फिरोजाबाद : जिले के शिकोहाबाद इलाके के गांव डडियामाई में नवरात्रि पर देवी काे खुश करने के लिए भक्त कई तरीके अपनाते हैं, कुछ इतने हैरतअंगेज होते हैं कि लोग हैरान रह जाते हैं. 70 से चली आ रही यह परंपरा आज भी गांव में कायम है. कुछ लोग त्रिशूल लेकर इसे अपने जबड़े से पार कर देते हैं तो कुछ चाबुक से खुद काे पीटते हैं. भक्तों का दावा है कि ये करतब करते समय जिस्म से खून का एक कतरा भी नहीं निकलता है. जबकि कुछ लोग इसे अंधविश्वास बताते हैं.
नवरात्रि पर देवी को खुश करने के लिए भक्त पूजा-अर्चना करते हैं. दंडवती परिक्रमा भी करते हैं. फिरोजाबाद के शिकाेहाबाद इलाके के डडियामाई गांव में भक्त देवी काे खुश करने के लिए हैरतअंगेज तरीके अपनाते हैं. वे खुद के शरीर पर प्रहार करते हैं. मुंह में त्रिशूल घोंपकर देवी को प्रसन्न करने का दावा करते हैं. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. भक्तों का दावा है कि मां की कृपा से उन्हें इन करतबों को करने में जरा भी तकलीफ नहीं होती है. शरीर काे जख्म देने के बावजूद खून नहीं निकलता है. हालांकि जानकार इसे अंधविश्वास बताते हैं. वे इस पर अपना वैज्ञानिक तर्क भी रखते हैं.
गांव के रहने वाले देवी भक्त मोहनलाल ने बताया कि वह काफी समय से मुंह में त्रिशूल घोंपते आ रहे हैं, आज तक उन्हें कोई समस्या नहीं हुई. यह देवी का आशीर्वाद है. गांव के अन्य लोग भी खंजर से खुद पर वारकर देवी काे खुश करने की कोशिश करते हैं. गांव के के बाहर भगवती देवी का मंदिर है. यहां नवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. नवमी की रात देवी को खुश करने के लिए हवन और जागरण के साथ तंत्र क्रियाएं भी होती हैं. नव दुर्गा के मौके पर देवी के इस मंदिर पर मेला भी लगता है. मेला प्रबंधक शिशुपाल सिंह के मुताबिक इस गांव में बीते कई वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है. देवी काे खुश करने के लिए लोग कड़े फैसले लेते हैं.
यह भी पढ़ें : फिरोजाबाद में तांत्रिक दंपत्ति की संपत्ति को पुलिस ने किया कुर्क, भूत-प्रेत भगाने के नाम करते थे ठगी