हैदराबाद: अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी मामले में हरियाणा के हांसी थाने में दर्ज मामले को खारिज करने के लिए पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से दायर की गई याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने युवराज सिंह की तरफ से पेश होकर हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष कहा, वे इस मामले में एक रीजाइंडर फाइल करना चाहते हैं. इसलिए उन्हें समय दिया जाए.
इस पर शिकायतकर्ता रजत कलसन के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने कहा, मामले में पहले ही बहुत समय दिया जा चुका है और आज की पेशी अंतिम बहस के लिए मुकर्रर थी. वह इस मामले में बहस करना चाहते हैं, इस मामले में बहस सुनी जाए.
यह भी पढ़ें: Tokyo Paralympics: टेबल टेनिस के फाइनल में पहुंचीं भाविना पटेल, कामयाबी को PM मोदी ने किया सलाम
इस दौरान हाईकोर्ट की बेंच ने सरकारी वकील से जांच का स्टेटस पूछते हुए कहा, क्या युवराज सिंह को जांच में शामिल किया गया है. इस पर सरकारी वकील ने बताया, युवराज सिंह एक बार जांच में शामिल हुए हैं. लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और न ही उन्होंने अपना मोबाइल फोन पुलिस को सौंपा है. इस काम के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है.
यह भी पढ़ें: लीड्स टेस्ट: पुजारा शतक की ओर, भारत के 2/215
इस पर अदालत ने युवराज सिंह के वकील को फटकार लगाते हुए कहा, अगर आप जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो अदालत इस मामले में युवराज सिंह के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई के बारे में रोक लगाई हुई है, उसे हटाने से गुरेज नहीं करेगी. इस पर युवराज के वकील ने कहा, पिटीशनर युवराज सिंह दुबई गए हुए हैं. उनके आते ही वे उन्हें जांच में शामिल कर सहयोग करने के लिए कहेंगे.
यह भी पढ़ें: Paralympics 2020: भाविना ने रचा इतिहास, टेबल टेनिस के सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक किया पक्का
शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत से कहा, इस मामले को छोटी तारीख पेशी दी जाए. उस पर अदालत ने मामले की आगामी तारीख पेशी 6 सितंबर तय की है और कहा है कि इस तारीख पर दोनों पक्षों की बहस सुनी जाएगी. अगर कोई पक्ष अपना कोई दस्तावेज या जवाब दाखिल करना चाहे तो इस तारीख से पहले कर सकता है.
बता दें, युवराज सिंह ने अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. उनके खिलाफ दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने हांसी थाना शहर में एससी/एसटी एक्ट में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी हाईकोर्ट ने युवराज के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.