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Nepal Plane Crash में मारे गए गाजीपुर के चारों युवकों की हुई पहचान, परिजन शव लेकर भारत रवाना

नेपाल प्लेन क्रैश (Nepal plane crash) में यूपी के गाजीपुर के चार युवकों के शव की पहचान परिवार वालों द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर कर ली गई है. परिजन शव लेकर भारत के लिए रवाना हो गए हैं.

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Published : Jan 23, 2023, 9:33 PM IST

काठमांडू/गाजीपुरः नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस के विमान दुर्घटनाग्रस्त होने में मारे गए सभी पांच भारतीयों के शवों की पहचान उनके परिवार वालों ने कर ली है. शवों को परिवार वालों को सोमवार को सौंप दिया गया. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पांच भारतीयों में चार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के थे, जिनकी पहचान विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और अभिषेक कुशवाहा (25) के रूप में की गई है. वहीं, पांचवा बिहार के संजय जायसवाल (26) थे. गौरतलब है कि 15 जनवरी को यति एयरलाइंस का विमान उतरने से कुछ मिनट पहले पोखरा में पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान में उस समय चार क्रू मेंबर समेत 72 लोग सवार थे.

डीएम ने दी यह जानकारी.

सभी शव त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में रखे गए थे. यहां पर पीड़ितों के परिवार वालों द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर शनिवार को विशाल शर्मा के शव की पहचान हुई थी. चिकित्सकों ने रविवार को अनिल कुमार राजभर और अभिषेक कुशवाहा के शवों की पहचान की. सोमवार को सोनू जायसवाल के शव की पहचान हुई. त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल के सूत्रों के मुताबिक अस्पताल ने सोमवार को सोनू जायसवाल, अनिल कुमार राजभर, अभिषेक कुशवाहा और विशाल शर्मा के शव उनके परिजनों को सौंप दिए. परिवार के एक सदस्य ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया कि शव लेने के बाद परिजन भारत के लिए रवाना हो गए. संजय जायसवाल का शव उनके परिवार को सौंपे जाने के बाद पिछले सप्ताह भारत वापस ले जाया गया था. दुर्घटनास्थल से अब तक 71 शव बरामद किए जा चुके हैं और शेष एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है.

इसके पहले सोमवार की सुबह हादसे में मारे गए युवकों के परिजनों ने डेड बॉडी गांव वापस मंगाने के लिए सोमवार को गाजीपुर डीएम से गुहार लगाई. डीएम कार्यालय पहुंचे परिजनों ने डीएम की गैर मौजूदगी में एसडीएम को अपना पत्र सौंपकर डेड बॉडी गांव मंगवाने की गुहार लगाई. इस दौरान परिजनों के साथ कांग्रेस के पदाधिकारी भी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. एसडीएम ने उनकी मांग को आगे पहुंचाने का आश्वासन दिया.

वहीं, मृतकों के परिजन रविवार को नेपाल में शव को सौंपे जाने की मांग को लेकर धरने पर भी बैठे थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेपाल में हुए दर्दनाक विमान हादसे में जान गंवाने वाले गाजीपुर के चार युवकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही कहा कि नेपाल से शव लाने का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी.

डीएम आर्यका अखौरी ने इस संबंध में बताया कि नेपाल विमान हादसे में मारे गए युवकों के परिजनों को नेपाल की राजधानी काठमांडू में शिनाख्त के बाद शव सौंप दिए गए हैं. चारों शवों को सड़क मार्ग से एंबुलेंस के जरिए भारत लाया जा रहा है. इस बात को शेयर करते हुए परिजनों ने एक वीडियो और फोटो भी शेयर किया है. जिसमें आशा राम हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड की नेपाल नंबर की एंबुलेंस गाड़ियां दिखाई दे रही हैं. परिजनों का दावा है कि इसी एंबुलेंस के माध्यम से चारों शव भारत लाए जा रहे हैं.

