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हाथरस डीएम के गेहूं की फसल काटने का Video चर्चा में, यह वजह आई सामने - हाथरस का वायरल वीडियो

हाथरस की डीएम के गेहूं की फसल काटने का वीडियो चर्चा में है. इस बारे में उन्होंने क्या वजह बताई चलिए जानते हैं.

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Published : Apr 7, 2023, 4:14 PM IST

हाथरस: जिलाधिकारी अर्चना वर्मा का गांव बुधु के नगला हेमराज में गेहूं की फसल काटने का वीडियो इन दिनों चर्चा में हैं. जिलाधिकारी ने इसे रूटीन प्रक्रिया बताया है.

हाथरस डीएम का यह वीडियो चर्चा में है.

कृषक रामहेत सिंह के मुताबिक बुधवार को राजस्व विभाग ने गांव बुधु का नगला हेमराज में गेहूं के खेत में 43.3 वर्गमीटर का प्लाट बनाकर क्रॉप कटिंग की थी. इसमें 6.930 किग्रा गेहूं निकला था. यहां जिलाधिकारी ने भी खुद गेहूं की कुछ फसल अपने हाथों से भी काटी थी. जिलाधिकारी ने बेमौसम हुई बरसात से बरबाद हुई किसानों की फसल का आकलन करने के लिए गेहूं की फसल की खुद कटाई की थी. इस दौरान जिलाधिकारी ने खेत का नक्शा, खसरा, रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच भी की थी.

किसान रामहेत सिंह ने बताया कि उनके खेत में एक प्लॉट बनाकर फसल को कटवाया गया था. जिलाधिकारी, लेखपाल व कानूनगो आदि मौजूद थे. जब गेंहू को निकाला गया तो 6 किलो 930 ग्राम ही वजन निकला जबकि 20 किलो होना चाहिए. बारिश और तेज हवा के चलते फसल गिरकर सड़ गई थी. इससे फसल को 70 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इसी का आकलन करने डीएम आईं थीं.

वहीं, डीएम ने कहा कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जाते हैं. इससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जाती है. अंतिम आंकड़े परीक्षण के उपरांत राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय जारी करता है. उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति और फसल बीमा की राशि निर्धारित की जाती है.


उन्होंने बताया कि भले ही यह चर्चा का विषय हो लेकन यह रूटीन की प्रक्रिया है. राजस्व विभाग के सभी अधिकारी क्रॉप कटिंग करते हैं चाहे वह डीएम हो या एसडीएम. इसका उद्देश्य मात्र इतना ही होता है कि उत्पादन अधिकारी की देखरेख में निकाला जाए. क्रॉप कटिंग के दौरान अपर जिला सूचना अधिकारी प्रदीप कुमार, राजस्व निरीक्षक अनिल कुमार शर्मा, लेखपाल राघवेन्द्र सिंह, तहसील समन्वयक मृदुल कुमार, जिला प्रबंधक फसल बीमा लोकपाल सिंह आदि उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: लखनऊ नगर निगम की अनदेखी से शहर की पाॅश काॅलोनियों में बन गए "कूड़ाघर", मायावती आवास को भी नहीं छोड़ा

हाथरस: जिलाधिकारी अर्चना वर्मा का गांव बुधु के नगला हेमराज में गेहूं की फसल काटने का वीडियो इन दिनों चर्चा में हैं. जिलाधिकारी ने इसे रूटीन प्रक्रिया बताया है.

हाथरस डीएम का यह वीडियो चर्चा में है.

कृषक रामहेत सिंह के मुताबिक बुधवार को राजस्व विभाग ने गांव बुधु का नगला हेमराज में गेहूं के खेत में 43.3 वर्गमीटर का प्लाट बनाकर क्रॉप कटिंग की थी. इसमें 6.930 किग्रा गेहूं निकला था. यहां जिलाधिकारी ने भी खुद गेहूं की कुछ फसल अपने हाथों से भी काटी थी. जिलाधिकारी ने बेमौसम हुई बरसात से बरबाद हुई किसानों की फसल का आकलन करने के लिए गेहूं की फसल की खुद कटाई की थी. इस दौरान जिलाधिकारी ने खेत का नक्शा, खसरा, रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच भी की थी.

किसान रामहेत सिंह ने बताया कि उनके खेत में एक प्लॉट बनाकर फसल को कटवाया गया था. जिलाधिकारी, लेखपाल व कानूनगो आदि मौजूद थे. जब गेंहू को निकाला गया तो 6 किलो 930 ग्राम ही वजन निकला जबकि 20 किलो होना चाहिए. बारिश और तेज हवा के चलते फसल गिरकर सड़ गई थी. इससे फसल को 70 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इसी का आकलन करने डीएम आईं थीं.

वहीं, डीएम ने कहा कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जाते हैं. इससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जाती है. अंतिम आंकड़े परीक्षण के उपरांत राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय जारी करता है. उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति और फसल बीमा की राशि निर्धारित की जाती है.


उन्होंने बताया कि भले ही यह चर्चा का विषय हो लेकन यह रूटीन की प्रक्रिया है. राजस्व विभाग के सभी अधिकारी क्रॉप कटिंग करते हैं चाहे वह डीएम हो या एसडीएम. इसका उद्देश्य मात्र इतना ही होता है कि उत्पादन अधिकारी की देखरेख में निकाला जाए. क्रॉप कटिंग के दौरान अपर जिला सूचना अधिकारी प्रदीप कुमार, राजस्व निरीक्षक अनिल कुमार शर्मा, लेखपाल राघवेन्द्र सिंह, तहसील समन्वयक मृदुल कुमार, जिला प्रबंधक फसल बीमा लोकपाल सिंह आदि उपस्थित थे.

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