नई दिल्ली: भारत और वियतनाम ने मंगलवार को सुरक्षा के मुद्दे पर यहां वार्ता की और समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नौवहन और 'ओवरफ्लाइट' की स्वतंत्रता के लिए अपने दृढ़ रुख को दोहराया. उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार/उप मंत्री के स्तर पर दूसरा भारत-वियतनाम सुरक्षा वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री (Deputy National Security Advisor Vikram Misri) ने किया, जबकि वियतनामी पक्ष का नेतृत्व उप सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल लुओंग टैम क्वांग (Lieutenant General Luong Tam Kwang) ने किया.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और वियतनाम के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के बीच 2016 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन ने संस्थागत तंत्र की स्थापना की. उद्घाटन संवाद अप्रैल 2018 में हनोई में आयोजित किया गया था. मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि मिश्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) को दोहराया, जो समुद्री क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन, संरक्षण, बनाए रखने और सुरक्षित करने संबंधी प्रयासों पर केंद्रित है.
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उन्होंने कहा कि वियतनाम ने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की सराहना की. मंगलवार की बातचीत के दौरान, दोनों पक्ष आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने पर सहमत हुए. दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और मादक पदार्थों और हथियारों के उत्पादन और तस्करी के गठजोड़ से निपटने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है. लेफ्टिनेंट जनरल क्वांग (Lieutenant General Luong Tam Kwang) ने विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) से मुलाकात की. यात्रा के दौरान वह बोधगया की यात्रा करेंगे.