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इसरो को मिला अब तक का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक

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Published : Nov 30, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 11:05 PM IST

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसरो के लिए अब तक का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक (C32 LH2) तैयार किया है.

क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक
क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक

बेंगलुरु : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसरो के लिए अब तक का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक (C32 LH2) तैयार किया है. यह प्रोपेलेंट टैंक तय समय से पहले तैयार कर लिया गया है.

हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विज्ञप्ति में कहा कि उसने अनुबंध के तहत तय समय सीमा से बहुत पहले ही इसरो को सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रणोदक टैंक (सी32एलएच2) की आपूर्ति कर दी है.

सी32एलएच2 टैंक को जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन की भार क्षमता को बेहतर बनाने के लिए विकसित किया गया है.

एचएएल के मुताबिक चार मीटर चौड़े और आठ मीटर लंबे इस टैंक में 5,755 किलोग्राम प्रणोदक रखा जा सकता है. कंपनी ने बताया कि उसके पास एलुमिनियम मिश्र धातु के बेहतर प्रणोदक टैंक बनाने की कुशलता और प्रौद्योगिकी है.

कंपनी ने कहा कि एचएएल पिछले पांच दशकों से अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सहयोगी रही है. उसने पीएसएलवी, जीएसएलवी-एमके दो और जीएसएलवी एमके तीन प्रक्षेपण यानों के लिए महत्वपूर्ण ढांचा, टैंक आदि उपकरण भी मुहैया कराए हैं.

बेंगलुरु : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसरो के लिए अब तक का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक (C32 LH2) तैयार किया है. यह प्रोपेलेंट टैंक तय समय से पहले तैयार कर लिया गया है.

हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विज्ञप्ति में कहा कि उसने अनुबंध के तहत तय समय सीमा से बहुत पहले ही इसरो को सबसे बड़ा क्रायोजेनिक प्रणोदक टैंक (सी32एलएच2) की आपूर्ति कर दी है.

सी32एलएच2 टैंक को जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन की भार क्षमता को बेहतर बनाने के लिए विकसित किया गया है.

एचएएल के मुताबिक चार मीटर चौड़े और आठ मीटर लंबे इस टैंक में 5,755 किलोग्राम प्रणोदक रखा जा सकता है. कंपनी ने बताया कि उसके पास एलुमिनियम मिश्र धातु के बेहतर प्रणोदक टैंक बनाने की कुशलता और प्रौद्योगिकी है.

कंपनी ने कहा कि एचएएल पिछले पांच दशकों से अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सहयोगी रही है. उसने पीएसएलवी, जीएसएलवी-एमके दो और जीएसएलवी एमके तीन प्रक्षेपण यानों के लिए महत्वपूर्ण ढांचा, टैंक आदि उपकरण भी मुहैया कराए हैं.

Last Updated : Nov 30, 2020, 11:05 PM IST
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