हालात के हिसाब से तय की जाएगी.' चांदना ने अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि 'हमारे पास दो भारतीय और एक विदेशी पेलोड हैं.'

चेन्नई स्थित एक एयरोस्पेस स्टार्टअप 'स्पेसकिड्ज' विक्रम-एस के जरिये भारत, अमेरिका, सिंगापुर और इंडोनेशिया के छात्रों द्वारा विकसित 2.5 किलोग्राम के पेलोड 'फन-सेट' को अंतरिक्ष में भेजेगा. 'स्पेसकिड्ज' की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीमती केसन ने बताया कि 'हम चाहते हैं कि बच्चे अंतरिक्ष में प्रयोग करने के बारे में सीखें. यह साधारण पेलोड है, जिन्हें दादा-दादियों ने अपने पोते-पोतियों के साथ मिलकर बनाया है.'

सोमवार को इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने स्काईरूट एयरोस्पेस लॉन्च के लिए 'मिशन पैच' (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया. इस मिशन के साथ स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाली, भारत की पहली निजी अंतरिक्ष कंपनी बन सकती है. इस तरह 2020 में निजी क्षेत्र के लोगों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद एक नयी शुरुआत होगी.

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स्काईरूट एयरोस्पेस के मुख्य परिचालन अधिकारी एन भरत डाका ने एक बयान में कहा कि 'विक्रम-एस रॉकेट एकल चरण वाला उपकक्षीय प्रक्षेपण यान है, जो तीन उपभोक्ता पेलोड लेकर जाएगा और अंतरिक्ष यानों की विक्रम श्रृंखला में अनेक प्रौद्योगिकियों के परीक्षण तथा उन्हें मान्यता देने में मदद करेगा.' स्काईरूट के रॉकेट का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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