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भाई हों तो ऐसे, दिव्यांग बहन को डोली में ले जाते हैं एग्जाम सेंटर तक

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Published : Mar 31, 2022, 10:02 PM IST

सोशल मीडिया पर आजकल उत्तराखंड से जुड़ा एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दो युवक एक दिव्यांग लड़की को लादकर ले जा रहे है. ये दिव्यांग लड़की संजना है जो 10 वीं का बोर्ड एग्जाम दे रही है. जो युवक लड़की को डोली में ले जा रहे हैं. वे संजना के भाई पारस और आकाश हैं.

viral video of sanjana
viral video of sanjana

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के चमाली गांव में रहने वाले दो भाई अपनी दिव्यांग बहन के सपनों को पंख दे रहे हैं. वह अपनी दिव्यांग बहन को रोज डोली में बैठाकर एग्जाम दिलाने सेंटर पर ले जाते हैं. शैलकुमारी इंटर कॉलेज में डोली में लादकर परीक्षा सेंटर ले जाने वाला उनका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. लोग भाई-बहन के हौसले की तारीफ कर रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद अब अब जिला प्रशासन भी इस परिवार की मदद का भरोसा दे रहा है.

दरअसल, ये वीडियो चमाली गांव की रहने वाली संजना और उसके दो भाई पारस और आकाश का है. संजना की इन दिनों बोर्ड एग्जाम दे रही है. चलने में असमर्थ संजना को उसके दोनों भाई डोली में बैठाकर आधा किलोमीटर दूर स्थित स्कूल तक पहुंचाते हैं.

दिल छू लेगा यह वायरल वीडियो, संजना को एग्जाम सेंटर पर ले जाते भाई.

दिव्यांग संजना बनना चाहती है शिक्षक: गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली संजना भले ही चलने-फिरने में असमर्थ हो, इसके बावजूद भी उसके सपनों की उड़ान बहुत ऊंची है. संजना पढ़ लिखकर टीचर बनना चाहती है. वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने परिवार का सहारा बनना चाहती है. फिलहाल संजना 10 वीं की परीक्षा दे रही है. उसके घर से परीक्षा केंद्र की दूरी 14 किलोमीटर है. जिसे देखते हुए भाई-बहनों ने लोधियागैर में कमरा लिया है, लेकिन यहां से भी परीक्षा केंद्र पहुंचने के लिए आधा किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
संजना के सपनों की उड़ान में भाई बने पंख: दिव्यांग संजना के सपनों को पूरा करने का बीड़ा उसके दो भाइयों ने उठाया है. पारस और आकाश बहन को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेते हैं. परीक्षा के दिन दोनों भाई डोली में बहन को लादकर लोधियागैर से आधा किलोमीटर दूर स्थित शैलकुमारी इंटर कॉलेज तक पहुंचाते हैं. भाइयों के इस प्रयास की हर कोई तारीफ कर रहा है.
आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार: संजना के पिता गोविंद राजन की 6 साल पहले मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. संजना की मां प्राथमिक विद्यालय डुंगरी में भोजन माता है. संजना के भाई पारस और बहन सानिया 12वीं की परीक्षा दे रही है.

मदद की बात कर रहे अधिकारी: वीडियो वायरल होने के बाद हर ओर इन भाई-बहनों की चर्चा हो रही है, जिसके बाद अब ये मामला प्रशासन के संज्ञान में भी आ गया है. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने संजना की परीक्षा जीआईसी चमाली में देने के लिए सीईओ को निर्देशित कर दिया है. साथ ही उन्होंने संजना को सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने का भी भरोसा दिलाया है.

पढ़ें : क्या वजह है कि बिहार के इस गांव में प्याज-लहसुन खाने पर लगी है पाबंदी?

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के चमाली गांव में रहने वाले दो भाई अपनी दिव्यांग बहन के सपनों को पंख दे रहे हैं. वह अपनी दिव्यांग बहन को रोज डोली में बैठाकर एग्जाम दिलाने सेंटर पर ले जाते हैं. शैलकुमारी इंटर कॉलेज में डोली में लादकर परीक्षा सेंटर ले जाने वाला उनका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. लोग भाई-बहन के हौसले की तारीफ कर रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद अब अब जिला प्रशासन भी इस परिवार की मदद का भरोसा दे रहा है.

दरअसल, ये वीडियो चमाली गांव की रहने वाली संजना और उसके दो भाई पारस और आकाश का है. संजना की इन दिनों बोर्ड एग्जाम दे रही है. चलने में असमर्थ संजना को उसके दोनों भाई डोली में बैठाकर आधा किलोमीटर दूर स्थित स्कूल तक पहुंचाते हैं.

दिल छू लेगा यह वायरल वीडियो, संजना को एग्जाम सेंटर पर ले जाते भाई.

दिव्यांग संजना बनना चाहती है शिक्षक: गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली संजना भले ही चलने-फिरने में असमर्थ हो, इसके बावजूद भी उसके सपनों की उड़ान बहुत ऊंची है. संजना पढ़ लिखकर टीचर बनना चाहती है. वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने परिवार का सहारा बनना चाहती है. फिलहाल संजना 10 वीं की परीक्षा दे रही है. उसके घर से परीक्षा केंद्र की दूरी 14 किलोमीटर है. जिसे देखते हुए भाई-बहनों ने लोधियागैर में कमरा लिया है, लेकिन यहां से भी परीक्षा केंद्र पहुंचने के लिए आधा किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
संजना के सपनों की उड़ान में भाई बने पंख: दिव्यांग संजना के सपनों को पूरा करने का बीड़ा उसके दो भाइयों ने उठाया है. पारस और आकाश बहन को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेते हैं. परीक्षा के दिन दोनों भाई डोली में बहन को लादकर लोधियागैर से आधा किलोमीटर दूर स्थित शैलकुमारी इंटर कॉलेज तक पहुंचाते हैं. भाइयों के इस प्रयास की हर कोई तारीफ कर रहा है.
आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार: संजना के पिता गोविंद राजन की 6 साल पहले मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. संजना की मां प्राथमिक विद्यालय डुंगरी में भोजन माता है. संजना के भाई पारस और बहन सानिया 12वीं की परीक्षा दे रही है.

मदद की बात कर रहे अधिकारी: वीडियो वायरल होने के बाद हर ओर इन भाई-बहनों की चर्चा हो रही है, जिसके बाद अब ये मामला प्रशासन के संज्ञान में भी आ गया है. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने संजना की परीक्षा जीआईसी चमाली में देने के लिए सीईओ को निर्देशित कर दिया है. साथ ही उन्होंने संजना को सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने का भी भरोसा दिलाया है.

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