ETV Bharat / bharat

मर्यादित ड्रेस में आने पर ही बालाजी और शनिदेव मंदिर में मिलेगा प्रवेश, कमेटी ने लगाए बोर्ड - मंदिर में शालीन परिधान में प्रवेश

काफी लोग पश्चिमी सभ्यता के पहनावे का अनुकरण कर रहे हैं. वे इन्हीं कपड़ों में मंदिर में पूजा-पाठ करने भी पहुंच जाते हैं. मेरठ के दो मंदिरों में इस पर पाबंदी लगा दी गई है. परिसर में कई जगहों पर बोर्ड भी लगा दिए गए हैं.

मर्यादित ड्रेस में आने पर बालाजी और शनिदेव मंदिर में मिलेगा प्रवेश.
मर्यादित ड्रेस में आने पर बालाजी और शनिदेव मंदिर में मिलेगा प्रवेश.
author img

By

Published : Jun 11, 2023, 4:13 PM IST

मर्यादित ड्रेस में आने पर बालाजी और शनिदेव मंदिर में मिलेगा प्रवेश.

मेरठ : वेस्ट एंड रोड स्थित बालाजी और शनिदेव मंदिर में अब मर्यादित कपड़े पहनकर जाने पर ही प्रवेश मिलेगा. मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने मंदिर परिसर में बोर्ड भी लगवा दिए हैं. इस पर मंदिर में शालीन कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है. बोर्ड पर लिखा है कि 'विनम्र आग्रह, कृपया मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें'. मंदिर में आने वाले भक्तों ने भी कमेटी के इस फैसले का स्वागत किया है.

रविवार को मेरठ के वेस्ट एंड रोड स्थित श्री बालाजी और शनिदेव मंदिर के बाहर बोर्ड लगा दिए गए. मन्दिर से जुड़े अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री श्री 108 महेंद्र दास महाराज ने बताया कि भारत में सनातन धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद मंदिरों में आने वाले काफी लोगों की वेशभूषा काफी खराब होती है. कोई फटी जींस पहनकर चला आता है तो किसी के कपड़े छोटे होते हैं. ऐसे कपड़े भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं हैं. लोग जो मन करता है, वही पहनकर मंदिर चले आते हैं.

महामंडलेश्वर ने कहा कि पश्चिमी पहनावे ने देश का माहौल बिगाड़ दिया है. ऐसे में जरूरी है कि मंदिरों से भी लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए. महेंद्र दास ने कहा कि वे चाहते हैं कि देश के सभी मंदिरों में इसका पालन किया जाए. उनकी तरफ से मन्दिर प्रांगण में इस आशय के बोर्ड लगा दिए गए हैं. हम भारतीयों को अपनी मर्यादा में रहकर ही भक्ति भाव से पूजा-पाठ करना चाहिए. पुरुषों को पैंट-शर्ट, धोती-कुर्ता और महिलाएं भारतीय परिधान में प्रवेश करें.

महामंडलेश्वर ने कहा कि वे खुद मंदिर आने वाले लोगों को जागरूक करेंगे. यदि कोई भूल से अमर्यादित कपड़े पहनकर आ भी गया तो उसे समझा कर वापस भेज दिया जाएगा. महामंडलेश्वर का कहना है कि मर्यादित वस्त्र पहन कर आना नई परंपरा नहीं है, बल्कि मंदिर के नियमों में भी इसका जिक्र है. वहीं श्रद्धालु बीना देवी का कहना है कि लोगों को भारतीय परंपरा का निर्वहन करना चाहिए, मंदिर कमेटी ने सही फैसला लिया है. श्रद्धालु रमिंदर कौर ने बताया कि मान मर्यादा में रहना बेहद जरूरी है. कमेटी की इस पहल से लोगों के अंदर बदलाव आएगा.

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड की मार्कशीट में गड़बड़ी सही कराने नहीं लगाने होंगे चक्कर, अब जिले में ही हो जाएगा काम

मर्यादित ड्रेस में आने पर बालाजी और शनिदेव मंदिर में मिलेगा प्रवेश.

मेरठ : वेस्ट एंड रोड स्थित बालाजी और शनिदेव मंदिर में अब मर्यादित कपड़े पहनकर जाने पर ही प्रवेश मिलेगा. मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने मंदिर परिसर में बोर्ड भी लगवा दिए हैं. इस पर मंदिर में शालीन कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है. बोर्ड पर लिखा है कि 'विनम्र आग्रह, कृपया मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें'. मंदिर में आने वाले भक्तों ने भी कमेटी के इस फैसले का स्वागत किया है.

रविवार को मेरठ के वेस्ट एंड रोड स्थित श्री बालाजी और शनिदेव मंदिर के बाहर बोर्ड लगा दिए गए. मन्दिर से जुड़े अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री श्री 108 महेंद्र दास महाराज ने बताया कि भारत में सनातन धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद मंदिरों में आने वाले काफी लोगों की वेशभूषा काफी खराब होती है. कोई फटी जींस पहनकर चला आता है तो किसी के कपड़े छोटे होते हैं. ऐसे कपड़े भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं हैं. लोग जो मन करता है, वही पहनकर मंदिर चले आते हैं.

महामंडलेश्वर ने कहा कि पश्चिमी पहनावे ने देश का माहौल बिगाड़ दिया है. ऐसे में जरूरी है कि मंदिरों से भी लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए. महेंद्र दास ने कहा कि वे चाहते हैं कि देश के सभी मंदिरों में इसका पालन किया जाए. उनकी तरफ से मन्दिर प्रांगण में इस आशय के बोर्ड लगा दिए गए हैं. हम भारतीयों को अपनी मर्यादा में रहकर ही भक्ति भाव से पूजा-पाठ करना चाहिए. पुरुषों को पैंट-शर्ट, धोती-कुर्ता और महिलाएं भारतीय परिधान में प्रवेश करें.

महामंडलेश्वर ने कहा कि वे खुद मंदिर आने वाले लोगों को जागरूक करेंगे. यदि कोई भूल से अमर्यादित कपड़े पहनकर आ भी गया तो उसे समझा कर वापस भेज दिया जाएगा. महामंडलेश्वर का कहना है कि मर्यादित वस्त्र पहन कर आना नई परंपरा नहीं है, बल्कि मंदिर के नियमों में भी इसका जिक्र है. वहीं श्रद्धालु बीना देवी का कहना है कि लोगों को भारतीय परंपरा का निर्वहन करना चाहिए, मंदिर कमेटी ने सही फैसला लिया है. श्रद्धालु रमिंदर कौर ने बताया कि मान मर्यादा में रहना बेहद जरूरी है. कमेटी की इस पहल से लोगों के अंदर बदलाव आएगा.

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड की मार्कशीट में गड़बड़ी सही कराने नहीं लगाने होंगे चक्कर, अब जिले में ही हो जाएगा काम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.