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Farmers Protest: 'विजय दिवस जश्न' के साथ किसानों ने खत्म किया धरना - किसानों का धरना प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और केंद्र सरकार द्वारा अन्य मांगें स्वीकर करने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया था. प्रदर्शनकारी किसान 'विजय दिवस जश्न' के साथ आज अपने घरों को लौट रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आज देशभर में विजय दिवस (Farmers Vijay Diwas celebration) मनाने की घोषणा की है.

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किसान विजय दिवस
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Published : Dec 11, 2021, 8:44 AM IST

Updated : Dec 11, 2021, 12:48 PM IST

नई दिल्ली : पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) आज समाप्त हो रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आज के दिन को 'विजय दिवस' (Farmers Vijay Diwas celebration) के रूप में मनाने का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारी किसान 'विजय दिवस जश्न' के साथ आज अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. इस बीच किसान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर जश्न मनाते दिखे.

प्रदर्शनकारी किसानों की घर वापसी

वहीं, आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से प्रदर्शन स्थल खाली करके जा रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज से प्रदर्शन स्थल खाली करने की घोषणा की थी.

दिल्ली-गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई

आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

यह भी पढ़ें- किसान नेता बोले- 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे किसान, मांगों की करेंगे समीक्षा

नई दिल्ली : पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) आज समाप्त हो रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आज के दिन को 'विजय दिवस' (Farmers Vijay Diwas celebration) के रूप में मनाने का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारी किसान 'विजय दिवस जश्न' के साथ आज अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. इस बीच किसान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर जश्न मनाते दिखे.

प्रदर्शनकारी किसानों की घर वापसी

वहीं, आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से प्रदर्शन स्थल खाली करके जा रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज से प्रदर्शन स्थल खाली करने की घोषणा की थी.

दिल्ली-गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई

आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

यह भी पढ़ें- किसान नेता बोले- 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे किसान, मांगों की करेंगे समीक्षा

Last Updated : Dec 11, 2021, 12:48 PM IST
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