डीएम ने बताया कि दोपहर के बाद शव को लेकर वाया रोड परिजन निकलने वाले थे. जिन्हें सुबह तक भारतीय सीमा में प्रवेश कर लिए जाने की संभावना है. जिला प्रशासन की देखरेख में और परिजनों की राय मशविरा करके शवों का अंतिम संस्कार विधि विधान से किया जाएगा. इस मामले में सरकार ने भी 5-5 लाख रुपए अनुदान की घोषणा मृतक आश्रितों के लिए किया है. उसे भी परिवार जनों को उपलब्ध कराएंगे. (भाषा)

यह भी पढ़ें- Murder in Mahoba: तालाब के किनारे मिला युवक का शव, प्रेम प्रसंग में हत्या की आशंका

काठमांडू/गाजीपुरः नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस के विमान दुर्घटनाग्रस्त होने में मारे गए सभी पांच भारतीयों के शवों की पहचान उनके परिवार वालों ने कर ली है. शवों को परिवार वालों को सोमवार को सौंप दिया गया. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पांच भारतीयों में चार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के थे, जिनकी पहचान विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और अभिषेक कुशवाहा (25) के रूप में की गई है. वहीं, पांचवा बिहार के संजय जायसवाल (26) थे. गौरतलब है कि 15 जनवरी को यति एयरलाइंस का विमान उतरने से कुछ मिनट पहले पोखरा में पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान में उस समय चार क्रू मेंबर समेत 72 लोग सवार थे.

डीएम ने दी यह जानकारी.

सभी शव त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में रखे गए थे. यहां पर पीड़ितों के परिवार वालों द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर शनिवार को विशाल शर्मा के शव की पहचान हुई थी. चिकित्सकों ने रविवार को अनिल कुमार राजभर और अभिषेक कुशवाहा के शवों की पहचान की. सोमवार को सोनू जायसवाल के शव की पहचान हुई. त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल के सूत्रों के मुताबिक अस्पताल ने सोमवार को सोनू जायसवाल, अनिल कुमार राजभर, अभिषेक कुशवाहा और विशाल शर्मा के शव उनके परिजनों को सौंप दिए. परिवार के एक सदस्य ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया कि शव लेने के बाद परिजन भारत के लिए रवाना हो गए. संजय जायसवाल का शव उनके परिवार को सौंपे जाने के बाद पिछले सप्ताह भारत वापस ले जाया गया था. दुर्घटनास्थल से अब तक 71 शव बरामद किए जा चुके हैं और शेष एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है.

इसके पहले सोमवार की सुबह हादसे में मारे गए युवकों के परिजनों ने डेड बॉडी गांव वापस मंगाने के लिए सोमवार को गाजीपुर डीएम से गुहार लगाई. डीएम कार्यालय पहुंचे परिजनों ने डीएम की गैर मौजूदगी में एसडीएम को अपना पत्र सौंपकर डेड बॉडी गांव मंगवाने की गुहार लगाई. इस दौरान परिजनों के साथ कांग्रेस के पदाधिकारी भी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. एसडीएम ने उनकी मांग को आगे पहुंचाने का आश्वासन दिया.

वहीं, मृतकों के परिजन रविवार को नेपाल में शव को सौंपे जाने की मांग को लेकर धरने पर भी बैठे थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेपाल में हुए दर्दनाक विमान हादसे में जान गंवाने वाले गाजीपुर के चार युवकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही कहा कि नेपाल से शव लाने का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी.

डीएम आर्यका अखौरी ने इस संबंध में बताया कि नेपाल विमान हादसे में मारे गए युवकों के परिजनों को नेपाल की राजधानी काठमांडू में शिनाख्त के बाद शव सौंप दिए गए हैं. चारों शवों को सड़क मार्ग से एंबुलेंस के जरिए भारत लाया जा रहा है. इस बात को शेयर करते हुए परिजनों ने एक वीडियो और फोटो भी शेयर किया है. जिसमें आशा राम हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड की नेपाल नंबर की एंबुलेंस गाड़ियां दिखाई दे रही हैं. परिजनों का दावा है कि इसी एंबुलेंस के माध्यम से चारों शव भारत लाए जा रहे हैं.

डीएम ने बताया कि दोपहर के बाद शव को लेकर वाया रोड परिजन निकलने वाले थे. जिन्हें सुबह तक भारतीय सीमा में प्रवेश कर लिए जाने की संभावना है. जिला प्रशासन की देखरेख में और परिजनों की राय मशविरा करके शवों का अंतिम संस्कार विधि विधान से किया जाएगा. इस मामले में सरकार ने भी 5-5 लाख रुपए अनुदान की घोषणा मृतक आश्रितों के लिए किया है. उसे भी परिवार जनों को उपलब्ध कराएंगे. (भाषा)

यह भी पढ़ें- Murder in Mahoba: तालाब के किनारे मिला युवक का शव, प्रेम प्रसंग में हत्या की आशंका

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