भोपाल। जैसे आप किसी सरकारी दफ्तर में अपने काम के लिए आवेदन लगाते हैं. ठीके वैसे ही भोपाल के अर्जी वाले हनुमान मंदिर में भी छोटे बड़े हर संकट और मनोकामना के लिए हनुमान जी को आवेदन लगाना पड़ता है. केवल इतने से बात नहीं बनती. आवेदन लगाने के बाद पांच मंगल और पांच शनिवार मंदिर में हाजिरी भी देनी पड़ती है. अर्जी वाले हनुमानजी के यहां आने वाले आवेदनों में परीक्षा में अच्छे नंबरों की कामना के साथ परिवार में किसी के बीमार हो जाने पर उनके स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना भी होती है. पिछले 22 वर्षों से इस मंदिर में आवेदन लग रहे हैं. ये आवेदन काम पूरा होने के बाद नारियल में बांध कर विसर्जित कर दिए जाते हैं.
अर्जी वाले हनुमान आवेदन पर सुनते हैं: भोपाल के अर्जी वाले हनुमान में पूजा पाठ आम मंदिरों की तरह ही होता है, लेकिन हनुमान जी तक मनोकामना पहुंचाने की प्रक्रिया जरा अलग है. करीब बीस साल पहले जब से ये प्रतिमा यहां स्थापित हुई है. तभी से मंदिर में आवेदन के जरिए ही भक्तगण अपनी पुकार हनुमानजी के कानों तक पहुंचाते हैं. भक्त और भगवान के बीच सारा संवाद भले एकतरफा हो, लेकिन लिखित ही होता है. यहां आने वाले हर आयु वर्ग के भक्त अपने साथ प्रसाद की थैली फूल माला के साथ कॉपी पेन भी लेकर आते हैं. जिससे हाथ के हाथ अपने मन की बात हनुमान जी तक पहुंचाकर जाएं. सीए की पढ़ाई कर रहे विकास ने पहली बार मंदिर में आवेदन लगाया है. विकास ने अंग्रेजी में अपने मन की बात लिखी. विकास सीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद जिंदगी में नई राह पर बढ़ रहे हैं और चाहते हैं कि उनका संघर्ष अब आसान हो.
हनुमान जी को आवेदन लगने की शुरुआत कैसे: अर्जी वाले हनुमान के नाम से प्रसिद्ध इस हनुमान मंदिर में अर्जी लगाने की शुरुआत बच्चों ने की थी. जो अपने मन की बात अपने डर हनुमान जी के सामने कागज पर रखकर छोड़ जाते थे. जब उन बच्चों की मनोकामना पूरी हुई तो बड़े भी कतार में आने लगे. मंदिर के संस्थापक पंडित नरेन्द्र दीक्षित बताते हैं सबसे बड़ा बॉस तो ईश्वर ही है. तो मेरा ये मानना है कि चाहे नौकरी में तरक्की हो कारोबार में प्रगति तो घर में सुख शांति हो आवेदन तो वहीं लगेगा और वहीं से कार्रवाई होगी. परीक्षा को लेकर भी बच्चे आवेदन लगाते हैं तो मतलब ये नहीं है कि पढ़ेंगे नहीं और पास हो जाएंगे. आवेदन इस बात की प्रभु परीक्षा में मनोबल बनाए रखें.
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अर्जी वाले हनुमान मंदिर में रामायण में आहूति: अर्जी वाले हनुमान मंदिर की खासियत केवल ये आवेदन नहीं है. यहां हनुमान जयंती पर होने वाली अखंड रामायण में हर चौपाई पर एक आहूति डाली जाती है. ये हवन सामग्री भी कई तरह की जड़ी बूटियों से तैयार की जाती है. मंदिर के संस्थापक पंडित नरेंद्र दीक्षित करते हैं. उन्होंने कहा कि ये हम कोरोना जैसी महामारी के समूल नाश और विश्व से व्याधियों के निवारण के लिए यज्ञ करते हैं. हर चौपाई पर एक आहूति डाली जाती है.