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दक्षिण गुजरात में भारी बारिश, असम में बाढ़ से दो और लोगों की मौत

गुजरात और असम में बाढ़ से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. वहीं गुजरात में अगले पांच दिन में भारी बारिश होने का मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है. दूसरी तरफ असम के 12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

heavy rain in south gujarat
दक्षिण गुजरात में भारी बारिश
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Published : Jul 11, 2022, 8:14 AM IST

Updated : Jul 11, 2022, 10:59 AM IST

अहमदाबाद/ गुवाहाटी : दक्षिण और मध्य गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होने से कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ गया और विभिन्न निचले इलाकों में पानी भर गया, जिसके कारण 1,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. वहीं असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी.

मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में अगले पांच दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. अधिकारियों ने बताया कि छोटा उदयपुर, पंचमहल (दोनों मध्य गुजरात में) और डांग जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. छोटा उदयपुर के बोडेली तालुका में रविवार को शाम छह बजे तक सिर्फ 12 घंटे में 433 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण उच और हेरान नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और निचले इलाकों में बाढ़ आई गई.

गुजरात में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त

उप मामलातदार सतीश मल ने कहा, 'हमने अब तक बोडेली शहर के निचले इलाकों और छोटा उदयपुर जिले के नसवारी तालुका के अकोना गांव से 65 लोगों को बचाया है. इसके अलावा 800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.' अधिकारियों ने बताया कि ओरसांग नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद वलसाड के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. कावेरी और अंबिका नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, इसलिए नवसारी जिले के अधिकारी भी अलर्ट पर हैं.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात और रविवार की सुबह वलसाड और नवसारी जिलों में बहुत भारी बारिश हुई. उन्होंने बताया कि छोटा उदयपुर और नर्मदा जिलों में भी भारी बारिश हुई, जिससे नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी भर गया है. जिलाधिकारी अमित प्रकाश यादव ने कहा, 'नवसारी जिले में कावेरी और अंबिका नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हम निचले इलाकों से लोगों को निकाल रहे हैं.' अधिकारियों ने बताया कि वलसाड और नवसारी जिलों के निचले इलाकों से 700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन वलसाड में वर्षा में कमी आने के बाद 400 लोग लौट गए.

शनिवार से हो रही भारी बारिश के कारण दक्षिण और मध्य गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के कई बांधों में पानी भर गया और नदियां उफान पर हैं. कई नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे संबंधित प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.

असम में बाढ़ से 390 गांव जलमग्न : असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) बुलेटिन के अनुसार, दोनों मौतें हैलाकांडी जिले में हुईं. इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 192 हो गई. बुलेटिन के मुताबिक, अभी भी 12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं. 18 राजस्व मंडलों के कुल 390 गांव जलमग्न हैं. कछार सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 3,55,960 लोग अब भी प्रभावित हैं, इसके बाद मोरीगांव में 1,42,662 लोग बाढ़ की चपेट में हैं.

राज्य में 38,000 से अधिक लोगों ने 114 राहत शिविरों में शरण ली है. एएसडीएमए ने कहा कि कुल 7,368.41 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी जलमग्न है. पिछले 24 घंटों में डिब्रूगढ़, मोरीगांव, नगांव, उदलगुरी, बक्सा और होजई जिलों में घरों, सड़कों और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा है. एएसडीएमए के मुताबिक, बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, मोरीगांव और तिनसुकिया जिलों से भूस्खलन की खबरें मिली हैं. हालांकि, राज्य में कोई भी बड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र में इस मानसून बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 76 लोगों की मौत

अहमदाबाद/ गुवाहाटी : दक्षिण और मध्य गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होने से कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ गया और विभिन्न निचले इलाकों में पानी भर गया, जिसके कारण 1,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. वहीं असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी.

मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में अगले पांच दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. अधिकारियों ने बताया कि छोटा उदयपुर, पंचमहल (दोनों मध्य गुजरात में) और डांग जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. छोटा उदयपुर के बोडेली तालुका में रविवार को शाम छह बजे तक सिर्फ 12 घंटे में 433 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण उच और हेरान नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और निचले इलाकों में बाढ़ आई गई.

गुजरात में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त

उप मामलातदार सतीश मल ने कहा, 'हमने अब तक बोडेली शहर के निचले इलाकों और छोटा उदयपुर जिले के नसवारी तालुका के अकोना गांव से 65 लोगों को बचाया है. इसके अलावा 800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.' अधिकारियों ने बताया कि ओरसांग नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद वलसाड के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. कावेरी और अंबिका नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, इसलिए नवसारी जिले के अधिकारी भी अलर्ट पर हैं.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात और रविवार की सुबह वलसाड और नवसारी जिलों में बहुत भारी बारिश हुई. उन्होंने बताया कि छोटा उदयपुर और नर्मदा जिलों में भी भारी बारिश हुई, जिससे नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी भर गया है. जिलाधिकारी अमित प्रकाश यादव ने कहा, 'नवसारी जिले में कावेरी और अंबिका नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हम निचले इलाकों से लोगों को निकाल रहे हैं.' अधिकारियों ने बताया कि वलसाड और नवसारी जिलों के निचले इलाकों से 700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन वलसाड में वर्षा में कमी आने के बाद 400 लोग लौट गए.

शनिवार से हो रही भारी बारिश के कारण दक्षिण और मध्य गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के कई बांधों में पानी भर गया और नदियां उफान पर हैं. कई नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे संबंधित प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.

असम में बाढ़ से 390 गांव जलमग्न : असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) बुलेटिन के अनुसार, दोनों मौतें हैलाकांडी जिले में हुईं. इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 192 हो गई. बुलेटिन के मुताबिक, अभी भी 12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं. 18 राजस्व मंडलों के कुल 390 गांव जलमग्न हैं. कछार सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 3,55,960 लोग अब भी प्रभावित हैं, इसके बाद मोरीगांव में 1,42,662 लोग बाढ़ की चपेट में हैं.

राज्य में 38,000 से अधिक लोगों ने 114 राहत शिविरों में शरण ली है. एएसडीएमए ने कहा कि कुल 7,368.41 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी जलमग्न है. पिछले 24 घंटों में डिब्रूगढ़, मोरीगांव, नगांव, उदलगुरी, बक्सा और होजई जिलों में घरों, सड़कों और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा है. एएसडीएमए के मुताबिक, बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, मोरीगांव और तिनसुकिया जिलों से भूस्खलन की खबरें मिली हैं. हालांकि, राज्य में कोई भी बड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.

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Last Updated : Jul 11, 2022, 10:59 AM IST
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