जम्मू-कश्मीर: विभिन्न राजनीतिक दल कश्मीर में प्रवासी मजदूरों की हत्या की निंदा कर रहे हैं. शिवसेना जम्मू-कश्मीर इकाई बजरंग दल डोगरा फ्रंट ने आज जम्मू में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और कश्मीर प्रांत के शोपियां इलाके में आतंकवादियों द्वारा प्रवासी मजदूरों की हत्या की कड़ी निंदा की. आज जम्मू में रानी पार्क क्षेत्र में डोगरा मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, बजरंदल नेताओं ने बहू चौक के पास विरोध प्रदर्शन किया.
बड़ी ब्राह्मण के सिडको चौक पर जमा हुए शिवसैनिकों ने 'कश्मीर में शांति बहाल करो, आतंकवाद को नष्ट करो' के नारे लगाए. साहनी ने कश्मीर घाटी में जारी लक्षित हत्याओं को नियंत्रित करने में सरकार की विफलता पर तंज कसा. पत्रकारों से बात करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कश्मीर घाटी में 2017 से अब तक दो दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूरों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है. कश्मीरी हिंदुओं, प्रवासी मजदूरों, सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों को लगातार आतंकवादी निशाना बना रहे हैं.
पिछले 72 घंटे में टारगेट किलिंग की यह दूसरी घटना है और कश्मीर घाटी में काम करने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल नहीं देने के लिए केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि यह उन लोगों की पूरी विफलता है जो कुछ समय पहले आतंकवाद पर लगाम लगाने का दावा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने आतंक का राज फैला दिया है और सरकार घाटी में बेरोक-टोक हत्याओं को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है, जो चिंता का विषय है.
लक्षित हत्याओं को रोकने में केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन असफल साबित हुआ है. इसके अलावा शिया फेडरेशन के अध्यक्ष आशिक हुसैन ने जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और घाटी में अल्पसंख्यक समुदायों और गैर स्थानीय लोगों पर लक्षित हमलों की निंदा की. शिया फेडरेशन के अध्यक्ष ने अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों की हत्या की निंदा की. शिया फेडरेशन के अध्यक्ष आशिक हुसैन ने जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
उन्होंने घाटी में अल्पसंख्यक समुदायों और गैर-स्थानीय लोगों पर लक्षित हमलों की निंदा की. उन्होंने इस मामले को लेकर कहा कि बहुलता कश्मीरी समाज का एक बुनियादी और मौलिक तथ्य है और सभी को कश्मीरी समाज के इस बहुलवादी स्वरूप को समझना होगा.