ETV Bharat / bharat

बीटीसी करने के बावजूद एसडीएम ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या को इस वजह से करनी पड़ी सफाई कर्मी की नौकरी

एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या के बीच चल रहा विवाद (SDM Jyoti maurya case) सुर्खियों में है. आए दिन दोनों को लेकर बयानबाजी भी होती रहती है. ज्योति मौर्या की उपलब्धियों से हर कोई वाकिफ है, लेकिन आलोक का संघर्ष भी कुछ कम नहीं है.

एसडीएम ज्योति मौर्या
एसडीएम ज्योति मौर्या
author img

By

Published : Jul 21, 2023, 10:35 PM IST

शिक्षक ने आलोक मौर्या को बेहद सरल स्वभाव का बताया.

इटावा : एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का पारिवारिक विवाद अभी सुलझ नहीं पाया है. दोनों के बीच मौजूदा समय में भले ही फासले हो गए हों लेकिन एक दौर था जब दोनों ही एक-दूसरे का खास ख्याल रखा करते थे. दोनों के बीच आपसी मनमुटाव के बीच कई सवालों ने भी जन्म ले लिया. पति-पत्नी की तल्खियों के बीच आईपीएस मनीष दुबे का भी नाम सामने आया. एक बार मनीष दुबे ने ज्योति मौर्या को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा था कि आलोक को पता नहीं कि आईएएस में कितने पेपर होते हैं, लेकिन उनके दावों में सच्चाई नजर नहीं आती. अभय वीर स्मृति महाविद्यालय से आलोक ने बीटीसी की थी. वह पढ़ने में बेहद होशियार भी हुआ करते थे.

कॉलेज के कागजात.
कॉलेज के कागजात.

आलोक मौर्या ने की है बीटीसी : एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या शिक्षिका थीं. उस दौरान उनके संकुल प्रभारी रहे जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जसवंत नगर के अजनौरा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में ज्योति प्रशिक्षु शिक्षिका थीं. उनके पति आलोक मौर्या ने इटावा के उदी मोड़ के पास स्थित अभय वीर स्मृति महाविद्यालय से सन 2015 में बीटीसी की पढ़ाई की थी. उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी आलोक मौर्या को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करनी पड़ी. उस समय किन्हीं कारणों से वह परीक्षा क्लीयर नहीं कर पाए थे. संभव है कि वह चाहते रहे हों कि ज्योति ही पढ़-लिखकर आगे बढ़ें. आलोक ने भी अगर खुद के सपनों को पूरा करने की जिद की होती तो निश्चित तौर पर वह भी आज अच्छे मुकाम पर होते.

यह भी पढ़ें : एसडीएम ज्योति मौर्या की जेठानी भी ससुरालियों के खिलाफ, गांव की महिलाएं बोलीं- हो सकती है साजिश

अच्छे स्वभाव के हैं आलोक, नहीं हुआ कोई विवाद : अभय वीर स्मृति महाविद्यालय के प्राचार्य विनय शर्मा ने बताया कि आलोक मौर्या का 2014 बीटीसी बैच था, काउंसलिंग के जरिए उन्होंने 2015 में प्रवेश लिया था. उस समय काउंसलिंग के द्वारा ही प्रवेश होता था. पढ़ने में आलोक अच्छा विद्यार्थी था. इसलिए काउंसलिंग के जरिए ही उनका प्रवेश हुआ था. आलोक का स्वभाव काफी अच्छा था. कभी विद्यार्थियों और शिक्षकों से कोई विवाद नहीं हुआ. आलोक मौर्या ने खुद पढ़ाई की और साथ ही ज्योति मौर्या को भी पढ़ाया. ज्योति मौर्या ने यह ठीक नहीं किया. ज्योति और आलोक को मिल-जुलकर रहना चाहिए. अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है.

यह भी पढ़ें : ज्योति मौर्या के शिक्षिका से समीक्षा अधिकारी बनने पर आलोक मौर्या ने पूरे स्कूल में बांटी थी मिठाई

शिक्षक ने आलोक मौर्या को बेहद सरल स्वभाव का बताया.

इटावा : एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का पारिवारिक विवाद अभी सुलझ नहीं पाया है. दोनों के बीच मौजूदा समय में भले ही फासले हो गए हों लेकिन एक दौर था जब दोनों ही एक-दूसरे का खास ख्याल रखा करते थे. दोनों के बीच आपसी मनमुटाव के बीच कई सवालों ने भी जन्म ले लिया. पति-पत्नी की तल्खियों के बीच आईपीएस मनीष दुबे का भी नाम सामने आया. एक बार मनीष दुबे ने ज्योति मौर्या को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा था कि आलोक को पता नहीं कि आईएएस में कितने पेपर होते हैं, लेकिन उनके दावों में सच्चाई नजर नहीं आती. अभय वीर स्मृति महाविद्यालय से आलोक ने बीटीसी की थी. वह पढ़ने में बेहद होशियार भी हुआ करते थे.

कॉलेज के कागजात.
कॉलेज के कागजात.

आलोक मौर्या ने की है बीटीसी : एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या शिक्षिका थीं. उस दौरान उनके संकुल प्रभारी रहे जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जसवंत नगर के अजनौरा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में ज्योति प्रशिक्षु शिक्षिका थीं. उनके पति आलोक मौर्या ने इटावा के उदी मोड़ के पास स्थित अभय वीर स्मृति महाविद्यालय से सन 2015 में बीटीसी की पढ़ाई की थी. उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी आलोक मौर्या को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करनी पड़ी. उस समय किन्हीं कारणों से वह परीक्षा क्लीयर नहीं कर पाए थे. संभव है कि वह चाहते रहे हों कि ज्योति ही पढ़-लिखकर आगे बढ़ें. आलोक ने भी अगर खुद के सपनों को पूरा करने की जिद की होती तो निश्चित तौर पर वह भी आज अच्छे मुकाम पर होते.

यह भी पढ़ें : एसडीएम ज्योति मौर्या की जेठानी भी ससुरालियों के खिलाफ, गांव की महिलाएं बोलीं- हो सकती है साजिश

अच्छे स्वभाव के हैं आलोक, नहीं हुआ कोई विवाद : अभय वीर स्मृति महाविद्यालय के प्राचार्य विनय शर्मा ने बताया कि आलोक मौर्या का 2014 बीटीसी बैच था, काउंसलिंग के जरिए उन्होंने 2015 में प्रवेश लिया था. उस समय काउंसलिंग के द्वारा ही प्रवेश होता था. पढ़ने में आलोक अच्छा विद्यार्थी था. इसलिए काउंसलिंग के जरिए ही उनका प्रवेश हुआ था. आलोक का स्वभाव काफी अच्छा था. कभी विद्यार्थियों और शिक्षकों से कोई विवाद नहीं हुआ. आलोक मौर्या ने खुद पढ़ाई की और साथ ही ज्योति मौर्या को भी पढ़ाया. ज्योति मौर्या ने यह ठीक नहीं किया. ज्योति और आलोक को मिल-जुलकर रहना चाहिए. अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है.

यह भी पढ़ें : ज्योति मौर्या के शिक्षिका से समीक्षा अधिकारी बनने पर आलोक मौर्या ने पूरे स्कूल में बांटी थी मिठाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.