लखनऊ: 7 जून को अमरावती बिल्डर्स और ए ऑटोमुवर्स के ठिकानों पर पड़ी इनकम टैक्स की छापेमारी चौथे दिन भी जारी है. इनकम टैक्स टीम अब तक 18 करोड़ कैश बरामद कर चुकी है. इतना ही नहीं टीम को छापेमारी के दौरान कई ऐसे बिल्डर्स की जानकारी मिली थी, जो अमरावती और ए ऑटोमूवर का नकद पैसा इन्वेस्ट करते थे, जिससे टैक्स चोरी होती थी.
इनकम टैक्स की छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, अमरावती और ए ऑटोमूवर्स ने तीन बिल्डरों के जरिए टैक्स चोरी की है. सूत्रों के मुताबिक, बिल्डर्स ने पंजाब और कनाडा से आने वाले पैसों को तीन बिल्डर को नकद दिए और जब वापस लिया तो उसे कर्ज के रूप में दिखाया गया. इनकम टैक्स का मानना है कि ऐसा टैक्स चोरी करने और कालेधन को सफेद करने के लिए किया गया है.
इनकम टैक्स की छापेमारी के दौरान लखनऊ, नोएडा और पंजाब के कई कारोबारी के नाम सामने आए हैं, जो रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े हैं. अब इनकम टैक्स की टीम इन कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी करेगी. वहीं, शुक्रवार देर शाम हजरतगंज में रियल एस्टेट के पूर्व कारोबारी आनन्द अग्रवाल और सूफियान बिल्डर के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है. इसके अलावा मोहनलालगंज में सुलतानपुर रोड पर परियोजना लाने वाली रियल एस्टेट कंपनी पिंटेल से जुड़े दो और कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की है.
इनकम टैक्स की चार दिनों से चल रही छापेमारी में सामने आया है कि इन बिल्डरों का व्यापार का एक बड़ा हिस्सा आउट ऑफ बुक्स पाया गया है. व्यापारियों ने कैश में कारोबार किया. लेकिन, उन्हें रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया. इनकम टैक्स के अधिकारियों की मानें तो इन बिल्डरों ने असुरक्षित ऋण का बड़ा खेल खेला है. अधिकारियों के मुताबिक, असुरक्षित ऋण वो होता है, जिसके लिए कोलैटरल के किसी प्रकार की आवश्यकता नहीं होती है. आउट आफ बुक्स कैश देकर कर्ज के रूप में उसी पैसे को वापस लिया जाता है. इसमें उधार देने वाली फर्म के पास कोई संपत्ति या एसेट गिरवी नहीं रखना होता. फर्म की हैसियत ही कर्ज का आधार बनती है.
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