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राजौरी में LoC पर गश्त के दौरान विस्फोट, सेना के एक अधिकारी समेत दो शहीद

जम्मू कश्मीर के राजौरी में शनिवार दोपहर नियंत्रण रेखा पर हुए विस्फोट में सेना के एक अधिकारी और एक जवान शहीद हो गए. जिस जगह धमाका हुआ, उस स्थान पर सेना ने बारूदी सुरंगें बिछाई हैं ताकि सीमा पार से घुसपैठ रोकी जा सके.

राजौरी
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Published : Oct 30, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 12:20 AM IST

राजौरी : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटी अग्रिम चौकी के पास गश्त के दौरान बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट की चपेट में आने से एक अधिकारी समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि नौशेरा सेक्टर के कलाल इलाके में धमाका उस समय हुआ, जब सेना की एक टुकड़ी सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की रोकथाम संबंधी उपायों का जायजा लेने के लिए गश्त कर रही थी.

जम्मू में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि नौशेरा सेक्टर में शनिवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट की चपेट में आने से दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें तत्काल पास के सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इस घटना में एक अन्य जवान भी घायल हो गया था जिसका उपचार जारी है.

अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह धमाका हुआ, उस स्थान पर सेना ने बारूदी सुरंगें बिछाई हुई हैं ताकि सीमा पार से घुसपैठ रोकी जा सके. आनंद ने कहा कि जान गंवाने वाले जवानों की पहचान लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार और सिपाही मनजीत सिंह के रूप में की गई है. लेफ्टिनेंट कुमार बिहार के बेगूसराय के रहने वाले थे जबकि सिपाही सिंह बठिंडा के निवासी थे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायल जवान के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : शहीद जवानों के नाम पर शैक्षणिक संस्थानों का नामकरण शुरू
सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, 'सेना के लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार और सिपाही मनजीत सिंह के अदम्य साहस को मेरी श्रद्धांजलि जोकि नौशेरा सेक्टर में भारत की सीमा की रक्षा के दौरान शहीद हो गए. शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. घायल जवान के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.'

बता दें कि जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं एनआईए साल 2017 से ही कश्मीर में उग्रवाद और अलगाववादियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई कर रही है. साथ ही फंडिंग और उग्रवाद के मामलों में दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

इसके अलावा एनआईए ने हाल ही में नागरिकों की हत्याओं की जांच भी शुरू की है और इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अनौपचारिक अनुमानों के अनुसार, एनआईए ने पिछले चार महीनों में जम्मू-कश्मीर में लगभग 130 छापे मारे हैं.

राजौरी : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटी अग्रिम चौकी के पास गश्त के दौरान बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट की चपेट में आने से एक अधिकारी समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि नौशेरा सेक्टर के कलाल इलाके में धमाका उस समय हुआ, जब सेना की एक टुकड़ी सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की रोकथाम संबंधी उपायों का जायजा लेने के लिए गश्त कर रही थी.

जम्मू में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि नौशेरा सेक्टर में शनिवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट की चपेट में आने से दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें तत्काल पास के सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इस घटना में एक अन्य जवान भी घायल हो गया था जिसका उपचार जारी है.

अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह धमाका हुआ, उस स्थान पर सेना ने बारूदी सुरंगें बिछाई हुई हैं ताकि सीमा पार से घुसपैठ रोकी जा सके. आनंद ने कहा कि जान गंवाने वाले जवानों की पहचान लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार और सिपाही मनजीत सिंह के रूप में की गई है. लेफ्टिनेंट कुमार बिहार के बेगूसराय के रहने वाले थे जबकि सिपाही सिंह बठिंडा के निवासी थे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायल जवान के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : शहीद जवानों के नाम पर शैक्षणिक संस्थानों का नामकरण शुरू
सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, 'सेना के लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार और सिपाही मनजीत सिंह के अदम्य साहस को मेरी श्रद्धांजलि जोकि नौशेरा सेक्टर में भारत की सीमा की रक्षा के दौरान शहीद हो गए. शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. घायल जवान के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.'

बता दें कि जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं एनआईए साल 2017 से ही कश्मीर में उग्रवाद और अलगाववादियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई कर रही है. साथ ही फंडिंग और उग्रवाद के मामलों में दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

इसके अलावा एनआईए ने हाल ही में नागरिकों की हत्याओं की जांच भी शुरू की है और इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अनौपचारिक अनुमानों के अनुसार, एनआईए ने पिछले चार महीनों में जम्मू-कश्मीर में लगभग 130 छापे मारे हैं.

Last Updated : Oct 31, 2021, 12:20 AM IST
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