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अमेठी के संजय गांधी अस्पताल में महिला की मौत पर हंगामा, प्रदर्शन, डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश - संजय गांधी अस्पताल की न्यूज

संजय गांधी अस्पताल में विवाहिता की मौत से गुस्साए परिजनों ने शव गेट पर रखकर प्रदर्शन किया. इस दौरान अस्पताल प्रशासन पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए. डिप्टी सीएम ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2023, 1:30 PM IST

Updated : Sep 17, 2023, 2:54 PM IST

अमेठीः संजय गांधी अस्पताल में इलाज दौरान हुई महिला की मौत का मामला शांत होने का नाम नही ले रहा है. ग्रामीणों के साथ परिजनों ने अस्पताल गेट पर शव रख कर प्रदर्शन किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाया है. वहीं, मुंशीगंज थाने में परिजनों की तहरीर पर CEO समेत 3 डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं सीईओ ने अस्पताल में लापरवाही से इंकार किया है.

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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश.

पीड़ित परिजनों के मुताबिक, जिले मुसाफिर खाना क्षेत्र के रामशाहपुर गांव के रहने वाले अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला को पित्त की थैली में पथरी थी. शुक्रवार को परिजनों ने दिव्या को मुंशीगंज के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां शनिवार को डॉक्टर ऑपरेशन के लिए ओटी में लेकर गए. ऑपरेशन के पहले महिला को एनेस्थीसिया का डोज दिया गया. जिसके बाद वह कोमा में चली गई. परिजनों के मुताबिक देर रात करीब दो बजे अस्पताल प्रशासन ने महिला को लखनऊ रेफर कर दिया. महिला को लेकर परिजन मेंदान्ता हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. देर शाम पीएम के बाद शाम शव घर पहुंचा.

मृतका के पति अनुज शुक्ल ने कहा कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में तैनात डॉक्टर को दिखाया गया था. जहां काफी जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात बताई गई. ऑपरेशन के पहले उसकी पत्नी को एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई. पीएम के बाद देर शाम परिवारीजनों ने दिव्या का शव लेकर रामशाहपुर गाव में पहुंचे. इसके बाद बड़ी संख्या में परिजन मुंशीगंज स्थित अस्पताल के गेट पर शव रखकर परिवारीजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. वही अस्पताल के ट्रस्टी व प्रसाशन के सामने परिवारीजनों ने पांच मागें रखीं. परिवारीजनों ने मांग पत्र सीओ गौरीगंज मयंक द्विवेदी को दिया. देर रात्रि तक परिवारीजन अस्पताल गेट पर शव रखकर बैठे रहे. इस दौरान कई थानों की पुलिस व पीएसी बल तैनात रही.

वहीं, भाई मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि बहन को एडमिट कराने के बाद पता चला कि हालत बहुत खराब है. ऑपरेशन भी नहीं हो पाया. बहन वेंटीलेटर पर आ गई. डॉक्टर पूरी रात हमसे पैसे लेते रहे और जांच करवाते रहे. कोई रिजल्ट नहीं आया. जब बॉडी डेड हो गई तो दबाव बनाने लगे कि आप इनको दूसरे अस्पताल ले जाएं. मांग है कि मृतका के 10 माह का बच्चा है. उसका जीवन इन लोगों ने बिगाड़ दिया. बच्चे के भरण, पोषण शिक्षा मेडिकल और एक करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं. प्रशासन की तरफ से अभी कोई रिस्पांस नहीं मिला है.

बता दें कि संजय गांधी अस्पताल की मुख्य ट्रस्टी सोनिया गांधी है. इसके पूर्व 2019 लोक सभा चुनाव के दौरान भी संजय गांधी अस्पताल चर्चा में आया था. उस समय केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था. वहीं, पुलिस ने पीड़ित परिजनों की तहरीर पर सीईओ समेत तीन डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी गौरीगंज मयंक द्विवेदी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करवाने के निर्देश दिए हैं.

संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा ने बताया कि मरीज को ऑपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया का डोज दिया गया था. कभी-कभी एलोपैथ मेडिसिन से मरीज को कुछ दिक्कत हो जाती है. मरीज हालत बिगड़ते ही हमने एचएएल से एंबुलेंस की व्यवस्था करके मेदांता अस्पताल के लिए भिजवाया. वहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई. अस्पताल में बेहतरीन सुविधा देने का प्रयास किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः जिला अस्पताल में डॉक्टर पर पैसे लेकर ऑपरेशन करने का आरोप, सर्जरी के दौरान पेट में छोड़ दिया सर्जिकल ब्लेड

अमेठीः संजय गांधी अस्पताल में इलाज दौरान हुई महिला की मौत का मामला शांत होने का नाम नही ले रहा है. ग्रामीणों के साथ परिजनों ने अस्पताल गेट पर शव रख कर प्रदर्शन किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाया है. वहीं, मुंशीगंज थाने में परिजनों की तहरीर पर CEO समेत 3 डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं सीईओ ने अस्पताल में लापरवाही से इंकार किया है.

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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश.

पीड़ित परिजनों के मुताबिक, जिले मुसाफिर खाना क्षेत्र के रामशाहपुर गांव के रहने वाले अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला को पित्त की थैली में पथरी थी. शुक्रवार को परिजनों ने दिव्या को मुंशीगंज के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां शनिवार को डॉक्टर ऑपरेशन के लिए ओटी में लेकर गए. ऑपरेशन के पहले महिला को एनेस्थीसिया का डोज दिया गया. जिसके बाद वह कोमा में चली गई. परिजनों के मुताबिक देर रात करीब दो बजे अस्पताल प्रशासन ने महिला को लखनऊ रेफर कर दिया. महिला को लेकर परिजन मेंदान्ता हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. देर शाम पीएम के बाद शाम शव घर पहुंचा.

मृतका के पति अनुज शुक्ल ने कहा कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में तैनात डॉक्टर को दिखाया गया था. जहां काफी जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात बताई गई. ऑपरेशन के पहले उसकी पत्नी को एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई. पीएम के बाद देर शाम परिवारीजनों ने दिव्या का शव लेकर रामशाहपुर गाव में पहुंचे. इसके बाद बड़ी संख्या में परिजन मुंशीगंज स्थित अस्पताल के गेट पर शव रखकर परिवारीजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. वही अस्पताल के ट्रस्टी व प्रसाशन के सामने परिवारीजनों ने पांच मागें रखीं. परिवारीजनों ने मांग पत्र सीओ गौरीगंज मयंक द्विवेदी को दिया. देर रात्रि तक परिवारीजन अस्पताल गेट पर शव रखकर बैठे रहे. इस दौरान कई थानों की पुलिस व पीएसी बल तैनात रही.

वहीं, भाई मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि बहन को एडमिट कराने के बाद पता चला कि हालत बहुत खराब है. ऑपरेशन भी नहीं हो पाया. बहन वेंटीलेटर पर आ गई. डॉक्टर पूरी रात हमसे पैसे लेते रहे और जांच करवाते रहे. कोई रिजल्ट नहीं आया. जब बॉडी डेड हो गई तो दबाव बनाने लगे कि आप इनको दूसरे अस्पताल ले जाएं. मांग है कि मृतका के 10 माह का बच्चा है. उसका जीवन इन लोगों ने बिगाड़ दिया. बच्चे के भरण, पोषण शिक्षा मेडिकल और एक करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं. प्रशासन की तरफ से अभी कोई रिस्पांस नहीं मिला है.

बता दें कि संजय गांधी अस्पताल की मुख्य ट्रस्टी सोनिया गांधी है. इसके पूर्व 2019 लोक सभा चुनाव के दौरान भी संजय गांधी अस्पताल चर्चा में आया था. उस समय केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था. वहीं, पुलिस ने पीड़ित परिजनों की तहरीर पर सीईओ समेत तीन डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी गौरीगंज मयंक द्विवेदी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करवाने के निर्देश दिए हैं.

संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा ने बताया कि मरीज को ऑपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया का डोज दिया गया था. कभी-कभी एलोपैथ मेडिसिन से मरीज को कुछ दिक्कत हो जाती है. मरीज हालत बिगड़ते ही हमने एचएएल से एंबुलेंस की व्यवस्था करके मेदांता अस्पताल के लिए भिजवाया. वहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई. अस्पताल में बेहतरीन सुविधा देने का प्रयास किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः जिला अस्पताल में डॉक्टर पर पैसे लेकर ऑपरेशन करने का आरोप, सर्जरी के दौरान पेट में छोड़ दिया सर्जिकल ब्लेड

Last Updated : Sep 17, 2023, 2:54 PM IST
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