नई दिल्ली : भारत सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि कोविड वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज (precaution dose) यानी तीसरी डोज लगवाने की समयावधि में कमी नहीं की गई है. दूसरी और तीसरी डोज के बीच सिर्फ 9 महीने का गैप होगा. कई मीडिया रिपोर्टस में नेशनल एडवायजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनिजेशन (NTAGI) के हवाले से यह खबर आई थी कि कोविड की तीसरी खुराक के लिए समयावधि घटाकर छह महीने कर दी गई है. मगर सरकारी सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को नेशनल एडवायजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनिजेशन (NTAGI) की मीटिंग में वैक्सीनेशन को लेकर कोई कोई चर्चा ही नहीं हुई.
भारत में बूस्टर डोज के गैप को कम करना चाहिए या नहीं, इस पर एक्सपर्टस के मिले-जुले विचार हैं. हालांकि भारत सरकार की ओर से 18 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को प्रीकॉशन डोज की अनुमति देने की अनुमति मिल चुकी है, मगर अभी भी थर्ड डोज लेने वालों की तादाद बहुत कम है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के COVID-19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स के को चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन के अनुसार, प्राइमरी वैक्सीनेशन और थर्ड डोज के बीच जितना अधिक अंतर होगा, इम्यूनिटी उतनी ही बेहतर होगी . उन्होंने बताया कि वैक्सीन की दूसरी डोज देने के कुछ महीनों बाद ही जिन लोगों को तीसरी खुराक दी गई थी, उनकी इम्यूनिटी पर खास फर्क नहीं पड़ा था. मगर जिन लोगों को छह महीने या उसके बाद बूस्टर डोज दी गई, उनकी इम्यूनिटी पर इसका असर नजर आया.
बता दें कि 10 अप्रैल, 2022 प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर प्रीकॉशन डोज यानी वैक्सीन की तीसरी खुराक दी जा रही है. 18 साल से अधिक उम्र वाले दूसरी खुराक के 9 महीने बाद प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं. इसके अलावा देश में बच्चों के लिए भी टीकाकरण अभियान जारी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 15 साल से अधिक उम्र वाले 96 फीसदी लोगों को कोविड वैक्सीन की एक खुराक मिल जुकी है जबकि इस ऐज कैटिगरी के 83 फीसदी लोग दोनों डोज ले चुके हैं.
(एएऩआई)